लेखल- डॉक्टर राजीव मिश्रा
अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प के ओवल ऑफिस में यूक्रेन के कॉमेडियन राष्ट्रपति जेलेन्स्की और दूसरी ओर ट्रम्प और वाइस प्रेसिडेंट वॉन्स के बीच बातचीत बहस और तू-तड़ाक में बदल गई. ट्रम्प ने अकड़ रहे ज़ेलेन्स्की को साफ शब्दों में कहा कि तुम्हारी कोई औकात है नहीं और तुम अपनी औकात से बाहर जाकर झगड़े मोल रहे हो…तुम अपने देश को आग लगा रहे हो और अपने लोगों को मरवा रहे हो।
जेलेंस्की भी एक बदतमीज और बिगड़ैल लौंडे की तरह अकड़ में ट्रम्प से झगड़ कर बिना डील साइन किए वापस आ गया। अब वह इंग्लैंड और यूरोप के “सुपर पॉवर्स” के भरोसे रूस से लड़ाई करने को उतारू है,इंग्लैंड इतना बड़ा सुपर पॉवर है कि वह यूक्रेन को रूस से लोहा लेने में मदद करेगा… यह सुन कर हमारा सीना भी साढ़े छप्पन इंच का हो गया।
जेलेंस्की एक व्यक्ति नहीं, एक फिनॉमिना है,वह व्हाइट हाउस में यूक्रेन के हितों को डिस्कस करने नहीं गया था, वह अपने इंटरनेशनल हैंडलर्स की लिखी हुई स्क्रिप्ट लेकर गया था, जिसकी थीम थी यह दिखाना कि वह ट्रम्प को रिस्पेक्ट नहीं करता. उसको घंटा फर्क नहीं पड़ता कि यूक्रेन बचता है या जल कर राख हो जाता है,यह उसका सुपरपावर है।
दुनिया में कई ज़ेलेंस्की हैं। इंग्लैड के पास एक जेलेंस्की है जिसका नाम स्टार्मर है, कनाडा के पास ट्रुडो है,जर्मनी के पास एंजेला मर्केल है.. भारत के पास केजरीवाल और राहुल गांधी जैसे जेलेंस्की हैं जिन्होंने देश पर पेट्रोल छिड़कने और माचिस मारने की खुली धमकी दे रखी है।ये वे बॉट्स हैं जो वैश्विक वामपंथी नेटवर्क द्वारा दुनिया भर में प्लांट किए गए हैं,उनकी सबसे बड़ी ताकत है कि वे किसी की परवाह नहीं करते.. न अपने पॉलिटिकल कैरियर की, न पब्लिक ऑपिनियन की, न लोगों के मरने की अपने देश की तो जरा भी परवाह नहीं करते,सिर्फ एक बात की परवाह करते हैं… अपने मालिकों के हुक्म की।
(लेखक लंदन में चिकित्स चिकित्सक हैं और यह उनके निजी विचार हैं)