(मुकेश सेठ)
(मुंबई)
√ NPC प्रेसिडेंट एमिली ब्लिंकस नें कहा कि अमेरिका में पत्रकारों को संविधान द्वारा दी जाती है सुरक्षा चाहे वह पत्रकार या इंटरव्यू देने वाला किसी भी देश का हो
√ पत्रकार पर हुए हमले पर काँग्रेस करे कार्यवाई- अश्वनी वैष्णव
√ इंडिया टुडे के पत्रकार रोहित शर्मा द्वारा सैम पिट्रोदा की मौजूदगी में बांग्लादेश में मारे जा रहे हिंदुओ के बारे में राहुल गाँधी के बोलने की बाबत प्रश्न पूछे जाने पर हुई मारपीट और मोबाइल छीनने की घटना पर अमेरिकी पत्रकारों का संगठन हैं क्रुद्ध
√ पत्रकार से मारपीट की घटना के बाद राहुल गाँधी और काँग्रेस के द्वारा कोई बयान नही आया तो वहीं इंडिया टुडे ने कहा कि सैम पिट्रोडा ने फोन पर माँगी है माफ़ी
अमेरिकी गत 17 सितम्बर को अमेरिका में भारत के नेता विपक्ष व काँग्रेस नेता राहुल गाँधी के कार्यक्रम से पहले इंडिया टुडे के पत्रकार रोहित शर्मा के साथ हुई मारपीट पर मामला गरमा गया है।
जिस पर अमेरिकी नेशनल प्रेस क्लब ने बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका में पत्रकारों को संवैधानिक सुरक्षा प्राप्त है तो वहीँ आज बुधवार को भारत में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि काँग्रेस को पत्रकार पर हुए हमलें पर कार्यवाई करनी चाहिए।
NPC ने कहा है कि पत्रकार के साथ मारपीट अमेरिकी कानूनों के उल्लंघन के दायरे में आती है। NPC ने कहा है कि राहुल गाँधी के स्टाफ का कोई अधिकार नहीं बनता था कि वह पत्रकार रोहित शर्मा के साथ बदसलूकी करें या उनका फोन छीनें।

अमेरिकी नेशनल प्रेस क्लब की अध्यक्ष एमिली विल्किंस ने कहा, “इंडिया टुडे की हालिया खबर और रोहित शर्मा और एनपीसी बोर्ड के एक सदस्य के बीच बातचीत में यह साफ़ हुआ है है कि शर्मा डलास हवाई अड्डे के पास एक होटल में भारत के विपक्ष के नेता राहुल गाँधी के आने का इन्तजार कर रहे थे। इसी दौरान शर्मा ने इंडिया ओवरसीज कॉन्ग्रेस (IOC) के अध्यक्ष सैम पित्रोदा का इंटरव्यू लिया। दोनों पहले भी मिल चुके थे और यह इंटरव्यू रिकॉर्डिंग की सहमति के साथ किया गया था।”
एमिली विल्किंस ने आगे बताय, “आखिरी सवाल पर दर्शकों में से कुछ लोगों ने सवाल पर आपत्ति जताई और शर्मा पर चिल्लाते हुए और उन्हें धक्का देते हुए उनका फोन छीनकर इंटरव्यू रोक दिया। इन लोगों में गाँधी के स्टाफ के लोग शामिल थे, जिन्होंने शर्मा के फोन से फाइलें डिलीट कर दीं और उनसे फोन छीन कर रख लिया।”
NPC ने घटना का जिक्र करने के बाद याद दिलाया कि अमेरिका में पत्रकार एक कानून के तहत सुरक्षित होते हैं जिसका राहुल गाँधी की टीम ने उल्लंघन किया हो सकता है। NPC ने लिखा, “सुरक्षा कर्मचारियों को पता होना चाहिए कि अमेरिका में पत्रकारों को संविधान द्वारा सुरक्षा दी जाती है, चाहे पत्रकार या फिर इंटरव्यू देने वाले किसी भी देश के हों।”
अमेरिका के नेशनल प्रेस क्लब ने कहा, “यह शर्मा और पित्रोदा के बीच तय किए गए नियमों के आधार पर ऑन-द-रिकॉर्ड इंटरव्यू था। राहुल गाँधी की टीम की इंटरव्यू के सवालों या उसके टाइम से कोई लेना देना नहीं था। उनके पास शर्मा का फोन उनसे छीनने या इंटरव्यू डिलीट करने का अधिकार नहीं था।”
NPC के इस बयान के बाद कॉन्ग्रेस नेता सैम पित्रोदा और राहुल गाँधी और भी घिर गए हैं। गौरतलब है कि इंडिया टुडे के अमेरिकी मामले देखने वाले पत्रकार रोहित शर्मा ने एक लेख में बताया था कि किस तरह सैम पित्रोदा के साथ एक इंटरव्यू में हिन्दुओं पर सवाल पूछने के कारण उनके साथ मारपीट हुई।
रोहित शर्मा के लेख के अनुसार, “अपनी तैयारी के हिस्से के रूप में मैंने इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस (IOC) के अध्यक्ष सैम पित्रोदा से संपर्क किया। मैंने पहले भी उनका साक्षात्कार लिया है। सैम इंटरव्यू देने के लिए तैयार हो गए। शाम करीब 7.30 बजे मैं टेक्सास के इरविंग में रिट्ज कार्लटन पहुँचा। वहाँ मुझे सैम के विला में ले जाया गया, जहाँ करीब 30 लोग बैठे थे, जिनमें भारत से आए कुछ लोग भी थे।”

इसके बाद पत्रकार शर्मा इंटरव्यू रिकॉर्ड करने के लिए अपना फोन सेट किया और राहुल गाँधी की यात्रा पर चर्चा करने लगे थे। इस दौरान सैम पित्रोदा ने उनके चार सवालों का सहजता से जवाब दिया। उन्होंने अंतिम सवाल पूछा कि ‘क्या राहुल गाँधी अमेरिकी सांसदों के साथ अपनी बैठकों के दौरान बांग्लादेश में मारे जा रहे हिंदुओं का मुद्दा उठाएँगे?’
