लेखक~सुभाषचंद्र
लेकिन हिन्दू संत की बात को “Hate Speech” कह कर रगड़ देंगे मिलार्ड
अभी उदयनिधि के सनातन धर्म को डेंगू और मलेरिया की तरह ख़त्म करने का प्रचंड विरोध चल ही रहा था कि कल 2G घोटाला करने वाला ए राजा भी उदयनिधि के बचाव में उतर कर एक कदम और आगे बढ़ गया और सनातन धर्म की तुलना कुष्ठ – एचआईवी से करके उसे सामाजिक कलंक बता दिया।
ए राजा को सनातन को HIV कहने से पहले पता कर लेना चाहिए कि राजनीतिक दलों में खासकर उसके साथी दलों के कौन-कौन नेता HIV और AIDS से ग्रसित हैं और कौन कौन ऐसी बीमारियों ने मरे हैं।
मर्यादा की सभी सीमाएं लांघ रहे हैं ये लोग और कुछ लोग खानापूर्ति कर रहे हैं कहते हुए कि सब धर्मों का सम्मान होना चाहिए।ऐसा कहने वाले खासतौर पर कांग्रेस के लोग तो हिंदुओं से घोर नफरत करते हैं और इसलिए आज सोनिया गांधी, राहुल गांधी,प्रियंका गाँधी सब चुप हैं क्योंकि उदयनिधि एजेंडा तो कांग्रेस का ही चला रहे हैं।
आज तो आलम यह है कि सारे विपक्षी गठबंधन के दल हिंदुओं को कुचलने में लगे हैं वहशीपन देखिए,पूर्व मुख्यमंत्री व राजद अध्यक्ष लालू यादव की पार्टी का नेता जगदानंद कह रहे है कि जो तिलक लगा कर घूमते हैं, उन्होंने ही देश को गुलाम बनाया था।
उदयनिधि अभी भी कहते है कि “मैं एक आध्यात्मिक आदमी हूं, यदि कोई धर्म लोगों को जातियों के नाम पर विभाजित करता है, उस धर्म में छुआछूत और गुलामी नज़र आती है तो मैं उस धर्म का विरोध करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा।
तमिलनाडु की स्टालिन सरकार यानी सीएम डैड की गवर्नमेंट में कैबिनेट मिनिस्टर उदयनिधि को याद होना चाहिए कि एक मजहब की पुस्तक की 26 आयतों को बैन करने के लिए उसी मजहब का व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट गया था और कहा था कि आतंकी उन आयतों को गैर-मुस्लिमों की हत्या करने के लिए उचित मानते हैं क्या उदयनिधि उस मजहब के खिलाफ भी खड़ा होने की हिम्मत करेंगे?
सनातन धर्म में जातिवाद, छुआछूत और गुलामी का “ब्रह्म ज्ञान” उदयनिधि स्टालिन को क्या आज ही हुआ है, Christianity और Islam में हिंदुओं को धर्मान्तरण करा कर ले गए थे लेकिन फिर भी कथित जातिवाद और छुआछूत से उन्हें मुक्ति नहीं दिला सके जिसका प्रमाण है कि उन Converted लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण मांग रहे हैं।
लेकिन हिंदुओं को उदयनिधि और विपक्ष के सनातन विरोधी अभियान पर बोलते हुए संयम रखना होगा, उत्तेजित हो कर कोई ऐसी बात न कहें जिससे सनातन का विरोध करने वालों को कवच मिल जाए।
मदुरै पुलिस ने अयोध्या के संत Ramchandra Das Paramhans Acharya के खिलाफ उदयनिधि का सर लाने के लिए 10 करोड़ का इनाम घोषित करने पर केस दर्ज किया है जबकि उदयनिधि के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया जिसने पूरे सनातन धर्म को ख़त्म करने की धमकी दी थी।
ऐसे बयान सनातन को हानि पहुंचा सकते हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट उदयनिधि की बातों पर ध्यान न देकर हिंदुओं की भाषा को “Hate Speech” कह कर उन्हें जेल में डलवा देगा जबकि ऐसे बयान एक तात्कालिक प्रतिक्रिया माने जा सकते हैं।
उदयनिधि और ए राजा के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए वकील विनीत जिंदल सुप्रीम कोर्ट गए हैं।मुझे उम्मीद नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट उदयनिधि के खिलाफ कोई कदम उठाएगा और हो सकता है यह भी कह दे कि “आपको अगर उसकी बात पसंद नहीं है, तो उस पर ध्यान ही मत दो, उसने सनातन को ख़त्म करने के लिए क्या कोई कदम उठाया है जो आप यहां चले आए हो।
यह आशंका मुझे इसलिए है क्योंकि जिस टूलकिट ने देश में दंगे करा दिए थे उसकी जांच कराने के लिए दायर याचिका पर चीफ़ जस्टिस चंद्रचूड़ जी ने कह दिया था कि आपको टूलकिट पसंद नहीं है तो उस पर ध्यान मत दीजिये।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट की नज़र में “Hate speech” की श्रेणी में केवल हिंदुओं के बयान आते हैं क्योंकि आज तक सुप्रीम कोर्ट ने किसी गैर – हिन्दू को जेल में नहीं डाला है।

(लेखक सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और यह उनके व्यक्तिगत विचार है)