★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
झांसी में हुए एनकाउंटर में 5-5 लाख के ईनामी क़त्लबाज असद व गुलाम ढेर,24 फ़रवरी को दिनदहाड़े उमेश पाल व उसके 2 गनर की हत्या के बाद से थे फ़रार
उमेश पाल की विधवा नें माफ़िया अतीक उसके भाई अशरफ़ समेत 9 लोगों पर हत्याकांड में शामिल होने का दर्ज कराया था केस

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव द्वारा विधानसभा में सरकार को क़ानून व्यवस्था के मुद्दे पर फ़ेल बताया था तो मुख्यमंत्री योगी नें दिया था जवाब”माफ़िया को मिट्टी में मिला दूँगा”
बुधवार को ईडी नें अतीक के रिश्तेदारों,करीबियों व उससे जुड़े बड़े बिज़नेसमैनो के 15 ठिकानों पर 15 टीमों के साथ मारी थी रेड
झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही, भाजपा भाई चारे के खिलाफ है=अखिलेश यादव
♂÷गत 24 फ़रवरी को उत्तरप्रदेश ही नही बल्कि देश में सनसनी फैला देने वाले प्रयागराज में तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की दिन दहाड़े फ़िल्मी स्टाइल में बम व गोलियों से छलनी कर की गयी हत्या से सूबा कांप उठा था।
आज उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फ़ोर्स यानी STF नें 5-5 लाख के ईनामी फ़रार हत्यारे अतीक अहमद के बेटे असद अहमद व शूटर ग़ुलाम को झाँसी में हुए मुठभेड़ में मार गिराने में बड़ी सफलता हासिल की है।
यह दोनों हत्यारे उमेश पाल व उसके सरकारी दो गनर्स की सनसनीखेज हत्याकांड के बाद से ही फ़रार चल रहे थे।
मालूम हो कि इस दिनदहाड़े लबे सड़क पर हुए हत्याकांड को लेकर विधानसभा में नेता विपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव नें योगी सरकार पर क़ानून व्यवस्था के मुद्दे पर फ़ेल होने का आरोप लगाया था तो मुख्यमंत्री योगी नें संकल्प दोहराया कि”माफ़िया को मिट्टी में मिला दूँगा।

इस सनसनीखेज हत्याकाण्ड के पश्चात उमेश पाल की विधवा द्वारा अतीक अहमद उसके भाई अशरफ़ अहमद समेत 9 लोगों के विरुद्ध केस दर्ज कराई गई है।
विदित हो कि बसपा के विधायक राजूपाल की हत्या वर्ष 2005 में इसी तरीके से दिनदहाड़े कर दी गयी थी जिसमें उमेश पाल मुख्य गवाह था।कहा जाता है कि सपा के टिकट पर चुनाव लड़े अतीक अहमद के भाई अशरफ़ अहमद को अपनी हार राजू पाल के द्वारा बर्दाश्त नही हुई थी जिस पर अतीक अहमद नें कुछ ही महीनों में विधायक राजू पाल की हत्या करा दी थी।हालांकि उसके पश्चात हुए चुनाव में बसपा नें राजू पाल की विधवा पूजा पाल को टिकट दिया जिस पर वह चुनाव जीत कर विधायक भी बनी थी।
यूपी एसटीएफ ने असद, गुलाम को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है जबकि इसके पहले भी पुलिस नें दो शूटरों अरबाज़ व विजय चौधरी जो कि अतीक के द्वारा धर्म परिवर्तन कर उस्मान बन गया था को एनकाउंटर में मार गिरा चुकी है।अब तक चार शूटरों का काम तमाम कर देने वाली योगी की पुलिस को तीन शूटर अरमान,गुड्डू मुस्लिम और साबिर की तलाश है।

पुलिस के अनुसार असद और गुलाम को पकड़ने की कोशिश की गई लेकिन वह लगातार पुलिस को छका रहा था।
डिप्टी एसपी नवेंदुव डिप्टी एसपी विमल के नेतृत्व में यूपी एसटीएफ की टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।पुलिस को असद के पास से विदेशी हथियार भी मिले हैं।
उमेश पाल की पत्नी ने इस मामले में अतीक, उसके भाई अशरफ समेत 9 लोगों पर मामला दर्ज कराया है। असद ने पूरे हत्याकांड की कमान संभाल रखी थी, उमेश के हत्याकांड के सीसीटीवी फुटेज में असद हथियार लिए हुए नजर आया था, इसके बाद से पुलिस के रडार पर था।
पुलिस को उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद का बेटा असद, अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर की तलाश थी. इन पर 5-5 लाख का इनाम घोषित किया गया था।
मालूम हो अब तक योगी सरकार की कार्रवाई में माफ़िया अतीक अहमद उसके परिवार व उसके गिरोह से सम्बन्ध रखने वालों की सैकड़ो करोड़ रुपये की सम्पत्ति को बुल्डोजर से जमींदोज करने के साथ ही सरकार ने ज़ब्त कर लिया है।

उधर पूर्व मुख्यमंत्री व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव नें इस एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है।भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नही करते हैं।आज के व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जाँच पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाये।सही गलत के फैसलों का अधिकार सत्ता का नही होता है।
भाजपा भाई चारे के ख़िलाफ़ है।
ज्ञातव्य हो कि बीते कल बुधवार को ही ईडी नें अतीक अहमद, उसकी बीवी शाइस्ता व बच्चों, क़रीबियों की 50 के लगभग शेल कम्पनियों के माध्यम से बड़ी हेराफेरी का अनुमान लगाया है तो वहीं 75 लाख की नक़दी ,विदेशी करन्सी, ज़ेवरात समेत 100 से अधिक सम्पत्तियों के दस्तावेज बरामद किया,200 बैंक खातों का भी पता लगाया।
ईडी नें जाँच का दायरा बढ़ाकर अब प्रयागराज में अतीक के क़रीबी बिल्डर विनायक मॉल के मालिक संजीव अग्रवाल, अमितदीप मोटर्स के मालिक दीपक भार्गव,चायल सीट से पूर्व विधायक आसिफ़ जाफ़री के आवासों समेत बुधवार को लखनऊ के जोनल ईडी निदेशक जितेन्द्र सिंह के नेतृत्व में 15 टीमों नें रेड डाली थी।
इन टीमों ने उपरोक्त के अलावा अतीक अहमद के रिश्तेदार ख़ालिद जफ़र,उसके वक़ील व सहयोगी शौलत हनीफ़ खान(एक मामलें में यह सज़ायाफ़्ता भी है),असद,बद्दू अहमद, काली,मोहसिन, चार्टर्ड अकाउंटेंट सबीह अहमद व अकाउंटेंट सीताराम शुक्ला के ठिकानों को भी खंगाला था।
ईडी के अनुसार तमाम बड़े लोग अतीक अहमद के काले साम्राज्य के ज़रिए इकट्ठा किये जा रहे दौलत को शेल कम्पनियों के माध्यम से बिजनेस व प्रोपर्टी बिज़नेस में खपाकर मिलकर पैसा बना रहे हैं।ईडी की कार्रवाई से सफ़ेदपोश लोंगो में हड़कम्प मच गया है।
मालूम हो कि ED की प्रयागराज यूनिट ने वर्ष 2021 में अतीक अहमद के विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज कर अपनी जाँच शुरू की थी।