इस सवाल का जवाब देने से पहले सैम पित्रोदा ने कहा, “यह राहुल और सांसदों पर निर्भर है कि वे तय करें कि क्या प्रासंगिक है। मैं उनकी ओर से नहीं बोल सकता लेकिन…।” इसी बीच वहाँ बैठे लोग हँगामा करने लगे।
रोहित शर्मा ने कहा, “राहुल की टीम के एक सदस्य ने मेरा फ़ोन छीन लिया और चिल्लाने लगा- ”बंद करो! बंद करो!, साक्षात्कार बंद करो” उन्होंने आगे कहा, ”सैम भी मेरी तरह घबराए हुए थे और लोगों से शांत रहने की अपील कर रहे थे। हालाँकि, राहुल गाँधी के टीम के लोगों एवं समर्थकों ने उनकी बात नहीं मानी और मेरी माइक छीनने लगे मैंने विरोध किया और उन्होंने मोबाइल की रिकॉर्डिंग बंद कर दी।”
इस हंगामे के बीच ही सैम पित्रोदा को राहुल गाँधी से मिलने के लिए एयरपोर्ट ले जाया गया। हालाँकि, कमरे में कम से कम 15 लोग रह गए। रोहित ने आगे कहा, “उन्होंने मुझसे साक्षात्कार से अंतिम प्रश्न हटाने के लिए कहा। मैं उन्हें समझाता रहा कि प्रश्न में कुछ भी विवा दास्पद नहीं है और उनकी हरकतें गलत हैं। इसके बावजूद वे अड़े रहे और मेरा फोन लेकर उसमें खोजबीन करने लगे।”
इसके बाद उन लोगों ने उस साक्षात्कार को पत्रकार की फ़ोटो लाइब्रेरी से डिलीट कर दिया, लेकिन वह डिलीट फ़ोल्डर में वह रह गया और उसे खोलने के लिए पत्रकार के फेस आईडी की जरूरत थी। रोहित ने बताया, “जब मैं वहाँ बैठा था तो दो आदमी मेरे बगल में खड़े थे। उनमें से एक ने चुपके से मेरा फ़ोन मेरे चेहरे के पास लाया और मेरी सहमति के बिना उसे अनलॉक कर दिया।”
इसके बाद उन्होंने डिलीट किए गए फ़ोल्डर से इंटरव्यू को डिलीट करना शुरू कर दिया। iCloud भी चेक किया। रिकॉर्डिंग के दौरान फ़ोन एयरप्लेन मोड में था। इसलिए वीडियो सिंक नहीं हो पा रहा था। इस तरह वे लगभग आधे घंटे तक हर तरह की हरकत करने के बाद शांत बैठ गए। हालाँकि, इसके बाद भी वे फोन नहीं लौटाए और उसे चार दिनों तक अपने पास रखा। पत्रकार के साथ हुई मारपीट में राहुल गाँधी के निजी सचिव अलंकार के शामिल होने की बात भी सामने आई थी।
बाद में इस मामले को लेकर सैम पित्रोदा ने इंडिया टुडे से बातचीत की। सैम पित्रोदा ने अपने ही इंटरव्यू में पत्रकार शर्मा के साथ हुई मारपीट की जानकारी होने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह कह कर पीछा छुड़ाने की कोशिश की कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है और शर्मा को इस जानकारी को सार्वजनिक करने से पहले उनसे बात करनी चाहिए थी।
इंडिया टुडे ने बाद में यह सूचना दी कि उनके पत्रकार से हुई मारपीट के संबंध में सैम पित्रोदा ने फोन पर माफी माँगी है। पित्रोदा ने जाँच करवाने की बात भी शर्मा से कही थी। हालाँकि, राहुल गाँधी या कॉन्ग्रेस की तरफ से प्रेस पर हमले के संबंध में कोई बयान नहीं आया है।
आज बुधवार को पत्रकारों का एक प्रतिनिधि मंडल भारत के सूचना और प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव से मिलकर नेता विपक्ष और काँग्रेस नेता राहुल गाँधी के सुरक्षा कर्मियों द्वारा अमेरिका में पत्रकार रोहित शर्मा के साथ की गई मारपीट और मोबाइल छीनकर इंटरव्यू डिलीट करने और घण्टो बिठाकर बदसलूकी की घटना पर आक्रोश जताते हुए ज्ञापन देकर उचित कदम उठाने की मांग की है।
कुल मिलाकर नेता विपक्ष और काँग्रेस नेता राहुल गाँधी और काँग्रेस के द्वारा पत्रकार पर हमले पर साधी गई चुप्पी पर अमेरिका से लेकर भारत में भी पत्रकारों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
इतना तो तय है कि प्रेस पर हुए हमले और पत्रकार द्वारा प्रश्न पूछने पर पत्रकार के साथ की गयी बदसलूकी की घटना नें राहुल गाँधी, काँग्रेस और सहयोगी दलों को बैक फुट पर ला दिया है।