(जे उदय भास्कर)
(हैदराबाद)
-उनका जीवन पत्रकारों की इस पीढ़ी के लिए एक आदर्श है
-शोक सभा में अनेक वक्ता
-पत्रकार नेताओं ने विक्रम राव को श्रद्धांजलि दी
राष्ट्रीय पत्रकार आंदोलन के नेता और वरिष्ठ पत्रकार का निधन
कई वक्ताओं ने कहा कि कोटमराजू विक्रम राव की असामयिक मृत्यु पत्रकार आंदोलन के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा कि सामाजिक चेतना और लोकतांत्रिक नैतिक मूल्यों के साथ पचास वर्षों तक पत्रकारिता करने वाले और देशभर में पत्रकारों के अधिकारों को हासिल करने के लिए अनेक लड़ाइयां लड़ने वाले विक्रम राव का जीवन पत्रकारों के लिए आदर्श है। विक्रम राव ने पत्रकारों से उनकी आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया। इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (आईएफडब्ल्यूजे) और तेलंगाना वर्किंग जर्नलिस्ट्स फेडरेशन (टीडब्ल्यूजेएफ) के तत्वावधान में शुक्रवार को हैदराबाद के चिक्कड़पल्ली स्थित त्यागरायगण सभा में दिवंगत के. विक्रम राव के लिए एक शोक सभा आयोजित की गई। फेडरेशन के राज्य अध्यक्ष ममीदी सोमैया की अध्यक्षता में आयोजित शोक सभा में पूर्व प्रेस अकादमी के अध्यक्ष और तेलंगाना बीसी आयोग के सदस्य तिरुमलगिरी सुरेंदर, आईएफडब्ल्यूजे सचिव पुलिपलुपुला आनंद, वरिष्ठ पत्रकार गौरी शंकर, फेडरेशन के राज्य उपाध्यक्ष पिल्ली रामचंदर, बंदी विजय कुमार, गुडिगे रघु, सचिव थन्नीरु श्रीनिवास और अन्य लोगों ने भाग लिया, जिन्होंने विक्रम राव के चित्र पर माल्यार्पण किया और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर वक्ताओं ने विक्रम राव की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे एक महान व्यक्ति थे, जो पत्रकार आंदोलन के लिए समर्पित थे तथा पिछले 60 वर्षों से पत्रकार समुदाय की सेवा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तेलुगू भाषी विक्रम राव न केवल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रकार हैं, बल्कि एक महान नेता भी हैं, जो उस स्तर के यूनियन नेता बन गए हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों का आंदोलन एक सतत प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि विक्रम राव ने 1950 में दिल्ली में गठित आईएफडब्ल्यूजे की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उन्होंने संघ का विस्तार देश भर के 29 राज्यों में किया तथा पत्रकारों के मुद्दों पर कई आंदोलनों का नेतृत्व किया।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष ममीदी सोमैया ने कहा कि पत्रकारिता के पेशे को गौरव दिलाने वाले विक्रम राव पत्रकारों की इस पीढ़ी के मार्गदर्शक थे। उन्होंने कहा कि विक्रम राव की कलम और आवाज उनकी मृत्यु तक नहीं रुकी और उन्होंने समाज के लिए अपनी कलम और पत्रकारों के अधिकारों के लिए अपनी आवाज का इस्तेमाल जारी रखा। उन्होंने कहा कि यद्यपि आईएफडब्ल्यूजे से कई पत्रकार संगठन उभरे और इस संगठन को विभाजित करने के कई षड्यंत्रों के बावजूद, विक्रम राव के नेतृत्व में यह देश भर में अखंड और मजबूत बना रहा। उन्होंने पत्रकारों के अधिकारों के लिए चालीस वर्षों के संघर्ष और अनेक जीतों के लिए विक्रम राव की प्रशंसा की। फेडरेशन के नेता और पत्रकार संघों के नेता के. पांडुरंगा राव, पद्मनाभाराव, येरामिलि रामा राव, दमेरा जगदेश्वर, बोलम श्रीनिवास, थुमु वेंकट रामकृष्ण,
जे उदय भास्कर रेड्डी, अशोक गौड़, पर्वतला, गद्दामेडी अशोक, नरेश और अन्य ने भाग लिया और विक्रम राव को श्रद्धांजलि दी।