(मुकेश सेठ)
( मुंबई)
√ अपनी चार प्रमुख मांगो को लेकर पूर्व घोषित “दिल्ली कूच” और संसद मार्च के लिए निकले हजारों किसानों के चलते 5 किलोमीटर लगा लंबा जाम
√ भारी फोर्स और बैरिकेडिंग से भी न रुकने वाले किसानों से आला अधिकारियों ने बात कर एक हफ़्ते की ली मोहलत
√ राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर डेरा डाले किसान नेताओं ने कहा कि मांगे नही मानी गई तो फ़िर करेंगे”दिल्ली कूच “
√ किसान नेताओं और अफसरों की बीच हुई बातचीत के बाद बैरिकेडिंग हटाकर फ्लाईओवर पर यात्रा को शुरू करा खत्म कराया गया जाम
अपनी चार प्रमुख मांगो को लेकर पूर्व घोषित संसद मार्च के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के नेतृत्व में आज सोमवार की दोपहर हजारों की संख्या में नोयडा के महामाया फ्लाईओवर पर इकट्ठे होकर दिल्ली के लिए कूच किये।
जिससे सरकार और प्रशासन को किसानों के मार्च को रोकने के लिए पर्याप्त मात्रा में की गई पुलिस फोर्स के साथ बैरिकेडिंग भी नाकाम दिखी और फ्लाईओवर पर किसानों के हुजूम के चलते यूपी दिल्ली रूट लगभग पांच घंटे तक जाम रहा जिसमें हजारों वाहन कई किलोमीटर की दूरी में फंसे रहे।
इस स्थिति से निपटने के लिए किसी प्रकार तीनों प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ ही प्रशासनिक अफसरों ने किसानों के साथ बैठक कर उनकी प्रमुख चार मांग पर कार्यवाई करने के लिए एक हफ़्ते का समय लेते हुए दिल्ली कूच को रोकने में सफ़ल रहे।

इसके बाद प्रशासन ने सड़को पर किसानों को रोकने के लिए लगाए गए बैरिकेडिंग को हटवाया जिससे यातायात सुगम होना प्रारम्भ हुआ।
जबकि सड़को पर निकले किसान नेताओं के नेतृत्व में किसानों का हुजूम राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर ही डेरा डाले है और उनका कहना है कि अगर एक हफ़्ते में उनकी मांगे नही मानी गई तो वे यहाँ से नही हटेंगे।
उधर दिल्ली कूच के पूर्व किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे मजदूर संगठन सीटू के जिला अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा को थाना सेक्टर- 49, पुलिस द्वारा सुबह 7 बजे साथ ही किसान नेता बी. सी. प्रधान, सुभाष चौधरी आदि नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया। किसान नेताओं की गिरफ्तारी की जानकारी होने पर बड़ी संख्या में लोग थाने पर पहुंच गए और पुलिस को मजबूर होकर गिरफ्तार नेताओं को छोड़ना पड़ा। इसी तरह विभिन्न गांव में किसानों को आंदोलन में शामिल होने से रोका गया और जगह- जगह गिरफ्तार किये जाने के बाद भी बड़ी संख्या में किसान आंदोलन में शामिल हुए।
आंदोलन की जानकारी देते हुए सीटू जिला अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच की योजना फिलहाल एक हफ्ते के लिए रोक दी है। यह निर्णय आंदोलन स्थल पर सोमवार को ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ किसानों की लंबी बैठक के बाद लिया गया। किसानों ने कहा है कि वे दलित प्रेरणा स्थल पर एक हफ्ते तक इंतजार करेंगे। अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे दोबारा दिल्ली की ओर कूच करेंगे।इससे पहले सोमवार की दोपहर, किसानों ने नोएडा के महामाया फ्लाईओवर पर एकत्र होकर संसद का घेराव करने के लिए दिल्ली की ओर बढ़ना शुरू किया। पुलिस ने उन्हें दलित प्रेरणा स्थल पर रोकने की कोशिश की, लेकिन किसान बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए वज्र वाहन, RAF के जवान और ड्रोन से निगरानी तैनात की गई। इस दौरान नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर करीब 5 किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
किसानों के संसद मार्च में सीपीआई एम दिल्ली एनसीआर राज्य सचिव मंडल सदस्य सिद्धेश्वर शुक्ला, बृजेश कुमार सिंह, सीटू जिला सचिव रामस्वारथ, जनवादी महिला समिति की जिला नेता गुड़िया देवी, अखिल भारतीय किसान सभा के केंद्रीय कमेटी के नेता पुष्पेंद्र त्यागी, मनोज कुमार सहित विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं/ कार्यकर्ताओं ने आंदोलन में बढ़-चढ़कर कर हिस्सा लिया।आंदोलनरत किसानों की मुख्य मांगो में जमीन अधिग्रहण के बदले किसानों को 10% प्लॉट दिया जाए, 2. 64.7% की दर से मुआवजा सुनिश्चित किया जाए,नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार, बाजार दर का चार गुना मुआवजा मिले और भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास के लाभ दिए जाएं।
बैठक के बाद बनी सहमति
किसानों और तीनों प्राधिकरणों के बीच कई घंटे तक बातचीत चली। अधिकारियों ने किसानों से एक हफ्ते का समय मांगा, जिसे किसानों ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद एक्सप्रेसवे से बैरिकेडिंग हटा दी गई और वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई।
फिलहाल, किसान राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में डेरा डाले हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे वहां से नहीं हटेंगे। गाजियाबाद, नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारी लगातार किसानों से बातचीत कर रहे हैं। किसानों को मुख्य सचिव से वार्ता और उनकी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
किसान नेता डॉ रुपेश वर्मा, सुखबीर खलीफा, बृजेश भाटी, सुनील फौजी आदि नेताओं ने स्पष्ट किया है कि अगर एक हफ्ते में उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे दोबारा दिल्ली की ओर कूच करेंगे।