(राजेश बैरागी)
(गौतम बुद्ध नगर)
√ तुस्याना में अवैध निर्माण में आई और तेजी तो चिटैहरा में भी जोरों से चल रहा निर्माण कार्य
क्या भूमाफियाओं में एफआईआर दर्ज होने का भय भी नहीं रहा है?यह अनुमान गलत साबित हुआ कि तुस्याना गांव की अधिग्रहित व सरकारी भूमि पर अवैध रूप से प्लाटिंग कर रहे लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होने का असर ग्रेटर नोएडा फेज दो के गांव चिटैहरा तक पहुंचेगा जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चित्र लगाकर अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही है। तुस्याना में अवैध निर्माण का धंधा और जोरों से चल निकला है तो चिटैहरा गांव तक इस कार्रवाई का कोई असर नहीं हुआ है।
संभवतः भविष्य में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपनी अधिग्रहित और सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण को लेकर एफआईआर दर्ज कराने के बारे में न सोचे। बीते वर्ष के आखिरी दिनों में गांव तुस्याना में अवैध रूप से अधिग्रहित और सरकारी भूमि पर कॉलोनी बना रहे डेढ़ दर्जन लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराना प्राधिकरण को भारी पड़ रहा है। वहां अवैध निर्माण की रफ्तार कई गुना बढ़ गई है। पहले तीन चार ट्रॉली ईंटें दिनभर में आती थीं,अब इनकी संख्या बीस-पच्चीस ट्रॉली प्रतिदिन तक पहुंच रही है। नाम उजागर न करने की शर्त पर प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि अब उनका वहां जाना खतरे से खाली नहीं है। एफआईआर दर्ज कराने से लोग नाराज़ हैं। उनकी नाराजगी जायज भी है। इतने लंबे समय से हो रहे अवैध निर्माण को प्राधिकरण के फील्ड स्टॉफ का खुला संरक्षण रहा है। पहले संरक्षण और फिर एफआईआर धंधे के उसूलों के खिलाफ है। हालांकि यहां एफआईआर दर्ज होने का गांव चिटैहरा में ठीक दादरी बाईपास रोड पर सैकड़ों बीघा भूमि पर अवैध रूप से विकसित की जा रही कॉलोनी के विकासकर्ताओं पर जरा भी असर नहीं पड़ा है। वहां बदस्तूर काम जारी है। बताया गया है कि वहां कॉलोनाइजर्स ने बाकायदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चित्र लगाया हुआ है। किसानों की छोटी छोटी भूमि की घेराबंदी पर बुलडोजर लेकर पहुंचने वाले प्राधिकरण इन विशालकाय अवैध कॉलोनियों पर चुप क्यों हैं,यह चर्चा का विषय जरूर है।