मुकेश शर्मा
ग्वालियर
हाउसिंग बोर्ड के अपर आयुक्त महेंद्र सिंह के फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच पर मंडल के अधिकारियों ने मारी कुंडली
महेन्द्र सिंह के जाति प्रमाण पत्र की जांच शुरू तो हुई थी किन्तु क्या हुआ मुझे जानकारी नही: तृप्ति श्रीवास्तव
म.प्र गृह निर्माण एवं अधो संरचना विकास मंडल के प्रभारी अपर आयुक्त 4 महेंद्र सिंह फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे हैं। इस आशय की शिकायत हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों सहित प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार के सभी वरिष्ठ अधिकारियों से की गई है।लेकिन शिकायत पर मंडल के अधिकारी सांप की तरह कुंडली मारकर बैठ गए हैं।
शिकायत में वर्णित तथ्यों एवं संलग्न दस्तावेजों के अनुसार महेन्द्र सिंह पुत्र बालाराम कनासिया द्वारा नौकरी हेतु प्रस्तुत जाति प्रमाण पत्र दिनांक 05/05/1993 को दण्डाधिकारी तहसील इन्दौर द्वारा जारी किया गया है। उक्त प्रमाण पत्र में तहसीलदार सिहोर के कमांक/आर/86 दिनांक 29/09/1986 अंकित है।
तहसीलदार इन्दौर द्वारा जारी पत्र क्रमांक 183 इन्दौर दिनांक 20/06/2013 उल्लेख किया गया है कि महेन्द्र सिंह कनासिया की जाति प्रमाण पत्र प्रति कार्यालय के रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं हैं।
इसी तरह तहसीलदार ग्रामीण सिहोर द्वारा जारी पत्र क्रमांक 22 दिनांक 25/01/2023 की प्रति में उल्लेख है कि आवेदक द्वारा पुनः पत्र दिनांक 23/01/2023 द्वारा महेंद्र सिंह की जाति प्रमाण पत्र के संबंध में जानकारी चाही गई है एवं आवेदन पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी जो तहसीलदार इन्दौर से दिनांक 05/05/1993 को जारी किया गया है संलग्न किया गया है।इस कार्यालय की दायरा पंजी की जांच की गई इसमें प्रकरण क्रमांक 86/बी-121/86-87 पर ग्राम सोन्डा का ईमली फसल नीलामी का प्रकरण एवं वर्ष 85-86 में प्रकरण क्रमांक 86/बी-121/85-86 में श्रीमती करीना बी पत्नि अकबर खां ग्राम काहेरी कदीम का दर्ज होना पाया गया है ना कि जाति प्रमाण पत्र।
इसी प्रकार. तहसीलदार सीहोर ग्रामीण सिहोर द्वारा जारी एक अन्य पत्र 68/ दिनांक 10/03/2023 की प्रति में बताया है कि वर्ष 1985-86 एवं 1986-87 की बी-121 की दायरा पंजी द्वायरा वर्ष 1985-86 का 86 पर श्रीमती करीना बी का नाम अंकित है तथा दायरा पंजी नं. 1986-87 कमांक 86 ग्राम सोन्डा का ईमली फसल अंकित है। ‘न” कि महेन्द्र सिंह पुत्र बालाराम कनासिया का अनुसूचित जनजाति भिलाला का जारी प्रमाण पत्र।
इससे भी आगे एक गंभीर बात ये है कि एसडीएम
जूनी इंदौर द्वारा जारी पत्र क्रमांक 3208 दिनांक 27/03/2024 महेन्द्र सिंह पिता बालाराम कनासिया जाति भिलाला जाति प्रमाण पत्र जिसका प्रकरण क्रमांक/86/ दिनांक 29/09/86 पूर्व में तहसीलदार सिहोर द्वारा जारी होना बताया गया है। एवं तहसीलदार तहसील इन्दौर द्वारा जारी दिनांक 05/05/93 जाति प्रमाण पत्र इस कार्यालय से किसी भी कार्यालय से जारी नहीं किए गए हैं। महेन्द्र सिंह के पिता की जाति कनोसिया तो महेंद्र सिंह भिलाला कैसे? क्योंकि कनोसिया जाति अन्य पिछड़ा वर्ग में आती है ओर भिलाला अनुसूचित जनजाति में।इस प्रकार महेंद्र ने शासन से धोखाधड़ी के कूट रचित दस्तावेज तैयार कर नौकरी प्राप्त की है।लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि इतनी शिकायतों के बाद मंडल के अधिकारी महेंद्र से की जांच पर सांप की तरह कुंडली मार कर बैठे है।वहीं इस मामले पर आयुक डॉ राहुल हरिदास फंटिग से चर्चा करनी चाही तो उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।उसके बाद उनके वाट्सअप पर मैसेज किया उन्होंने मैसेज देखा भी पर कोई जवाब नहीं दिया,महेंद्र सिंह को भी मोबाइल लगाया गया परन्तु उन्होंने भी न तो फोन रिसीव किया और न वाट्सअप मैसेज का कोई जवाब दिया।
वहीं इस प्रकरण में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी मध्य प्रदेश गृह निर्माण एवं अधो संरचना विकास मण्डल तृप्ति श्रीवास्तव ने कहा कि महेंद्र सिंह के जाति प्रमाण पत्र की जांच पहले चली तो थी पर उसमें क्या हुआ क्या नहीं मुझे जानकारी नहीं है।




