(आलोक तिवारी)
(मथुरा)
ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने बनाई 26 करोड़ लागत की कार्य योजना
मंदिरों के एप्रोच मार्ग, सौंदर्यीकरण सहित पर्यटक सुविधाए बढ़ाई जाएंगी
मथुरा और वृंदावन के बाद अब राधारानी की नगरी बरसाना की ओर श्रद्धालुओं का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रीकृष्ण की आल्हादनी शक्ति राधारानी के दर्शन को पहुंच रहे हैं। ब्रह्मांचल पर्वत पर विराजमान राधारानी के मंदिर तक रोपवे की उपलब्धता ने बरसाना के आकर्षण को ओर बढ़ा दिया है। बरसाना के प्रति बढ़ते पर्यटक व श्रद्धालुओं के रूझान को देखते हुए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने राधारानी की अष्टसखियों के मंदिर के लिए एप्रोच मार्ग और सौंदर्यीकरण की
कार्य योजना तैयार की है।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि ब्रज भूमि में अब बरसाना भी तेजी से उभरकर आ रहा है। यहाँ अब न केवल राधा अष्टमी और लठामार होली देखने को श्रद्धालु आ रहे हैं बल्कि प्रतिदिन बड़ी संख्या श्रद्धालु राधाजी के दर्शन को पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि मथुरा वृंदावन और गोवर्धन के साथ बरसाना में श्रद्धालु बड़ी संख्या रहती है। आजकल बरसाना की सड़कों पर भीड़ का दबाव देखने को मिल रहा है। इसी के अनुरूप बरसाना के विकास पर काम हो रहा है। श्रीजी मंदिर के आसपास कई विकास योजनाएं अमल में लाई जा रही है। रोप-वे ने विकास की योजनाओं को पंख लगा दिए हैं। बरसाना के प्रति श्रद्वालुओं के बढ़ते रुझान को देखते हुए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने राधारानी की अष्टसखियों के मंदिरों तक श्रद्धालुओं की पहुंच बनाने की योजना बनाई है।
श्री सिंह ने बताया कि बरसाना के आसपास राधारानी की सखियों के गाँव हैं। यहाँ स्थित मंदिरों के एप्रोच मार्ग बनाए जाएंगे। यहाँ स्ट्रीट लाइट, साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। मंदिरों के पास श्रद्धालुओं के लिए बैठक बनाई जाएंगी। पेयजल और शौचालय की व्यवस्था भी रहेगी। उन्होंने बताया कि पर्यटन विकास से जुड़े इस प्रस्तावित अष्टसखी प्रोजेक्ट पर 26 करोड़ खर्च होंगे।
अष्टसखियों के गाँव जिनका करना है विकास उनमें ललिता सखी ( ऊंचा गांव),इंदुलेखा सखी (आजनौख),चित्रा सखी ( चिकसोली),चंपकलता सखी ( करहला),तुंग विद्या सखी (डभाला),विशाखा सखी (कमाई) और रंगदेवी सखी (रांकोली) शामिल हैं।