(आलोक तिवारी)
(मथुरा)
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक / वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय, नगर आयुक्त नगर निगम मथुरा वृंदावन शशांक चौधरी, मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना सहित समाज कल्याण अधिकारी, प्रोबेशन अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी आदि के साथ समीक्षा बैठक ली।
उन्होंने बताया कि बदलती जीवनशैली के साथ, खुदरा दुकानों के माध्यम से दैनिक उपयोग की वस्तुओं और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की खपत में वृद्धि हुई है। इन्हें कागज, प्लास्टिक, कांच, धातु और अन्य कंटेनरों में पैक किया जाता है और फेंकी गई पैकिंग सामग्री अक्सर कचरे के रूप में समाप्त हो जाती है और भूमि, जल और वायु प्रदूषण का कारण बनती है। जबकि, उनमें से अधिकांश को पुनः उपयोग के लिए रीसाइकिल किया जा सकता है और वे मूल्यवान कच्चे माल में पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है।
वर्तमान कचरा संग्रह, हैंडलिंग और निपटान प्रणाली को बढ़ावा देने के साथ साथ मजबूत बनाने पर जोर दिया जाए। मुख्य रूप से पैकेजिंग सामग्री के व्यवस्थित, पुनः उपयोग और रीसाइक्लिंग के सामाजिक-आर्थिक लाभों के साथ-साथ कमियों और परिणामों पर प्रकाश डाला गया है। साथ ही, व्यक्तियों, समुदायों और अधिकारियों की भागीदारी से समस्या का संभावित समाधान विस्तृत रूप से बताया गया है। कुशल और प्रभावी प्रणाली के उदाहरण के रूप में जर्मनी में अपशिष्ट प्रबंधन का विवरण दिया गया है।
श्री कानूनगो ने नगर आयुक्त से कहा कि अपशिष्ट प्रबंधन की रिसाइक्लिंग हेतु किसी एजेंसी को नामित किया जाए और बेहतर से बेहतर व्यवस्था की जाए। छोटी छोटी दुकानों से लेकर बड़े बड़े शोरूमों से कचरा लिया जाए। मथुरा जनपद के सभी मंदिर के आस पास से कूड़े को रिसाइक्लिंग किया जाए। पानी को बोतल, नाई की दुकान से कटे हुए बाल, पॉलिथिन, चाय के कप, पानी के गिलास आदि को लिया जाए।