लेखक: सुभाष चंद्र
अमेरिका में राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप ने जन्म के आधार पर नागरिकता कानून को ख़त्म किया था क्योंकि अमेरिका में बहुत विदेशी जाते थे, बच्चे को जन्म देते थे और बच्चे को स्वत अमेरिकी नागरिकता मिल जाती थी जन्म के आधार पर।
ऐसा ही गोलमाल भारत में भी चल रहा है वर्षों से जिसका खुलासा अब हुआ है,जब 28 हिंदू पहलगाम में शहीद हो गए और भारत सरकार ने सभी पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने के आदेश दिए,इस गोलमाल में भारत और पाकिस्तान दोनों के लोग महिला / पुरुष शामिल हैं ,यह कई तरीके से हो रहा है।
-35(A) के अनुसार जहां तक मैंने पढ़ा था प्रावधान था कि कोई कश्मीरी लड़की अगर किसी पाकिस्तानी से शादी करती थी तो उसके पाकिस्तानी पति को जम्मू कश्मीर की नागरिकता अपने आप मिल जाती थी जिसका मतलब था उसके पास दोहरी नागरिकता हो जाती थी – लेकिन कल गूगल सर्च में जानकारी दी गई कि वह पाकिस्तानी पति पाकिस्तानी ही रहता था, इसका मतलब अब यह निकलता है कि ऐसे हजारों पाकिस्तानियों को भी अब भारत छोड़ना पड़ेगा बीवी बच्चो के साथ या उन्हें भारत में छोड़ कर।
-दूसरी कैटेगरी है , कुछ पाकिस्तानी मुस्लिम भारत की मुस्लिम लड़कियों से शादी करते आते रहे हैं और उनसे बच्चे पैदा करते हैं जिन्हें भारत की नागरिकता जन्म के आधार पर स्वत मिल जाती रही है – लेकिन वे अपनी बीवियों को भारत में ही रखते थे।इस तरह तकनीकी रूप से भारत में पाकिस्तानी मुसलमान बढ़ रहे हैं; ऐसी सभी महिलाओं को भी भारत छोड़ने के लिए कहना चाहिए और शायद यह हो भी रहा है।
-तीसरी कैटेगरी है भारतीय महिलाओं की जो खुद पाकिस्तानी लड़कों से शादी करती आ रही हैं और पाकिस्तानी टूरिस्ट बन कर यहां आते है, बच्चे पैदा करते हैं और वे भी भारत की नागरिकता पा लेते हैं, पाकिस्तानी पाकिस्तान चला जाता है और बच्चे पाकिस्तानी बन कर भारत में तांडव करते हैं – ऐसी महिलाओं को भी पाकिस्तान भेजने के आर्डर देने चाहिए।
-चौथी कैटेगरी है जिसमें भारत के मुसलमान लड़के पाकिस्तानी लड़कियों से शादी करते हैं, उन्हें टूरिस्ट बना कर लाते है और बच्चे पैदा करते हैं जिन्हें भी भारत के नागरिकता मिल जाती है,बच्चे पैदा करने का मकसद पूरा करके पाकिस्तानी बीवी को वापस पाकिस्तान भेज देते हैं क्योंकि यहां तो 4 बीवियां रख सकते हैं, तो वो और या तो यहीं ढूंढ लेते है या पाकिस्तान से ले आते हैं निकाह करके।
अब समय आ गया है कि कानून में बदलाव करके Citizenship by Birth केवल उन्हें ही दी जाए जिनके माँ बाप दोनों भारतीय हों क्योंकि ऐसी व्यवस्था के कारण ही मुस्लिम जनसंख्या बढ़ रही है और वो विपक्ष के वोटर बन रहे हैं और दंगा फसाद अलग करते हैं। ऐसे जन्में बच्चों का वोटिंग का अधिकार भी छीन लेना चाहिए ,अब उन्हें कागज दिखाने होंगे साबित करने के लिए कि वे भारतीय माँ बाप की औलाद हैं जो वो कर नहीं सकेंगे।
पहलगाम नरसंहार छाती चाक चाक कर देने वाला हमला है लेकिन 27 हिंदुओं के बलिदान से शायद पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और रोहिंग्या की सफाई का अभियान जोर पकड़ सकता है!
उन सभी अमर बलिदानी पर्यटकों को शत शत नमन।

(लेखक उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और यह उनके निजी विचार हैं)