(आलोक तिवारी)
(मथुरा)
√ लड्डू मार होली की वर्षों पुरानी परंपरा में हुआ बदलाव मंदिर में आने वाले भक्तों पर नहीं फेंकेंगे लड्डू इस बार
विश्व में विख्यात बरसाने की होली में लठ्ठ मार और लड्डू मार होली की परमार आदिकाल से चली आ रही है, इस बार प्रशासन के आग्रह के बाद इस परंपरा में बदलाव किया जा रहा है।
अब तक मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं पर लड्डू की बरसात होती थी,जिसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं, लेकिन इस बार लड्डू होली थोड़ी अलग होने वाली है, दरअसल, बरसाना में लड्डू होली राधा रानी मंदिर में खेली खेली जाएगी, मंदिर के बाहर लड्डू लुटाने पर पाबंदी लगाई गई है, शनिवार शाम को यह फैसला पुलिस और मंदिर के सेवायतों की बैठक में लिया गया है।
इस लड्डूमार होली की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है, पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्वापर युग में राधा रानी के पिता के होली के निमंत्रण को नंद बाबा ने स्वीकार किया था, जिसके बाद नंद बाबा ने पुरोहितों के हाथों स्वीकृति पत्र भेजा था, इन पुरोहितों का स्वागत सत्कार करते वक्त लड्डू भी खाने को दिए गए थे, तभी बरसाना की गोपियां गुलाल लगाने लगी तो पुरोहितों ने उन लड्डूओं की बारिश कर दी और यहीं से लड्डूमार होली की परंपरा की शुरुआत हो गई और इसी परंपरा को बरसाना और नंदगांव के लोग आज भी निभा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, थाना प्रभारी अरविंद निर्वाल शनिवार शाम को सेवायतों के बीच पहुंचे, उन्होंने लड्डू होली पर मंदिर परिसर के बाहर लड्डू न लुटाने की बात कही, लड्डू को मंदिर में ही बांटने की बात कही है. जिस पर सभी सेवायतों ने सहमति दे दी, इस बार लड्डू होली सात मार्च को है. लड्डू सिर्फ मंदिर के अंदर समाज गायन के दौरान ही लुटाए जाएंगे किसी श्रद्धालु को लड्डू नहीं लुटाने दिया जाएगा।
दरअसल पिछली बार लड्डू होली पर मंदिर के बाहर सफेद छतरी पर लड्डू लुटाने के दौरान मंदिर की सीढ़ियों की रेलिंग टूट गई थी. इस घटना में कई श्रद्धालु घायल हो गए थे, ऐसा दोबारा न हो इसे लेकर मंदिर के सेवायतों से बात की. फैसला लिया गया कि लड्डू होली पर सफेद छतरी के पास इस बार लड्डू नहीं लुटाए जाएंगे, लड्डू सिर्फ मंदिर में समाज गायन के दौरान ही लुटाए जाएंगे, किसी श्रद्धालु को लड्डू नहीं लुटाने दिया जाएगा, लड्डू सिर्फ प्रसाद के रूप के बांटे जा सकते हैं।