(डॉ ध्रुव कुमार)
(पटना)
राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान ने उनको याद करते हुए कहा कि जमाना बड़े शौक से सुन रहा था तुम ही सो गए यह दास्तान कहते- कहते
पूर्व विधान परिषद सदस्य प्रो. रणवीर नन्दन ने याद करते हुए कहा कि मैं भी उसी स्कूल का छात्र था जिसमें कभी राव साहब जैसे महान पत्रकार पढ़ें थे
समस्तीपुर के DRM विनय कुमार श्रीवास्तव ने कहा ईमानदारी, सादगी और कर्मठता उनके जीवन का रहा मूलमंत्र
आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.के. विक्रम राव की श्रद्धांजलि सभा में उमड़े लोगों ने उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर किया नमन
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि डॉ. के. विक्रम राव
लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने वाले एक योद्धा पत्रकार थे। उनके द्वारा किए हुए कार्य न सिर्फ पत्रकारिता के क्षेत्र में बल्कि अन्य सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वालों को भी निरंतर प्रेरित करते रहेंगे।
वे बुधवार को विधान परिषद सभागार में वरिष्ठ पत्रकार व इंडियन फेडरेशन वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे)
के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.के. विक्रम राव की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि डॉ.विक्रम. राव
IPS में चयनित होने के बावजूद भी उन्होंने पत्रकारिता को महत्व दिया और अखबार में रिपोर्टर बनना स्वीकार किया।
उन्होंने पत्रकारिता को प्राथमिकता दी और पत्रकारों की एकता और पत्रकारिता के हितों में निरंतर संघर्ष करते रहे।

अपने पुराने दिनों को याद करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विक्रम राव जी के साथ उनकी पहली मुलाकात लखनऊ के तीस हजारी कोर्ट में उस वक्त हुई थी जब वह एक प्रशिक्षु वकील के तौर पर वहां काम कर रहे थे और विक्रम राव आपातकाल के दौरान बड़ौदा डायनामाइट केस में जॉर्ज फर्नांडिस के साथ उन्हें भी अभियुक्त बनाया गया था। बाद के दिनों में उनसे मुलाकात हुई और उनको करीब से जानने का मौका मिला। हमारे संबंध धीरे-धीरे प्रगाढ़ होते चले गए और आजीवन निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करते रहे। उनके निधन की खबर मिलने पर उनकी अंत्येष्टि में भी शामिल हुआ।
उनके बारे में आज सिर्फ़ यही कहा जा सकता है कि जमाना बड़े शौक से सुन रहा था, तुम्ही सो गए दास्तां कहते -कहते।
विधान परिषद के पूर्व सदस्य प्रो. रणवीर नंदन ने कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं भी उसी पटना हाई स्कूल का छात्र था, जिसमें कभी विक्रम राव जी ने पढ़ाई की थी।
समस्तीपुर डीआरएम और डॉ.विक्रम राव के दामाद विनय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि डॉ.विक्रम राव जी अपनी बात पूरी निर्भीकता के साथ कहते थे, ईमानदारी, सादगी और कर्मठता उनके जीवन का मूल मंत्र था।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए
आईएफडब्ल्यूजे बिहार के पूर्व अध्यक्ष डॉ ध्रुव कुमार ने कहा पटना से उनका गहरा लगाव था और वे 1982 प्रेस बिल के विरोध में पटना में कैंप किया और तत्कालीन मुख्यमंत्री को उस बिल को वापस लेना पड़ा था।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी, एनयूजेआई बिहार के महासचिव कृष्ण कांत ओझा, आईएफडब्ल्यूजे के बिहार अध्यक्ष प्रमोद दत्त, पूर्व अध्यक्ष डॉ ध्रुव कुमार, उपाध्यक्ष मोहन कुमार, अमिताभ ओझा, सुधीर मधुकर, मुकेश महान, आलोक नंदन, स्वस्तिका सिंह, अभिजीत पांडेय, संजय कुमार आदि ने भी डॉ.के. विक्रम राव की स्मृति को नमन करते हुए उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
गौरतलब है कि वरिष्ठ पत्रकार एवं ‘इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. विक्रम राव का 12 मई की सुबह लखनऊ के एक निजी अस्पताल में 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
डॉ के विक्रम राव के निधन के दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां पत्र भेजकर उनकी पत्नी डॉ सुधा राव समेत परिवार से शोक संवेदना जताई तो वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत देश के दिग्गज राजनेताओं, देश विदेश के सुप्रसिद्ध पत्रकारों,विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों के द्वारा फोर पर उनकी पत्नी, बेटा वरिष्ठ पत्रकार के विश्वदेव राव, के सुदेश राव से शोक संवेदना प्रकट की।
उधर देश के अनेक राज्यों में डॉ. के. विक्रम राव के निधन से मर्माहत अनेक पत्रकार संगठन लगातार शोक सभा के जरिए पत्रकार हितों के लिए लगभग छह दशक से किए जा रहे संघर्षों को याद कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं।