लेखक -सुभाषचंद्र
जाकिर नाइक को पाकिस्तान ने राज्य अतिथि का दर्जा देकर केवल इसलिए आमंत्रित किया क्योंकि वह भारत के खिलाफ जहर उगलता है, भारत का भगोड़ा है। भारत आने से डरता है कि मोदी सरकार ऐसे जकड़ लेगा कि फिर छूटेगा नहीं लेकिन बहुत चाहने वाले हैं जाकिर के भारत में,जिनमें शामिल है कांग्रेस पार्टी भी और दिग्विजय सिंह जैसे लोग भी तो बॉलीवुड की तमाम बड़ी हस्तियां भी।
महिलाओं को पाकिस्तान में खुलेआम जाकिर नाइक ने कहा लड़कियों को शादी ऐसे आदमी से करनी चाहिए जिसकी पहले से बीवी हो वरना उसे बाज़ारू हो जाना चाहिए, वो पब्लिक प्रॉपर्टी होती है।उसका मतलब साफ़ था कि लड़की को शादी करना जरूरी है और नहीं करती तो “चरित्रहीन” है, जिसे वो “बाज़ारू” और Public Property मानता है।
ऐसा जाकिर ने केवल पाकिस्तान की महिलाओं के लिए ही नहीं कहा बल्कि किसी भी मुस्लिम लड़की के लिए ऐसा सर्टिफिकेट दे दिया जो शादी नहीं करती।उसका मतलब है लड़की को “single” रहने का कोई अधिकार नहीं है,ऐसी बकवास जाकिर नाइक ने एक पश्तून लड़की के सवाल पूछने पर कही थी।
उस लड़की ने पूछा था According to your wisdom, what can be the reason for increased drug addictions, adultery, and paedophilia is rampant and why is the society collapsing there and why do Ulemas not call out these people, especially the paedophiles?” (बाल यौन शोषण)।
जाकिर नाइक पहले तो उस लड़की के पीछे पड़ गया कि तुमने सवाल गलत पूछा है, माफ़ी मांगों या सवाल वापस लो लेकिन लड़की ने जब सवाल वापस नहीं लिया तो अपने “इस्लाम” का ज्ञान दिया और कहा जो लड़की किसी सिंगल मर्द से शादी नहीं कर पाती तो उसने पास दो विकल्प हैं, या तो शादीशुदा आदमी से शादी करे या “बाज़ारू” हो जाए, Public Property बन जाए।
मैंने गूगल पर सर्च किया तो पाया कि जाकिर नाइक की दो बेटियां हैं, जिकरा नाइक 25 साल की और दूसरी रुश्दा नाइक 22 साल की और शायद दोनों का निकाह नहीं हुआ है। सभी लड़कियों के लिए इस्लामिक कानून बताने के बाद उस कानून को अपनी बेटियों पर भी लागू करेगा जाकिर नाइक, क्या उसकी बेटियों को भी वैसा ही कहा जा सकता है जो जाकिर नाइक ने दूसरे की बहन बेटियों के बारे में कहा है।
कुछ महिलाओं ने आवाज़ उठाते हुए पूछा है कि इसे किसने बुलाया और क्यों बुलाया, ऐसे अनपढ़ लोगों को आगे से नहीं बुलाना चाहिए।
अभी कुछ दिन पहले एक समारोह में, कुछ “अनाथ” लड़कियों ने पाकिस्तान के राज्य अतिथि जाकिर के सम्मान में उसे फूलों का गुलदस्ता देने की कोशिश की लेकिन इसने लेने से मना कर दिया और स्टेज छोड़ कर चला गया क्योंकि अनाथालय वालों ने उन लड़कियों का परिचय “बेटियां” कह कर दिया था।
लेकिन ये “इस्लाम” का विद्वान कहता है “आप उन्हें छु नहीं सकते या बेटी नहीं कह सकते क्योंकि वे “गैर महराम” है जिसका मतलब होता है वो महिलाएं/पुरुष जिनसे आप शादी कर सकते – ये लड़किया शादी लायक हैं और इसलिए इन्हे बेटी नहीं कह सकते” और इतना कह कर स्टेज से भाग खड़ा हुआ।
मुस्लिमों की समस्या इसी वजह से है, पहले तो मदरसों में केवल इस्लामिक तालीम मिलती है, वो भी सब मौलवी अपने-अपने तरीके से देते हैं और फिर जाकिर नाइक जैसे जहर उगलने वाले मुस्लिम कौम के लोगों को “अपने ही इस्लाम” के पाठ पढ़ाते रहते है।
ऐसे ही घटिया तकरीर देता रहेगा तो, मुस्लिमों में यह जाकिर नाइक इस्लाम के लिए नफरत पैदा कर देगा।
मुस्लिम सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि ये लड़कियों को बाज़ारू और Public Property कह कर उन्हें चरित्रहीन बनाना चाहता है जबकि सनातन धर्म महिलाओं को देवी के रूप में आदर देता है।
(लेखक उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और यह उनके निजी विचार हैं)