(मुकेश शर्मा)
(ग्वालियर)
√ दो दिन बाद राज्यमंत्री के दबाव पर दर्ज हुई FIR से चिढ़े थाना प्रभारी ने फरियादी की करवा दी तोड़ाई
√ देवास के ओद्योगिक थाने में ग्वालियर के युवक की पिटाई ने पकड़ा तूल,टैक्सी युनियन के अध्यक्ष सुशील चौहान नें कहा न्याय नहीं मिला तो सीएम के पास जायेंगे
√ देवास पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत नें कहा मामला संज्ञान में है, सात दिन में जाँच रिपोर्ट आने के बाद की जायेगी कार्यवाई

मध्य प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड बहुमत वाली डॉ मोहन यादव की सरकार भी घुसखोरी के दानव का दमन करने में न जाने क्यों सफ़ल नही हो पा रही है। जिससे आये दिन ऐसी ऐसी घटनाएं सामने आ रही है कि लोगों के रूह तक काँप जा रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला देवास जिले के ओद्योगिक थाना क्षेत्र की पुलिस के क्रूरता का सामने आया है।
जहां फरियादी से FIR के बदले रुपये न मिलने पर ग्वालियर के एक ड्राइवर के हाथ पैर बांधकर थाना प्रभारी के आदेश पर पुलिसकर्मियों ने जमकर पिटाई कर दी।पीड़ित ड्राइवर की हालत देखकर पुलिस का निरंकुश चेहरा सामने आया है?ड्राइवर ने अपने साथ घटित घटना की पुलिस अधीक्षक देवास से शिकायत की है। दरसल शहर के मुरार इलाके का निवासी राकेश नामदेव ड्रायवरी करते हैं।नामदेव वाहन कमांक यू.पी. 80,जी.टी.7389 चलाते हैं। 20 जनवरी को राकेश नामदेव गुजरात से सनफार्मा देवास का माल लोड करवाकर देवास के लिए चला नामदेव को उक्त माल 21जनवरी को सनफार्मा देवास में अनलोड करना था।रात्री 2 बजे के लगभग ड्राइवर नामदेव देवास टाटा चौराहे पर पहुंचकर आराम करने लगा। ड्राइवर ने सुबह 4 बजे जब गाड़ी चैक की तो गाड़ी का पीछे का ताला टूटामिला।ताला टूटा देखकर ड्राइवर ने आसपास तलाश किया तो कि एक ड्रम फटा हुआ दिखा,जिसका माल चोरी हो चुका था।इसबात की सूचना ड्राइवर ने वाहन स्वामी हरिशचंद्र श्रीवास निवासी ग्वालियर को दी।तो वाहन मालिक ने थानेपर सूचना देने को कहा।उसके बाद ड्राइवर नेऔ.क्षे.थाना पहुंचकर उक्त घटना की जानकारी दी।वकौल नामदेव थाना प्रभारी शशिकांत चौरिसिया ने एफआईआर न लिखते हुए कहा कि घटना के सम्बंध में आवेदन लिखकर दे दो, जांच के वाद एफआईआर होगी।ड्राइवर ने घटना का आवेदन तो देदिया लेकिन थाना प्रभारी ने दो दिन तक कोई कार्यवाही नहीं की तो 23 जनवरी को वाहन मालिक के आनेपर एक दर्जा प्राप्त मंत्री के हस्तक्षसप से एफआईआर दर्ज हुई बस यही बात थाना प्रभारी शशिकांत चौरिसिया को अखर गई क्योंकि चौरिसिया ने ड्राइवर से एक आरक्षक के माध्यम से 50 हजार रु की मांग की थी।उसके बाद 29 जनवरी को औ.क्षे.थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी राणाने नामदेव को फोनकर बयान लेने हेतु शाम 4 बजे बुलाया।नामदेव जब थाने पहुंचा तो थाना प्रभारी चौरिसिया,राणा एवं अन्य पुलिसकर्मियों ने उससे पैसों की मांग की तो नामदेव पैसे देने से मना कर दिया।जैसे ही नामदेव ने पैसे के लिए मना किया तो पुलिसकर्मियों का गुस्सा नामदेव पर फूट पड़ा और माँ,बहन की गालियों के साथ मारपीट शुरु करदी।नामदेव के पैर और हाथ में लोहे की राड डालकर उल्टा लटकाकर तीन घंटे तक बे रहमी में मारपीट की गई।

थाना प्रभारी ने कहा कि तूने रिपोर्ट झूठी लिखवाई है अब जांच तभी होगी जब पैसे मिलजाएंगे तुझे जहाँ शिकायतें करनी है करदे।मारपीट से ड्राइवर के चहरे,कुल्हे,पैर एवं शरीर के अन्य भागों में गंभीर चोटें आई हैं।पिटा कुटा राकेश नामदेव जैसे तैसे अगले दिन पुलिस अधीक्षक की शरण में पहुंचा जहा उसने न्याय की गुहार लगाई है।
इस घटना के बाबत टैक्सी युनियन कल्याण समिति अखिल भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील चौहान का कहना है कि पुलिस द्वारा फरियादी ड्राइवर की बेरहमी से मारपीट की गई है,इसतरह की सूचना हमारे पास आई है।ड्राइवर को अगर पुलिस अधीक्षक के यहाँ से न्याय नहीं मिला तो हम मामले को मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे।

वहीं पुलिस अधीक्षक देवास पुनीत गहलोत नें बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में आया है, इस प्रकरण की जाँच राजपत्रित अधिकारी से कराई जा रही है और निर्देशित किया गया है कि सात दिनों के भीतर रिपोर्ट दें।
रिपोर्ट के आधार पर समुचित कार्यवाई की जायेगी।