★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{फ्लाइओवर-पुल-एक्सप्रेसवे-जल परिवहन-गंगा नदी सफ़ाई कार्य के बूते पहले कार्यकाल में मोदी सरकार व देश मे छोड़ी तगड़ी छाप}

[1976 में ABVP से पोलिटिकल कॅरियर की शुरुआत करने वाले गडकरी ने 1992 में नागपुर नगर महापालिका का जीता था चुनाव]
(महाराष्ट्र की पहली शिवसेना-बीजेपी सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर रहे गडकरी ने महाराष्ट्र में बिछा डाले थे एक्सप्रेस वे-सड़को-पुलों के जाल)
{महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष रहे गडकरी ने इस लोकसभा चुनाव में नागपुर सीट पर काँग्रेस उम्मीदवार नाना पटोले को हराया 2 लाख मतों से}
♂÷नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए गुरुवार शाम 7 बजे राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री पड़ की शपथ ले लिए है।पीएम मोदी के साथ उनके कैबिनेट,स्वतंत्रप्रभार व राज्यमन्त्री गण लोगो को भी शपथ दिलाई गयी,अभी किन लोगों को कौन से विभाग मिलेंगे स्पष्ट नही हो पाया है।
इस कैबिनेट में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के करीबी और नागपुर से चुनाव जीतने वाले नितिन गडकरी को शपथ दिलाई गई है जो कि सर्वज्ञात था किन्तु देखना दिलचस्प रहेगा कि प्रथम कार्यकाल में सर्वाधिक तेज और तय समयसीमा के अंदर ही कार्य को पूर्ण करवा लेने वाले कई भारी भरकम विभागों के मन्त्री गडकरी को दूसरे कार्यकाल के लिए किन किन विभागों की जिम्मेदारी पीएम मोदी देते हैं।
विदित हो कि पुरानी सरकार में उनके पास सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग और जहाजरानी व जलसंसाधन मंत्रालय था। माना जा रहा है उनके बेहतर ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुये पीएम मोदी ने उन्हें फिर से चुनकर उन्हें एक तरह से अवॉर्ड दिया है।

बढ़ती गयी गडकरी की लोकप्रियता
गडकरी साल 2014 में सत्ता में आने वाली बीजेपी सरकार के उन मंत्रियों में शामिल रहे हैं जिनकी लोकप्रियता दिन पर दिन बढ़ी है। नितिन गडकरी को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में फ्लाइ ओवर्स, पुल और एक्सप्रेस के निर्माण कार्य का श्रेय दिया जाता है। केंद्र की राजनीति में करीब से नजर रखने वाले उन्हें मोदी सरकार का एक सफल मंत्री करार देते हैं। सूत्रों की ओर से बताया गया है कि गुरुवार की सुबह उन्हें कैबिनेट में शामिल होने के लिए फोन किया गया। कहा जाता है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लागू कराने में भी गडकरी ने एक अहम रोल अदा किया था।
नागपुर में मिली है एतिहासिक जीत
गडकरी ने नागपुर सीट पर लोकसभा चुनाव में एतिहासिक जीत हासिल की है। यहां पर उन्होंने अपने सबसे करीबी प्रतिद्वंदी और कांग्रेस के उम्मीदवार नाना पटोल को दो लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया है। नाना पटोले पहले बीजेपी में ही थे लेकिन बाद में बगावत कर कांग्रेस में शामिल हो गए। गडकरी के लिए नागपुर की अहमियत कहीं ज्यादा है। यह शहर उनका गृहनगर तो है ही साथ ही साथ इस शहर को आरएसएस की विचारधारा की आधारशिला भी कहा जाता है।
सिर्फ 24 वर्ष की उम्र में बीजेपी के सचिव
बीजेपी पर आरएसएस का प्रभाव काफी करीब से देखा जा सकता है। गडकरी ने एक छात्र नेता के तौर पर अपना राजनीति करियर शुरू किया था। सन् 1976 में गडकरी अखिल भारतीय विद्या परिषद (एबीवीपी) से जुड़े और देखते ही देखते राजनीति में नए पायदान छूने लगे। सिर्फ 24 वर्ष की उम्र में गडकरी भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रेसीडेंट बने। इसी समय उन्हें नागपुर शहर में बीजेपी का सचिव भी नियुक्त किया गया।
सन् 1992 में गडकरी ने नागपुर में नगर महापालिका का चुनाव जीता। इस जीत ने बीजेपी के सदस्य के तौर पर उनके राजनीतिक करियर को स्थापित करने में बड़ा रोल अदा किया। बाद में उन्हें महाराष्ट्र की कैबिनेट में भी लोक कल्याण मंत्री बनाया गया। 42 वर्ष की उम्र में वह महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता बने और साल 2014 में नागपुर से उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और इसमें भी जीत दर्ज कर केंद्र सरकार में कई विभागों के काबीना मन्त्री के रूप में सरकार में ही नही बल्कि देश भर में अपनी अच्छी छाप छोड़ी है।