(मुकेश सेठ)
(मुंबई)
√ ग्रेनो प्राधिकरण ने वर्ष 2003 में गैरकानूनी तरीके से 240 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया था जिसके बाद कर्मचारियों ने ली थी न्यायालय की शरण
√ जिला प्रशासन ने ग्रेनो प्राधिकरण से कोर्ट के आदेश का पालन नही कराया गया तो उक्त मुद्दे पर फ़िर से लड़ी जायेगी निर्णायक लड़ाई- डॉ रूपेश वर्मा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में माली एवं सफाई का कार्य करने वाले कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु ग्रेटर नोएडा माली एवं सफाई कामगार यूनियन (सम्बंध सी.आइ.टी.यू.) के द्वारा उठाए गए औद्योगिक विवाद का न्यायाधिकरण पंचम उत्तर प्रदेश मेरठ द्वारा अभिनिणत विवाद संख्या 6/ सन 2000 एवं वाद सं. 4/ सन 2007 में दिनांक 27- 05- 2018 को श्रमिकों के पक्ष में एवार्ड पारित कर दिया और ग्रेनो प्राधिकरण को कर्मचारियों को पिछले पूरे वेतन के साथ कार्य पर बहाल करने का आदेश दिया गया। उक्त पर कार्रवाई करते हुए श्रम विभाग द्वारा 4 अक्टूबर को 46 करोड़ 36 लाख 80 हजार रुपए की वसूली प्रमाण पत्र जारी कर जिलाधिकारी से ग्रेनो प्राधिकरण से वसूलकर एवार्ड से संबंधित कर्मचारियों को भुगतान करने का अनुरोध किया था। उक्त का पत्र ग्रेनो प्राधिकरण को भी भेजा गया था।
एवार्ड का पालन करने से बचने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एवार्ड के खिलाफ उच्च न्यायालय में 20 रिट याचिकाए दाखिल की गई जिन्हें सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय द्वारा प्राधिकरण द्वारा दायर की गई याचिकाओं को गत 16 अक्टूबर को खारिज करते हुए औद्योगिक न्यायाधिकरण पंचम उत्तर प्रदेश मेरठ के आदेश को दिनांक 27 व 29 मई 2018 को बहाल कर दिया.
तथा जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर को 90 दिनों के अंदर 46 करोड़ 36 लाख 80 हजार रुपए प्राधिकरण से वसूल कर कर्मचारियों को भुगतान करने व उन्हें कार्य पर बहाली करवाने का आदेश जारी कर दिया है.
उक्त प्रकरण की विस्तृत जानकारी देने के लिए यूनियन द्वारा आज मंगलवार को प्रेस क्लब स्वर्ण नगरी ग्रेटर नोएडा पर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यूनियन के महामंत्री रामकिशन सिंह, मंत्री टीकम सिंह ने बताया कि ग्रेनो प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे आर्थिक शोषण के खिलाफ एवं नियमितीकरण के लिए कर्मचारियों ने संगठित होकर वर्ष 1998 से सीटू के मार्गदर्शन में हक अधिकारियों के लिए आवाज उठाना शुरू किया तो कर्मचारियों की आवाज को दबाने के लिए वर्ष 2003 में ग्रेनो प्राधिकरण द्वारा 240 कर्मचारियों को गैर कानूनी तरीके से नौकरी से हटा दिया गया। जिसके विरोध में काफी आंदोलन किया गया और 21-22 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद हमें न्याय मिला है। जिसके लिए उन्होंने यूनियन की ओर से मजदूर संगठन सीटू के पदाधिकारियों व सपा नेता राजकुमार भाटी, मेरठ न्यायाधिकरण पंचम में केस में पैरवी करने वाले एडवोकेट श्री नरेश कुमार वर्मा एवं उच्च न्यायालय इलाहाबाद में एडवोकेट गोपाल नारायण ने कैसे लड़ा और श्रमिकों को जीत दिलाई जिसके लिए उन्होंने यूनियन की ओर से सभी का आभार व्यक्त किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीटू जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा, किसान सभा जिलाध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि प्राधिकरण से जिला प्रशासन ने उक्त आदेश का पालन नहीं कराया गया तो उक्त मुद्दे पर फिर से निर्णायक लड़ी जाएगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूनियन के उपाध्यक्ष ज्ञानचंद, संयुक्त मंत्री धनपाल, कोषाध्यक्ष अमरपाल, कार्यकारिणी सदस्य बादल, वीरेंद्र, साहब राम, धीरज बाली, वीर सिंह आदि मौजूद रहे।