★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
पुणे से संचालित क्रिप्टो बिज कम्पनी का सीईओ राहुल राठौड़ व दीपक सोनवणे को रजनीश पाटिल की शिकायत पर किया गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने 43 लोगों से 2.93करोड़ की धोखाधड़ी की,जाँच में पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट मिले
चर्चा है कि राहुल राठौड़ नें क्रिप्टो बिज कंपनी बनाकर दर्जन भर लोगो की टीम बनाकर डेढ़-दो साल से अनगिनत लोगों से करोड़ो-करोड़ की धोखाधड़ी की है
कम्पनी नें उत्तरप्रदेश, पँजाब,हरियाणा समेत कई जगहों के भारी सँख्या में निवेशकों को भारी मुनाफ़े का लालच देकर अंतरराज्यीय ठगी का गैंग चलाया
♂÷देश में इस तकनीकी के दौर में अब लुटेरों नें पहले की तरह हथियारों के दम पर डकैती डालकर लूटने की जगह अब पढ़े लिखे टेक्नोसेवी लूटेरे अत्याधुनिक तरीक़े अपनाकर करोड़ो-करोड़ की रक़म लोंगो से लूट ले रहे हैं।
लेकिन कहा जाता है न जैसी करनी वैसी भरनी या अपराधी कितने भी शातिर दिमाग़ वाला क्यू न हो क़ानून के लंबे हाथ उसकी गर्दनों को।दबोच ही लेता है।
ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के पुणे जनपद से प्रकाश में आया है।

क्रिप्टो बिज कंपनी बनाकर उनका सीईओ राहुल विजय भाई राठौड़ नें अपनी कम्पनी में कई लोगों को रखकर एक टीम बनाकर अनगिनत लोगों से कम्पनी में से जुड़कर बिजनेस कर मुनाफ़ा कमाने का लालच देकर चर्चा के अनुसार करोड़ो-करोड़ की रकम देश भर से सैकड़ों लोगो से जुटाई।
कुछ दिनों तक कहे अनुसार लोगों को फ़ायदा देकर जब उसने विश्वास जमा लिया तब अनगिनत लोगों ने अपनी भारी पूँजी लगानी शुरू कर दी।जिसके बाद क्रिप्टो बिज का मालिक राहुल राठौड़ नें निवेशकों के बिजनेस एप को काम करने से ठप करके, निवेशकों की मोटी रक़म को हड़प लिया।
ऐसे में एक निवेशक रजनीश पाटिल ने पुणे पुलिस में इस धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई जिस पर पुलिस ने 24 घण्टे के अंदर कम्पनी मालिक राहुल विजयभाई राठौड़ (35) व ओंकार दीपक भाई सोनवणे (25) को गिरफ्तार करने में सफल रही।
पुलिस अधिकारियों ने रविवार को कहा कि पुणे साइबर पुलिस ने क्रिप्टोकरंसी धोखाधड़ी मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जहां उन्होंने निवेशकों से 2.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।
पुलिस ने कहा, गिरफ्तारी रविशंकर पाटिल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर की गई, जिसने पैसे का निवेश किया था और शुरू में मुनाफा कमाया था, लेकिन बाद में रिटर्न मिलना बंद हो गया। जांच करने पर पता चला कि कुल 43 लोगों से 2.93 करोड़ रुपये की ठगी की गई।
आरोपियों की पहचान क्रिप्टोबिज कंपनी के मालिक राहुल विजयभाई राठौड़ और उसके सहयोगी ओंकार दीपक सोनावने के रूप में हुई है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद, पुलिस ने एक तलाशी अभियान शुरू किया और 24 घंटे के भीतर उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने कहा, गिरफ्तारी रविशंकर पाटिल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर की गई, जिसने पैसे का निवेश किया था और शुरू में मुनाफा कमाया था, लेकिन बाद में रिटर्न मिलना बंद हो गया।
जाँच के दौरान पुलिस को आरोपियों के पास से दो पहिया, चार पहिया वाहन,लैपटॉप,मोबाइल फ़ोन, पेन ड्राइव व अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले हैं।

