(आलोक तिवारी)
(मथुरा)
√ नियम विरुद्ध प्रबंध समिति की मान्यता प्रदान करने वाली शिकायतों का लगा अंबार
जनपद में शिक्षा विभाग का विवादों से गहरा नाता रहा है, पूर्व में अनेकों जिला विद्यालय निरीक्षक रिश्वत लेते पकड़े गए और लिपिक भी लेकिन सुधार कोई भी सरकार नहीं कर पाई। पूर्व में कुछ जिलाधिकारी सख्त तेवर वाले आये जो लगातार अचानक डीआईओएस ओर बीएसए ऑफिस का निरीक्षण किया करते थे जिससे अधिकारी, कर्मचारी सतर्क रहते थे। वर्तमान में इन दिनों ऑफिस में मनमाना राज चल रहा है न कोई देखने वाला, न कोई सुनने वाला मजे की बात यह है कि दोनों ही ऑफिस अन्य सरकारी ऑफिस से अलग बने हुए हैं जिस कारण कोई देखने वाला नहीं है।
वैसे तो शिक्षा विभाग नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए ख़ुद नैतिकता भूल चुका हैं यही कारण हैं कि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय अपने विभागीय उच्च अधिकारियों के आदेशो को भी मानने को तैयार नहीं हैं और उन आदेशों को पटल सहायक दबाए बैठे रहते हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में मोटा खेल एडेड माध्यमिक विद्यालयों की प्रबंध समितियो की मान्यता प्रदान करने में खेला जाता है, जिसमें मान्यता प्रदान करने के दौरान पटल सहायक बोली लगाते हैं जो मोटी उगाही दे देता है उसको मान्यता प्रदान कर दी जाती हैं। जिसमें नियमों शासनादेशों की पूरी अनदेखी की जाती है।
सूत्र बताते हैं कि उगाही का हिस्सा ऊपर तक जाता हैं जिस कारण शिकायत होने पर पटल सहायक उन विद्यालयों के प्रबंधकों को बुलाकर सेटिंग कर दबा लेते है बाबू इतने कलाकार हैं कि फर्जी प्रबंध समिति तैयार करवाकर उसे प्रबंधक के हस्ताक्षर से प्रमाणित करवा देते है। असल कारण है कि नियुक्तियों के नाम पर होने वाली ऊपरी कमाई का लालच।
वर्तमान में अनेकों प्रबंध समिति के विवाद में उच्च न्यायालय सही प्रबंध समिति के पक्ष में निर्णय दिए जिसमें जवाहर इंटर कॉलेज आदि थे।
इसी प्रकार सुरीर स्थित एक विद्यालय की असल प्रबंध समिति के स्थान पर फर्जी प्रबंध समिति को मान्यता प्रदान कर दी डॉ दिनेश गुप्ता ने, इस संबध में अनेकों शिकायती पत्र पर उच्च अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक मथुरा कार्यालय में तैनात एक बाबू जो प्रबंध समिति मान्यता पटल सहायक है दबा देता है।
दूसरा मामला जानकी बाई गर्ल्स इंटर कॉलेज मथुरा की है, अस्तित्व विहीन विद्यालय प्रबंध समिति को नियम विरुद्ध प्रबंध समिति मान्यता प्रदान करने में अगस्त 24 में शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता मोहर सिंह ने शिकायत दर्ज कराई उच्चाधिकारियों ने तमाम पत्र लिखे लेकिन वह सभी दबा दिए।
सयुक्त शिक्षा निदेशक आगरा आर पी शर्मा ने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक मथुरा कार्यालय मेरे नियंत्रण से बाहर हो रहा है और तैनात पटल सहायक मेरे आदेशो को नहीं मान रही है।व्यक्तिगत रूप से पटल बाबुओं को फोन कर निर्देशों देने पर भी हा-हा करते हैं। मुझे लोगों ने बताया कि उस कार्यालय में एक पटल सहायक जिसके संबध मे हाई कोर्ट का आदेश है कि उन्हे मथुरा के अंदर भविष्य में तैनात न किया जाए, विशेष तौर से जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में।
जहां तक प्रबंध समिति मान्यता विवाद की बात है अब इसकी जांच उप शिक्षा निदेशक आगरा को करने के आदेश मेरे द्वारा प्रदान कर दिए गए हैं जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर उन प्रबंधकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।