लेखक -सुभाषचंद्र
कांग्रेस, राहुल गांधी और इंडी गठबंधन इस बात की परवाह नहीं करता कि चुनाव हैं उनके लिए कुछ हरकतों पर कंट्रोल किया जाए ,उन्हें यह विश्वास हिंदुओं पर रहता है कि वे बंटे हुए हमें जरूर वोट देंगे।
हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चुनाव होने हैं लेकिन कांग्रेस बेफिक्र है ,तभी तो हिमाचल प्रदेश में गैर कानूनी मस्जिद के में मुख्यमंत्री सुक्खू ने पूरा जोर लगा दिया लेकिन हिंदू एकता ने मुस्लिमों को खुद सामने आकर गैर कानूनी मस्जिदों को हटाने की बात करनी पड़ी परंतु सुक्खू या कांग्रेस / राहुल गांधी को कोई चिंता नहीं है कि इसका असर जम्मू और हरियाणा के हिंदू वोटरों पर भी पड़ सकता है।
इतना ही नहीं, कर्नाटक में मैसूर रोड पर दरगाह के सामने जा रही भगवान गणेश की शोभायात्रा पर पथराव ही नहीं किया गया बल्कि तलवार, रॉड और जूस की बोतलों से भी हमला किया गया लेकिन अपराधियों पर कार्रवाई करने की जगह काँग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने भगवान गणेश की प्रतिमा को बंदी बना लिया। कांग्रेस पल पल हर दिन सबूत देती है कि वह अपने वोट बैंक मुसलमानों के लिए हिंदुओं के खिलाफ कुछ भी कर सकती है लेकिन हिंदू मानस उतना नहीं समझ रहा जितना समझना चाहिए।
कर्नाटक में यह नज़ारा दिखा कर कांग्रेस कहना चाहती है कि जो बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहा है, वह हम कर्नाटक में भी कर सकते हैं।पूर्व विदेश और कानून मंत्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद तो खुलेआम देश में बांग्लादेश करने की धमकी दे रहे है,जब सिद्धारमैया पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई थी। मुस्लिम एकता ने कांग्रेस को कर्नाटक में सत्ता दी थी और वह एकता हिंदुओं में चाहिए जो कांग्रेस को सत्ता से बाहर रख सके और यह हरियाणा एवं जम्मू कश्मीर में होना चाहिए।
कांग्रेस दोनों राज्यों को आतंक का गढ़ बना सकती है क्योंकि नेशनल काँफ्रेस् से गठबंधन की बात करने श्रीनगर गए राहुल गाँधी ने यहाँ तक कह दिया कि बाहरी लोग कश्मीर को लूट रहे हैं।
३७० की वापसी समेत देश की एकता अखंडता और सुरक्षा पर गंभीर संकट खड़े होने वाले ऐसे घोषणा पत्र दोनों दलों ने मिलकर जारी किये है कि आतंकवाद फ़िर से लौट कर आ जाए इससे इंकार नही किया जा सकता।
उधर अमेरिका में राहुल गांधी / सैम पित्रोदा से बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के बारे इंडिया टुडे के पत्रकार रोहित शर्मा ने केवल इतना पूछा कि क्या राहुल गांधी इस विषय को अमेरिका में भी उठाएंगे और इतना पूछते ही उस पर राहुल / पित्रोदा के गिरोह के लोग उस पर टूट पड़े, पिटाई की, गला दबाया और मोबाइल छीन कर वीडियो डिलीट कर दिया।
यह है कांग्रेस की इमरजेंसी बिना सत्ता में रहते हुए और ऐसे ही संविधान की रक्षा का ढोंग कर रहा है राहुल गांधी और उसका इंडी गठबंधन। ऐसा हर जगह कर रही है कांग्रेस जिसमें जो भी उसका विरोध करता है पार्टी से बाहर कर दिया जाता है,खासकर महिलाएं जिनका यौन शोषण करने में कुछेक कांग्रेसीयो के उपर गंभीर आरोप लगे हैं।
एक मराठी एक्ट्रेस केतकी चिताले को एनसीपी अध्यक्ष व सांसद और उद्धव ठाकरे सरकार में साझेदार शरद पवार के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित अपमानजनक पोस्ट लिखने के लिए 22 FIR दर्ज की गई और 34 दिन जेल में डाल दिया और क्या क्या यातनाएं दी गई होंगी, आप कल्पना ही कर सकते हैं।
वहीं एक ex naval अफसर सुजीत आप्टे के द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की निंदा करने पर धुनाई कर शिवसैनिकों नें बुरी तरह से पिटाई की गई थी।
लेकिन दोष फिर भी देते हैं कि मोदी ने बोलने की आज़ादी छीन ली है।
विदेश में जाकर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करते हैं नेता विपक्ष राहुल गांधी, इससे ज्यादा और क्या बोलने की आज़ादी चाहिए!
वहीं काँग्रेस के प्रति एकनिष्ठ पत्रकार जगत को कांग्रेस के लिए बिछने से पहले एक बार इमरजेंसी का वह दौर और सत्रह सितंबर के अमेरिका जैसे किस्से याद कर लेने चाहिए कि नरेंद्र मोदी है तो सब आज़ादी है, वरना कांग्रेस क्या दुर्गति करेगी, अनुमान भी नहीं लगा सकते।
इंडिया टुडे के मालिक अरुन पुरी राहुल गाँधी के डैडी
राजीव गाँधी के स्कूली शिक्षा के समय के साथी रहे हैं।
पत्रकार इतना ही याद कर लें कैसे कांग्रेस ने 14 वरिष्ठ पत्रकारों का बहिष्कार किया था और वो शायद अभी भी चल रहा है।
(लेखक उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और यह उनके निजी विचार हैं)