हालांकि चर्चा है कि क्रिप्टो बिज कम्पनी राहुल राठौड़ नें दर्ज़न भर लोगों की टीम बनाकर देश भर से अनगिनत लोगों से करोड़ो-करोड़ की रक़म धोखाधड़ी से ठगी है।
पुलिस को इस बड़े स्तर की कथित तौर पर सैकड़ों लोगों से हुई फ्रॉडगिरी का दायरा बढ़ाकर इस मामलें को गम्भीरता पूर्वक खोले तो निश्चित तौर पर ठगी की रक़म अकल्पनीय हो सकती है।
मुख्य आरोपी राहुल विजयभाई राठौड़ व उसकी टीम नें पुणे,पँजाब,हरियाणा, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों के अनगिनत निवेशकों से भी अकल्पनीय रक़म धोखाधड़ी के ज़रिए हथियाया हुआ है।
बताया जाता है कि कम्पनी का कम्पनी एक्ट के अनुसार क्रिप्टो बिज के सीईओ राहुल राठौड़ द्वारा रजिस्ट्रेशन कराया गया है,कम्पनी के नाम से SBI बैंकव IDFC दो बैकों में करंट अकाउंट खोले गए थे।निवेशकों के द्वारा पहले बैंक खाते में पैसा मंगवाता था फ़िर अपने कम्पनी के लिए बनवाये गए एप के ज़रिए लोगों से भारी रक़म का निवेश करवाकर अमेरिकी डॉलर ख़रीदवाकर फ़िर बिकवाता था।जिसमें निवेशकों को अपना कमीशन काटकर मुनाफ़ा देता था।कुछ दिनों के दौरान निवेशकों को अच्छा मुनाफ़ा होने लगा तो लोगों के द्वारा माउथ पब्लिसिटी से अनगिनत लोंगो नें मोटी रक़म इन्वेस्ट करने लगे।

इसके बाद क्रिप्टो बिज कम्पनी का सीईओ राहुल राठौड़ व उसकी टीम नें बीते दिसम्बर के बाद से उस एप में दर्शा रही लोगों की कमाई गयी डॉलर जो कि बेहद लाखों-लाख तक में बनती थी को बंद कर दिया।जबकि लोग बीते 2022 के जून के बाद से ही पैसा निकालने में कामयाब नही हो पा रहे थे।
कम्पनी निवेशकों को मेल के जरिए झूठे आश्वासन देती रही कि कुछ जाँच चल रही है,दिसम्बर तक सबका जितना भी रुपया बनता है उसके अकाउंट में भेज दिया जाएगा।साथ ही यह भी मेल के ज़रिए निवेशकों को धमकी भी दी जाती रही कि अगर किसी ने केस किया तो कोई कुछ नही कर पायेगा और उसका पैसा भी नही मिलेगा।
तमाम निवेशक तो ऐसे ऐसे हैं जिन्होंने घर की गाढ़ी कमाई फ़साई है तो कितनो ने उधार लिया,कितनों नें सोने चांदी के जेवर बेचकर लाखों लाख की रकम निवेश की हुई है।
कुल मिलाकर पुणे पुलिस को इन सब तथ्यों को गम्भीरता से लेते हुए इस शातिर गिरोह व सरगना राहुल विजयभाई राठौड़ से कठोरता पूर्वक पूछताछ करनी चाहिए और गम्भीर धाराओं में केस दर्ज करके कड़ी सज़ा दिलाने व निवेशकों की रक़म को वापस दिलाने का काम तेज़ी के साथ करना चाहिए।
लाख टके का सवाल पुणे पुलिस के ऊपर उठ रहे हैं कि दर्जन भर से ऊपर गिरोह बनाकर अनुमानित रक़म सैकड़ो करोड़ जा सकती है की धोखाधड़ी करने वालों में से सिर्फ़ दो लोगों को ही गिरफ्त में ले पाई है।
जबकि इन सुनियोजित रूप से गम्भीर आर्थिक अपराधियो के ऊपर गैंगस्टर एक्ट के साथ ही तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज होने चाहिए थे और साथ ही इस बड़े व व्यापक अंतराज्यीय धोखाधड़ी में शामिल सभी सदस्यों की धरपकड़ होनी चाहिए।