लेखक – सुभाषचंद्र
जिस तरह एक साजिश के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने अंतरिम जमानत दी थी।
वह भी घोटाले के आरोपी सीएम केजरीवाल के बिना जमानत मांगे
सब नियमों को ताक पर रख कर,।उसी वक्त लग रहा था कोई script लिखी गई है कि जेल वापसी से पहले सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल कोई न कोई नाटक कर जेल से बाहर रहने की साजिश करेंगे।
केजरीवाल ने जो कहानी गढ़ी है उस पर कोई भी विश्वास नहीं कर सकता।केजरीवाल ने कहा है कि हिरासत में रहने के दौरान उनका 6 – 7 किलो वजन कम हुआ (इसे जेल अधीक्षक से प्रमाणित किया जाना चाहिए क्योंकि मुझे ध्यान पड़ता है इनका वजन शायद एक किलो कम हुआ था) और अचानक कम हुए वजन व सेहत संबंधी दिक्कतों को देखते हुए उन्हें पीइटी – सीटी स्कैन सहित कई जांच कराने की जरूरत है।
केजरीवल ने मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर की सलाह सुप्रीम कोर्ट में जमा कराई है।उन्होंने यह भी कहा है कि डॉक्टर ने पूरे शरीर का पीइटी – सीटी स्कैन कराने को कहा है जिससे किसी तरह के कैंसर न होना सुनिश्चित हो – और उसे होल्टर मॉनीटर भी पहनना होगा।
उधर कल पुणे में एक मामला सामने आया है कि डॉक्टर ने 2 जवानों को गाड़ी से कुचलने वाले बड़े बिजनेसमैन के नाबालिग बेटे के खून का सैंपल ही बदल दिया। जिसके एवज में उसे 3 लाख रुपए मिले यानी डॉक्टर 3 लाख में बिक गया और जब केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत manage कर ली तो, डॉक्टर की रिपोर्ट तो किसी भी कीमत पर बनवा सकता है?
केजरीवाल इतनी गंभीर बीमारियां बता रहें है और भरी गर्मी में चुनाव प्रचार भी कर रहें है।कैंसर टेस्ट का मतलब है कुछ तो शंका होगी और लेशमात्र भी ऐसा हो सकता तो उनका चुनाव प्रचार में जाना संभव ही नहीं है!
आज उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और अंतरिम जमानत पर बाहर अरविन्द केजरीवाल की याचिका पर कल ही सुनवाई करने की गुहार लगाई ,लेकिन जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने तुरंत सुनवाई करने से मना करते हुए कहा कि केजरीवाल की गिरफ़्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई पूरी कर चुका है और फैसला 17 मई को सुरक्षित कर लिया है ।
अब हम इस याचिका पर कुछ नहीं कर सकते, आप CJI के पास जाएं, वे ही इसे listing के लिए आदेश दे सकते हैं।
सिंघवी गुहार लगते रहे कि बस 7 दिन की medical extension है यह कोई स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं है।
सिंघवी साहब को यह मालुम तो होगा ही कि यह कोई 7 दिन की बात नहीं है, इतने दिनों के बाद तो आपका मैनेज किया हुआ डॉक्टर और टेस्ट करने को कहेगा और फिर इलाज बता कर कहेगा bed rest चाहिए 15 दिन का और हो गया केजरीवाल का प्लान सक्सेस।
माननीय चीफ जस्टिस को चाहिए , वे इसे 2 जून को surrender करने के लिए कहें और यह भी आदेश दिया जाए कि जो कुछ भी टेस्ट या medical advice लेनी हो वह AIIMS के डॉक्टर कहेंगे, वह कराये जाएंगे।
अरविंद केजरीवाल अभी जमानत पर है जिसका मतलब है अभी जेल में ही है और स्वतः बिना जेल अधीक्षक की अनुमति वो कोई डॉक्टर की सलाह नहीं ले सकते हैं।
न्यायप्रिय देशवासियों की निगाहें उच्चतम न्यायालय पर टिकी हुई है कि Supreme Court is once again on Test!

(लेखक उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और यह उनके निजी विचार हैं)