(आलोक तिवारी)
(मथुरा)
√ देश के लोगों को धर्म के माध्यम से किया जा रहा है जोड़ने का कार्य कहा चित्रापुर मठ के ग्यारहवें मठधिपति नें
दक्षिण भारत के कर्नाटक से उतर भारत के धार्मिक भ्रमण पर लगभग दो सौ श्रद्धालु भक्तों के साथ निकले शिराली चित्रापुर के ग्यारहवें मठधिपति सद्दोजात शंकराश्रम स्वामी महाराज ने तीन दिन ब्रज के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर बिताए। उन्होंने कहा कि बृज में प्रिया प्रीतम राधा कृष्ण का उदघोष लता पटाओ से आज भी सुनाई देता है जिससे श्रद्धालुओं में भक्ति का भाव जागृत होता है। जो मानव कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है।
कर्नाटक के शिराली स्थित चित्रापुर मठ के ग्यारहवें मठधिपति सद्दोजात शंकराश्रम स्वामी महाराज तीन दिवसीय धार्मिक भ्रमण पर वृंदावन आए । जिनके साथ कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों से लगभग दो सौ श्रद्धालु भक्त साथ आए। इनके द्वारा वृंदावन में अटाला चुंगी स्थित एक आश्रम में यात्रा का पड़ाव रखा गया ।जहां उनके द्वारा वैदिक मंत्रों के साथ महादेव बाबा की आराधना की गई। अगले दिन वृंदावन के बांकेबिहारी लाल के दर्शन किए। मथुरा में श्री कृष्ण जन्म स्थान के दर्शन किए। गोकुल में यमुना मईया की आरती की गई। यात्रा के दौरान उनके द्वारा अलीगढ के विवेकानंद महाविद्यालय में धार्मिक प्रवचन भी किए गए।यात्रा के अगले पडाव में महाराज जी के साथ भक्तों ने गिर्राज महाराज की परिक्रमा की । और सभी यात्रियों ने धार्मिक यात्रा के दौरान बरसाने में राधारानी के दर्शन किए। इस अवसर पर महाराज सद्दोजात शंकराश्रम स्वामी ने कहा कि बृज में प्रिया प्रीतम के नाम का उदघोष वृक्षों की लता पटाओ से भी सुनाई देता है। बृज का कण कण भगवान कृष्ण और राधारानी जी की लीलाओं का गवाह है। बड़े पुण्यों का उदय होने से ही ब्रज में जन्म मिलता है।
महाराज जी ने धार्मिक यात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा कि देश के लोगों को धर्म के माध्यम से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है जो मानव कल्याण के लिए आवश्यक है । बृज के मंदिरों का सौंदर्य और और स्थलीय विकास सराहनीय है।शनिवार को यात्रा वृन्दावन से अयोध्या के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर महाराज सद्दोजात शंकराश्रम स्वामी जी एवं उनके साथ आए श्रदालुओं का स्वागत कर विदाई दी गई। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता ओ पी उपाध्याय लंकेश भक्त मंडल के अध्यक्ष ओमवीर सारस्वत एडवोकेट, ब्रजेश सारस्वत एडवोकेट, नत्थीलाल पाठक, हरिश्चंद सारस्वत , के पी सारस्वत, प्रवीण पाठक आदि मौजूद रहे।