लेखक – सुभाषचंद्र
अलग नहीं हुई कांग्रेस बल्कि
पूरा समर्थन दे दिया उम्र की दुहाई दे कर ,उम्र हो गई तो बोलते क्यों हैं मणिशंकर अय्यर यह एक बड़ा सवाल है कांग्रेस के ऊपर।
कांग्रेस के पाकिस्तान भक्त नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने एक “विदेशी संवाददाता क्लब” में बोलते हुए कह दिया कि “अक्टूबर, 1962 में चीनियों ने कथित तौर पर भारत पर आक्रमण कर दिया था”।
बाद में अय्यर ने कहा कि “मैं चीनी आक्रमण से पहले कथित शब्द का प्रयोग करने के लिए बिना शर्त माफ़ी मांगता हूं”।
अय्यर को पता था वो Foreigners’ Journalists Club है इसलिए यह माना जा सकता है उसने यह बयान जानबूझकर दिया यह सोच कर कि किसी ने नोट नहीं किया तो ठीक है वरना माफ़ी का हथियार चला दूंगा।
इसके पहले मई के शुरू में तो पाकिस्तान के लिए पूरे होशोहवास में बोले थे अय्यर कि “पाकिस्तान एक सम्मानित राष्ट्र है और उसके पास परमाणु बम भी है इसलिए भारत को उसके साथ बात करनी चाहिए”।
अय्यर ने पाकिस्तान की तारीफ़ में कसीदे गढ़ते हुए उससे नरेंद्र मोदी सरकार को हटाने के लिए मदद भी मांगते फिरते थे और यह भी कहा था इसी महीने के शुरू में कि “पिछले 10 वर्षों में भारत ने पाकिस्तान से वार्ता का कोई प्रयास नहीं किया”,और फरवरी में पाकिस्तान का गुणगान करते हुए यह भी कहा था पाकिस्तान भारत की सबसे बड़ी संपत्ति है।वह कभी ऐसे देश में नहीं गए जहां उनका इतने खुले दिल से स्वागत किया गया हो जितना पाकिस्तान में किया गया”।
अब तमाशा देखिए कि कांग्रेस ने अपनी वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर के बयान से खुद को अलग कर लिया लेकिन कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता जयराम रमेश ने उन्हें सहारा भी दे दिया यह कह कर कि उनकी उम्र को देखते हुए छूट दी जानी चाहिए,और आगे जो रमेश ने कहा उससे अय्यर को पूरा समर्थन भी दे दिया।
जयराम रमेश ने कहा कि “20 अक्टूबर, 1962 को भारत पर चीनी आक्रमण वास्तविकता था और मई 2020 में लद्दाख में चीनी घुसपैठ भी वास्तविकता थी, जिसमें हमारे 40 जवान शहीद हो गए और यथास्थिति बिगड़ गई”।
रमेश ने आगे और कहा कि मोदी जी ने 19 जून को चीन को क्लीन चिट दे दी जिससे हमारी बातचीत की स्थिति कमजोर हो गई।
देपसांग और देमचोक सहित 2000 किलोमीटर का क्षेत्र भारतीय सैनिकों की पहुंच से बाहर है”।
हताहत सैनिक 20 की जगह 40 बता दिए और जब कोई इलाका हमारा चीन के कब्जे में नहीं गया फिर भी उसे 2000 किलोमीटर बता दिया रमेश ने ,और इतना ही नहीं पीएम मोदी ने कोई क्लीन चिट नहीं दी चीन को, लेकिन फिर भी उस बात को पीट रहे है।
जयराम रमेश कभी यह नहीं बोलते कि 1962 में नेहरू की गलती से चीन हमारा 38,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र दबा कर बैठ गया,कांग्रेस का चीनी प्रेम नया नहीं है।जो कांग्रेस ने राहुल गांधी के अध्यक्ष रहने के दौरान चीन के साथ 2008 में गुप्त समझौता कर किया और उस दौरान केन्द्र में गांधी परिवार के रिमोट से चलने वाली मनमोहन सिंह की सरकार थी।
कांग्रेस के जोड़ीदार वामपंथी भी 1962 में मानने को तैयार नहीं थे कि चीन ने आक्रमण किया था। वो कहते थे चीन को दोष तब तक नहीं दिया जा सकता जब तक इस बात का पता न चले कि आक्रमण चीन ने किया या भारत ने।
अय्यर 83 साल के हैं और सैम पित्रोदा 82 साल के जिन्होंने विरासत टैक्स की वकालत की और दक्षिण भारतीयों को अफ़्रीकी बता दिया ,उनके बयान से भी कांग्रेस अलग हो गई थी।फिर ऐसे लोगों को कांग्रेस खुला क्यों छोड़ कर रखती है उलजुलूल बकने के लिए। कांग्रेस का पाकिस्तान और चीनी प्रेम का कारण है दोनों दुश्मन देशों से कांग्रेस की मिलीभगत के द्वारा भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए ।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम जांच का विषय है ,जांच का नहीं शोध का विषय है जिससे साबित हो सकेगा पाकिस्तान और चीन के DNA कांग्रेस में हैं।
(लेखक उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और यह उनके निजी विचार हैं)