(मुकेश सेठ)
(मुम्बई)
निर्माता/अभिनेता रिज़वी ने उठाया सवाल कि अभिव्यक्ति की आज़ादी क्या सिर्फ़ वामपंथी विचारधारा वालों के लिए ही है
वसीम रिज़वी ने बताया कि पाकिस्तान से फ़िल्म ”द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” के निर्माता – निर्देशक के ऊपर जारी किया गया है फतवा
वसीम रिजवी और सनोज मिश्रा ने किया दावा कि पश्चिम बंगाल की सत्य घटना पर आधारित है”द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” फिल्म
मुंबई के अँधेरी वेस्ट स्थित कंट्री क्लब वीरा देसाई रोड में बॉलीवुड फिल्म ''द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल" का एक संवाददाता सम्मेलन फिल्म के टीम के साथ आयोजन किया गया इस अवसर पर फिल्म की टीम उपस्थित थी। मुम्बई में इन दिनों बॉलीवुड फ़िल्म ''द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल'' को लेकर काफी चर्चाएं सुनने को मिल रही हैं । इस फ़िल्म का सेंसरशिप तो हो चुका है लेकिन सेंसर बोर्ड इस फ़िल्म को रिलीज करने के लिए सर्टिफिकेट नहीं दे रहा है। निर्माता - निर्देशक सेंसर बोर्ड के चक्कर लगा लगाकर थक गए लेकिन सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी या उनकी टीम से कोई भी इस फ़िल्म को लेकर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में इस फ़िल्म को बनाने में निर्माता के करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है ।
इस फ़िल्म के बारे में बात करते हुए फिल्म के निर्माता वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह कहते हैं कि हमने तो एक सच्ची घटनाओं पर आधारित सिर्फ फ़िल्म बनाई थी उसके लिए भी हमारे ऊपर पाकिस्तान के करांची स्थित एक आतंकवादी संगठन जामिया दारुल उलूम ने फतवा जारी कर दिया है और फ़िल्म रिलीज ना करने की धमकी दी गई है।
प्रोड्यूसर/एक्टर और उत्तर प्रदेश किया वक्फ बोर्ड के एक्स चेयरमैन रहे सैय्यद वसीम रिज़वी हो कि अब घर वापसी कर सनातनी बने जितेन्द्र नारायण सिंह ने सवाल खड़े किए कि बताइए अब भारत मे फ़िल्म बनाने और रिलीज कराने के लिए क्या अब पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों से इजाज़त लेनी पड़ेगी ?
उन्होने आरोप लगाया कि क्या अब हम यही समझें कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन में कुछ हैं क्या, क्योंकि फ़िल्म को रिलीज होने से उनको ही दिक्कत है और यहां पर ममता बनर्जी की सरकार रिलीज नहीं करने दे रही है । तो फिर इन आतंकवादियों से रिश्ते को क्या समझा जाये ?
फिल्म निर्माता ने कहा कि क्या हमारे देश मे सिर्फ वामपन्थी विचारधारा वाले लोगों के लिए ही अभिव्यक्ति की आज़ादी और सिनेमैटिक लिबर्टी मिलेगी,क्या इस सिनेमैटिक लिबर्टी और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हम इंडिपेंडेंट लोगों का कोई अधिकार नहीं है,क्या हमें सामाजिक कुरीतियों को उजागर करने के लिए भी अब प्रताड़ित किया जाएगा।
उन्होने आगे कहा इस फ़िल्म के जरिये हुए हमारे अब तक के नुकसान की भरपाई कौन करेगा ? यदि पश्चिम बंगाल में सबकुछ सही चल रहा है तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हमारी फ़िल्म रिलीज़ क्यों नही होने देती ? ममता बनर्जी सरकार हमारी टीम के पीछे हाथ धोकर क्यों पड़ी हुई है,क्या हमने फ़िल्म बनाकर कोई अपराध कर दिया है ममता सरकार कोई स्पस्ट कारण क्यों नहीं बता रही है ?
