(आलोक तिवारी)
( मथुरा)
√ एक लाख की पोषाक और 22 लाख का हार धारण किया राधाजी नें
श्री राधारानी के प्रक्टोत्सव के लिए इस समय पूरा बरसाना जगमगाती रोशनी से सजा हुआ था। इसके साथ ही पूरा ब्रज मंडल श्री राधा रानी के प्रकट के जश्न की तैयारियों में जुटा रहा । राधा के जन्मोत्सव का सबसे भव्य नजारा बरसाना में लाडली जी महाराज मंदिर में देखने को मिला । यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु श्री राधा रानी के जन्मोत्सव में शामिल हुए और प्रातः होने वाले अभिषेक में शामिल हुए ।
मंदिर के रिसीवर प्रवीण गोस्वामी ने बताया कि इस बार भी लाडली जी महाराज मंदिर में किशोरी जी का प्राकट्य उत्सव बड़ी ही धूम धाम और उत्साह के साथ मनाया गया। उन्होंने बताया कि इस बार राधा जी के प्राकट्य दिवस के लिए कई विशेष तैयारियां की गई है। जिसमें सबसे पहले उनके जन्म के लिए खास पोशाक तैयार की गई है। जो पीले रंग की है और उसमें हाथों से मोती, जरी, गोटे लगाये है जिसकी कीमत करीब एक लाख रुपये से भी अधिक है।
मंदिर के सेवायत सौरभ गोस्वामी, विष्णु गोस्वामी ने आगे बताया कि लाडली जी महाराज मंदिर में राधा जी का प्राकट्य उत्सव 11 सितंबर को प्रातः चार बजे मनाया गया। सबसे पहले मंदिर में सुबह 2:30 बजे से बरसाना के गोस्वामी समाज के लोग मंदिर परिसर में राधा जन्म की समाज गायन प्रस्तुत किया।
भोर में 4 बजे राधा रानी जी का जन्माभिषेक 200 किलो दूध, 200 दही के साथ शहद, घी, बूरा, गुलाब जल समेत करीब 1008 किलो सामग्री का प्रयोग अभिषेक के लिए किया गया। यह क्रम सुबह 5 बजे तक चलता रहा। उसके आधा घंटे बाद श्रंगार आरती हुई । जिसके बाद 7:45 बजे तक मंदिर बंद कर दिये गये । वृषभानोत्सव सुबह 7:45 से लेकर 1:30 बजे तक रहा। जिसमें बरसाना व नंदगांव वाले बधाई गायन प्रस्तुत किया ।
राधाष्टमी के दिन राधारानी के शाम साढे चारबजे सफ़ेद छतरी दर्शन दिये। राधा रानी का विग्रह मंदिर परिसर निकल कर मंदिर के आंगन में बनी सफ़ेद छतरी तक डोला में विराजमान करके सेवायत लाये।जहां सभी भक्त उनके दर्शन करेंगे। यह दर्शन शाम सात बजे तक जारी रहे । उसके बाद सेवायत परिवार की कन्या पुजारी ने स्थान पर राधाजी का आरती की गई ।