(आलोक तिवारी)
(मथुरा)
श्री धाम वृंदावन के केसी घाट स्थित ठाकुर श्री जानकी वल्लभ लाल का 50 वां प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव एवं पूज्य गुरुदेव जगद्गुरु रामानुजाचार्य परमहंस श्री स्वामी भगवानदासाचार्य महाराज का 25 वां त्रिपाद्विभूती प्राप्ति महोत्सव धूमधाम के साथ सम्पन्न हो गया। 9 अगस्त से 18 अगस्त तक यह उत्सव मनाया गया।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए गोविंद दास महाराज ने बताया कि ठाकुर जी का स्वर्ण जयंती प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की अध्यक्षता में विभिन्न कार्यक्रमों के मध्य बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें की 9 अगस्त से 17 अगस्त तक प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 तक श्रीमद् वाल्मीकीय रामायण कथा जगतगुरु स्वामी श्री अनिरुद्धाचार्य महाराज की मधुर वाणी में भक्तो को श्रवण करायी गयी।
कार्यक्रम के अंतिम दिवस पूज्य गुरुदेव जगद्गुरु रामानुजाचार्य परमहंस श्री स्वामी भगवानदासाचार्य महाराज की मूर्ति अनावरण, पुस्तक विमोचन, विद्वत संगोष्ठी एवं ठाकुर श्री जानकी वल्लभ लाल का भव्य फूल बंगला का आयोजन किया गया।
सायंकाल विद्वत गोष्ठी सुग्रीव किला अयोध्या से पधारे श्री विश्ववेश प्रपन्नाचार्य महाराज की अध्यक्षता में आयोजित की गई। श्रीधाम वृंदावन के सुप्रसिद्ध संतों महंतों ने स्वामी श्री भगवानदासाचार्य महाराज के बारे में अपने-अपने विचार रखें।
नाभापीठाधीश्वर सुतीक्ष्ण दास महाराज ने कहा कि महाराज श्री रामायण के प्रकांड विद्वान थे। उन्हें रामायणी के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने जीवन भर मानस की सेवा ज्ञान प्राप्त करने पर जोर दिया।
आचार्य कुटी के राम प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि ऐसे संत कभी-कभी ही जन्म लेते हैं। महाराज श्री परम विद्वान एवं तपस्वी संत थे। वे ज्ञान का भंडार थे। श्रीमद् भागवत एवं रामायण जी उन्हें कंठस्थ थे।
इसी क्रम में रत्नेश जी, बद्रीश प्रपन्नाचार्य, राम दास, रघुनाथचार्य महाराज, अनंताचार्य, रमेश शास्त्री, देशराज गर्ग, मुकेश चंद्र शास्त्री मारुति नंदन आचार्य आदि अनेक महानुभावों ने अपने-अपने विचार व्यक्त करें। अगले दिन भंडारे के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें सैकड़ो साधु संतों एवं भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।
कार्यक्रम में महेश चंद्र अग्रवाल, राम अवतार नारसरिया, घनश्याम दस शर्मा, गौरी संकर शाबू, अनूप अग्रवाल, बाल किशन गुप्ता, श्याम बाबू अग्रवाल, मोहित , उदित अग्रवाल, राम नारायण पुजारी जी, रघुनाथचार्य महाराज, मुकेश शास्त्री, राम धनी, सत्यव्रत शास्त्री, गोवर्धन आचार्य, सुधीर गौतम, मुकुंद शास्त्री, ई एस मुकुन्दन, श्रीनिवास, राम भद्र, अंकित आदि उपस्थित रहे।