जितेंद्र नारायण मूर्ति ने सवाल उठाया कि यदि पश्चिम बंगाल में रोहिंग्याओं और बंगलादेशी घुसपैठियों की मदद ममता बनर्जी की सरकार नहीं कर रही है तो वो इस बात को सरेआम साबित क्यों नहीं करती, वो हमारी फ़िल्म को बिना रीलीजिंग के ही प्रोपेगैंडा फ़िल्म क्यों साबित करने पर तुली हुई हैं ?
फ़िल्म द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल के विषय वस्तु को लेकर बात करते हुए फ़िल्म के निर्देशक सनोज मिश्रा काफी उत्साहित नजर आए । उन्होंने कहा कि हमने एक बेहद सत्य घटना पर आधारित फिल्म बनाई है जिसमें पश्चिम बंगाल में बढ़ रहे संगठित अपराध और टार्गेटेड हिंसा को हमने इंगित किया है ,अब ये बात तो उनको ही बुरी लग सकती है जो इनके पोषक हैं तो फिर हम क्या करें।

निर्देशक ने उदाहरण दिया कि जब इस देश मे मिशन कश्मीर, हैदर, उड़ता पंजाब, कश्मीर फाइल्स, द केरला स्टोरी जैसी मुद्दे वाली फिल्में रिलीज हो सकती हैं तो हमारी फ़िल्म को रिलीज करने में क्या बुराई है। हमने भी एक मुद्दा ही उठाया है, क्या हमने फ़िल्म में इंसानियत से परे कोई चीज दिखाई है, क्या उन बाकी फिल्मों को स्पेशल दर्जा हासिल था, हमें भी फ़िल्म रिलीज करने दिया जाए । मेरी यह फिल्म पूरी तरह बनकर तैयार है , 27 अप्रैल को पुरे हिंदुस्तान में प्रदर्शित की जाएगी। जिस की सभी तैयारी की जा चुकी है।
फ़िल्म “द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” के अभिनेता यजुर मारवाह कहते हैं कि इस फ़िल्म को लेकर वे खासे उत्साहित हैं, उनको पहली बार किसी सत्य घटना पर आधारित फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने का मौका मिला है , हम इस फ़िल्म को करने के बाद से ही वे ऐसी घटनाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो गए हैं फ़िल्म को अब तक रिलीज हो जाना चाहिए था।
फ़िल्म की अभिनेत्री अर्शिन मेहता कहती हैं कि ऐसी फिल्में बार बार नहीं बनतीं ,हमने अपने किरदार से काफी हद तक इंसाफ किया है , “द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” वहां की सत्यता को काफी हद तक हूबहू परोसने का काम करेगी । हम इस फ़िल्म को फरवरी में ही रिलीज की प्लानिंग कर रहे थे ताकि देशभर से लोग फ़िल्म के बारे में देखकर अपनी राय देते , लेकिन अब सब चीजें तो हमारे बस में नहीं रहती है।हमने अपने हिस्से का अभिनय तो कर दिया अब बस आशा में हैं की कब फ़िल्म रिलीज होगी ।
वसीम रिजवी फिल्म्स के बैनर तले बनी फिल्म ”द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” के निर्माता वसीम रिजवी उर्फ़ जितेंद्र नारायण सिंह है , फिल्म के लेखक और निर्देशक सनोज मिश्र हैं।
फिल्म के कलाकारों में अर्शिन मेहता , यजुर मारवाह, दीपक कंबोज ,अल्फिया शेख, गरिमा कपूर रीना भट्टाचार्य, गौरी शंकर, देव फौजदार, अनिल अंजुनिल, संजू सोलंकी, डा रामेंद्र चक्रवर्ती, दीपक सूठा, जितेंद्र नारायण सिंह, जनार्दन सिंह मयूर, अनुज दीक्षित, नीत महल जैसे मंझे हुए कलाकार है । फिल्म के सह निर्माता क्षत्रपाल सूर्यवंशी, संजय कुमार, और अर्जुन सिंह हैं। फ़िल्म के छायाकार सत्यपाल सिंह, संपादक रंजीत प्रसाद और संगीतकार ए आर दत्ता और पी आर ओ संजय भूषण पटियाला हैं ।