(आलोक तिवारी)
(मथुरा)
सट्टे का कारोबार भले ही गैरकानूनी है लेकिन पुलिस के लिए दुधारू गाय है भले ही इस अवैध कारोबार से हजारों परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। सट्टे के अवैध कारोबार में गरीब मजदूर किसान और मेहनत कश बुरी तरह से फस चुके हैं उन्हें उम्मीद है एक का सौ सौ आज नहीं तो कल जरूर मिलेगा सत्यता यह है अवैध सट्टे के नंबर का कारोबार करने इन्हें बेवकूफ बनाकर दिनों दिन करोड़पति और अरबपति होते जा रहे हैं और आज नहीं तो कल हमारा भी नंबर आएगा ऐसे लोग दिनों दिन कंगाल हो रहे हैं यह अवैध कारोबार किसी एक क्षेत्र या चौकी थाना क्षेत्र की समस्या नहीं है यह राष्ट्रव्यापी समस्या है इस अवैध कारोबार को करने वालों को इलाका पुलिस का भरपूर संरक्षण प्राप्त है सट्टे का कारोबार करने वाला व्यक्ति पुलिस थाने और पुलिस चौकिया पर सम्मान प्राप्त कर रहे हैं यह कानून और व्यवस्था के लिए बेहद शर्मनाक बात है।