★आलोक तिवारी★
★मथुरा★
सावन माह की समाप्ति और भादो माह के प्रारम्भ में सिंधी समाज मे टीजड़ी पर्व मनाने की परम्परा है बरसों पुरानी
♂÷सिंधी समाज की महिलाओं ने टीजड़ी पर्व उत्साहपूर्वक मनाया। सुहागिनों ने निर्जला व्रत रखकर पतियों की दीर्घायु की कामना की। पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार पूजा-अर्चना की। चंद्र दर्शन कर व्रत का समापन किया।
मीडिया प्रभारी किशोर इसरानी ने बताया कि तीजड़ी पर्व करवा चौथ की तरह ही मनाने की परंपरा सिंधी समाज में बरसों से चली आ रही है। सुहागिन महिलाएं हाथों पर मेहंदी सजाकर और सोलह श्रंगार कर पति की लंबी आयु की कामना के साथ निर्जला उपवास रखती है और श्रद्धाभाव के साथ पूजा अर्चना करती हैं।
मुख्य आयोजन गोवर्धन मार्ग स्थित कृष्णा आर्चिड में सिंधी पंडित मोहन लाल महाराज स्वामी के निवास स्थान पर हुआ, जहां श्रीमती राजकुमारी शर्मा ने विधि विधान से तीजड़ी पर्व की रस्म पूर्ण कराई और कथा सुनाई,
। उन्होंने बताया कि सावन माह की समाप्ति और भादो की शुरूआत के बीच तीजड़ी पर्व मनाने की परंपरा सिंध से चली आ रही है। इस मौके पर महिलाओं ने झूला झूलने की रस्म पूरी की।
पंडित मोहन लाल शर्मा के अनुसार झूला झूलने एवं कुल ब्राह्मण के यहां पूजन की रस्म बरसों पुरानी है। परंपरा के अनुसार महिलाएं कुल ब्राह्मण के यहां तीज कथा सुनने पहुंचती हैं जहां पूजन की रस्म अदा कराई जाती है।
इसमें गीता नाथानी, भारती केवलानी, मनीषा अंदानी, कोमल नाथानी, तनुजा मनसुखानी, कविता मंगलानी, अंजलि खत्री, निर्मला नाथानी, एकता मूलचंदानी, महक खत्री, रीटा नाथानी, रेखा मेठवानी, ज्योति भाटिया, सृष्टि लालवानी सहित शहर की तमाम महिलाएं शामिल हुई।