लेखक – डॉक्टर राजीव मिश्र
फ्रांस में चुनाव हो गए,पहले राउंड में भारी बढ़त लेने के बाद राष्ट्रवादी मरीन ली पेन की पार्टी अंतिम नतीजों में तीसरे नंबर पर पहुंच कर रह गई। वामपंथी NFP को सबसे अधिक सीटें मिलीं और राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रॉन की पार्टी दूसरे नंबर पर आ गई है।
यह कैसे हुआ, जबकि पहले राउंड के बाद दक्षिणपंथी ली पेन को भारी बढ़त मिलती दिखाई दे रही थी?
तो हुआ यह कि रातों रात मैक्रॉन और वामपंथी दलों में समझौता हुआ कि ली पेन को किसी भी तरह रोकना है।120 से अधिक सीटों पर मैक्रॉन और NFP ने एक ही कैंडिडेट खड़ा किया और दूसरी पार्टी का कैंडिडेट रेस से बाहर हो गया तो राष्ट्रवाद को रोकने की बात आई तो सभी रंग रूपों के वामपंथी एकजुट हो गए।
उधर यूके के चुनावों में क्या हुआ।लेबर के सीटों में भारी उछाल आया, लेकिन उसके वोट प्रतिशत में कुल डेढ़ प्रतिशत ही बढ़ोतरी हुई,अभी भी लेबर का वोट शेयर 33.7% ही है, लेकिन ऋषि सुनक की कनर्वेटिव पार्टी के वोट 44 से गिर कर 24% पर आ गए,तो ये वोट किधर गए।
इनमें से ज्यादातर वोट नाइजेल फैरेज की पार्टी रिफॉर्म यूके को गए।नाइजेल की पार्टी (Brexit party) को 2019 में 2% वोट थे, जो इस इलेक्शन में बढ़कर 14% हो गया और जो वोट शिफ्ट हुए, उनके पीछे ऋषि सुनक के प्रति एक नस्लीय घृणा है जैसी भारत में भी कुछ कुंठित लोगों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति जातीय घृणा के रूप में दिखाई देती है।
वोट शेयर के हिसाब से रिफॉर्म यूके लिबरल डेमोक्रेट्स से आगे तीसरे नंबर पर रही, लेकिन सीट आए कुल पांच जबकि उनसे कम वोट लेकर लिब-डेम को 72 सीट्स आए,पर इन पांच सीटों के लिए उन्होंने लेबर को भारी बहुमत से सत्ता सौंप दी, और पांच साल बाद जबतक अंग्रेज जागेंगे, इंग्लैंड की पूरी डेमोग्राफी बदल चुकी होगी।
यह मूल अंतर है लेफ्ट विंग और राइट विंग का।
वामपंथी भी सत्ता के लिए लड़ते हैं, लेकिन उनमें अंतिम गोल को लेकर स्पष्टता होती है,उनको पता है कि शत्रु कौन है, किसके हाथ में सत्ता नहीं जाने देनी है।
भारत में भी यह करना बहुत आसान है, एक नया फ्रंट खड़ा कर दो जो हिंदुत्व के नाम पर खूब बड़ी बड़ी बातें बोले।जो अपने को योगी- मोदी से बड़ा हिंदुत्व का योद्धा घोषित करे।
जब कुछ करना नहीं होता, कुछ करने की जिम्मेदारी नहीं होती तो बड़ी बड़ी बातें कहने के पैसे थोड़े ही लगते हैं।
ऐसा एक फ्रंट हिंदुत्व के शत्रुओं की वह सेवा कर जायेगा जो कोई मुस्लिम लीग, कोई MIM नहीं कर सकता।

(लेखक लन्दन में डॉक्टर हैं और यह उनके निजी विचार हैं)