लेखक – सुभाषचंद्र
कुछ लोग सोशल मीडिया पर कह रहे हैं कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू नेहरू के बाद नरेंद्र मोदी तीसरी बार लगातार प्रधानमंत्री बनने वाले पहले नेता हैं।
मैं नहीं समझता ऐसा कहने का क्या उद्देश्य है, क्या लोग कहना चाहते हैं कि नेहरू जी की उपलब्धियों की मोदी ने बराबरी कर ली है।
मोदी जी भी यह बात कही थी लेकिन वो शब्द कुछ और थे, उन्होंने कहा था कि 1962 के बाद पहली बार कोई सरकार तीसरी बार सत्ता में आई है,इसका मतलब नेहरू और मोदी की बराबरी नहीं है।
लेकिन नेहरू जी का मुकाबला नरेंद्र मोदी से नहीं किया जा सकता क्योंकि ऐसा कहने के पीछे कई कारण हैं!
सबसे पहली बात तो यह है कि नेहरू जी कोई चुने हुए (elected) प्रधानमंत्री नहीं थे, वो एक Selected प्रधानमंत्री थे जिन्हें गांधी जी ने “select” किया था। गांधी जी ने प्रधानमंत्री पद नेहरू को Liberation Dividend के Account Payee cheque के तौर पर दिया था और सरदार पटेल से यह वादा ले लिया था कि आप जीते जी नेहरू से उसकी कुर्सी नहीं छीनोगे।
गांधी जी ने कांग्रेस में सर्वाधिक बहुमात प्राप्त सादर वल्लभ भाई पटेल का हक़ मार कर नेहरू को सत्ता ,प्लेट में रख कर वरदान के रूप में दे दी जिसके लिए नेहरू जी को कोई संघर्ष नहीं करना पड़ा। यही Liberation Dividend नेहरू जी 3 चुनावों में और कांग्रेस आगे के चुनावों में भी भुनाती रही है।
दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी ने जीवन भर संघर्ष किया ,मुख्यमंत्री तो पार्टी ने बना दिया लेकिन उस कुर्सी पर बने रहने के लिए हर तरह जनता के बीच संघर्ष किया और फिर प्रधानमंत्री बनने और तीसरी बार सत्ता में आने के लिए जो संघर्ष नरेन्द्र मोदी ने किया वह संघर्ष नेहरू ने कभी सपने में भी नहीं देखा था और न ही सामना किए। नेहरू से कुर्सी ना छीनने का वादा पटेल से ले लिया गांधी जी ने, लेकिन मोदी को मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटाने के लिए विपक्ष ने हर रोज जोर लगाया,गुजरात में रहते हुए कांग्रेस ने जान लगा दी मुख्यमंत्री रहते नरेन्द्र मोदी को जेल में डालने की।
नेहरू जी को कभी ऐसा प्रचंड विरोध नहीं सहना पड़ा विपक्षी दलों का ,जो मोदी को झेलना पड़ा है।विपक्षी दलों के अलावा देश विदेश की शक्तियों का विरोध झेला है मोदी ने और उनसे लड़ रहें हैं लगातार।
आज की 37 विपक्षी दलों के गठबंधन के अलावा मोदी चुनाव में निम्न लोगों और संगठनों से भी लड़ रहे थे जो नेहरू के जीवन में कभी नहीं हुआ और शायद विश्व के और भारत के किसी भी प्रधानमंत्री ने ऐसा विरोध झेला होगा।
इन शक्तियों में Al Jazeera, NYT, WSJ, BBC
- Internal left NGOs & orgs
- George Soros & his all asso.
- Ford Foundation, Omidyar, Rothschild, Namati, NED
- USA, UK, Canada & China funded deep state
- Wire, Alt, Scroll, TNM, Maktoob, NewsLaundry, NewsClick
- Dhruv Rathee, Ravish Kumar, Abhisar, Anjum, Rana Ayyub, Saba, Sakshi Joshi, Srinivasan, Nidhi, Varadhrajan etc.
- All islmst orgs & radical maulanas
- All missionaries
- Big Pharma lobby, Pfizer, Thakur
- Left leaning bollywood
- HT, ToI, DB, National Herald
- JNU, AMU, AISA, NSUI, SDP
- SFJ, BK, Khalistanis
- ISI, PLA, CIA
फिर कोई कैसे नेहरू को मोदी के बराबर रख सकता है!
(लेखक उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और यह उनके निजी विचार हैं )