लेखक-सुभाषचंद्र
जुबान संभाल कर मियां शरीफ,आजकल पाकिस्तान में चल रहा “टपकाने”का ‘मौसम’
नवाज़ शरीफ कल 4 साल के बाद पाकिस्तान लौट आया और आते ही लंबी लंबी फेंकनी शुरू कर दी।
सबसे बड़ी बात नवाज़ शरीफ ने कही कि 1998 में भारत के परमाणु परीक्षण के बाद पाकिस्तान को ऐसा परीक्षण करने से रोकने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने उन्हें 5 अरब डॉलर देने की पेशकश की थी, एक अरब डॉलर और भी मिल सकता था लेकिन मैंने वह स्वीकार नहीं किया जबकि इमरान खान होता तो ऐसा न करता।
नवाज़ शरीफ क्यों हवा बाज़ी करते हो, परीक्षण रोकने के लिए नहीं बल्कि परीक्षण करने के लिए अमेरिका से तुम्हें पैसा मिला होगा – एक बात का चर्चा बहुत हुआ था करगिल युद्ध में कि तुमने क्लिंटन को भारत पर एटम बम फेंकने की धमकी दी थी – यह बात क्लिंटन ने फ़ोन पर जब अटल बिहारी वाजपेयी को बताई तो उन्होंने कहा था कि “फिर कल पाकिस्तान भी दुनिया के नक़्शे पर नहीं दिखाई देगा” और यह बात सुनकर तुम्हारी क्या हालत हुई थी, यह तुम्हें पता होगा।
पाकिस्तान को 9/11 के बाद लगातार अमेरिका से कितना पैसा मिला मगर वह सब उसने भारत के खिलाफ आतंकवाद फैलाने में खर्च किया – इसलिए पैसा जितना भी मिले पाकिस्तान को, वह एक ही काम आता है – या नेताओं की जेब में आतंक के लिए उपयोग होता है।
अब सवाल यह पैदा होता है कि एक सजायाफ्ता मुजरिम और घोषित “भगोड़ा” पाकिस्तान कैसे लौट आया, क्या सीक्रेट डील हुई है सेना के साथ क्योंकि सेना की मर्जी के बिना तो पाकिस्तान में पत्ता भी नहीं हिलता।
-नवाज़ शरीफ 5 जून, 2013 से 28 जुलाई, 2017 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे – 2017 में ही नवाज़ शरीफ को पनामा पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर गद्दी छोड़नी पड़ी थी;
-2018 में नवाज़ शरीफ को एवनफील्ड केस में 10 साल की सजा हुई लेकिन तब वह लंदन में थे अपनी बीमार बेगम के साथ; यानी सजा की अवधि अभी चल रही है;
-13 जुलाई 2018 को पाकिस्तान लौटने के बाद गिरफ्तार हो गए;
-24 दिसंबर, 2018 को अल – अजीजिया चीनी मिल केस में नवाज़ को 7 साल की सजा हुई;
-19 नवंबर, 2019 को सरकार की अनुमति से अपना इलाज कराने लंदन चले गए यानी सजा पूरी किये बिना; और
-4 वर्ष अल – अजीजिया और एवनफील्ड केस में पेश न होने के लिए उन्हें भगोड़ा घोषित किया था।
अब नवाज़ शरीफ के पाकिस्तान लौटने का मतलब यही है कि कुछ खिचड़ी ऐसी पकी है सेना और ISI के साथ मिल कर कि गद्दी एक बार फिर से शरीफ को मिलेगी और इमरान खान को Permanently ठिकाने लगा दिया जाएगा, यह काम नवाज़ के भाई शाहबाज़ शरीफ के समय में शुरू कर दिया गया था।
लेकिन नवाज़ शरीफ को पाकिस्तान में सावधान रहना होगा क्योंकि वहां कुछ “अज्ञात लोग” बड़े बड़ों को टपकाने का कार्यक्रम शुरू किए हुए हैं ऐसे समय में सेना का नवाज़ शरीफ को वापस बुलाना कुछ और तो इशारा नहीं कर रहा, पाकिस्तान में कुछ भी हो सकता है।
नवाज़ शरीफ ने आते ही पाकिस्तान के आवाम को इज़रायल के खिलाफ भड़काने का काम शुरू कर दिया है जैसे यही लोगों की भूख मिटाने के लिए काफी होगा चाहे रोटी मिले या न मिले।बेटी मरियम स्टेज पर खड़ी होकर नवाज़ के हाथ में फिलिस्तीन का झंडा पकड़ा देती है जैसे वह सत्ता में पहुंचने की चाबी हो।
पाकिस्तान में कोई भी सत्ता में आए, एक बात निश्चित है कि वह भारत के साथ संबंध ठीक करने की कोशिश कर ही नहीं सकता क्योंकि जब तक वो कश्मीर की घुट्टी पीना बंद नहीं करेंगे, कुछ नहीं होगा और कश्मीर उन्हें मिलेगा नहीं – “सीधी बात – नो बकवास”

(लेखक उच्चतम न्यायालय के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता हैं)