(मुकेश सेठ)
(मुंबई)
√ रांची सांसद व केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ नें CCL को पत्र लिखकर कहा कि झारखंड के प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व वाले ४५० वर्षीय जगन्नाथ मंदिर के करिडोर बनने से होगा क्षेत्र का विकास
√ नागवंशी राजाओं द्वारा स्थापित यह मन्दिर स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े नायको का रहा केंद्र कहा केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री नें
झारखंड की राजधानी रांची के जगन्नाथ मंदिर को भगवान जगन्नाथ कॉरिडोर के रूप में विकसित करने, योग केंद्र की स्थापना और पार्क बनाने को लेकर स्थानीय सांसद और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने इसके लिए कदम उठाये है।
सांसद नें इस संदर्भ में सीसीएल को एक पत्र लिखा है,ताकि जगन्नाथ मंदिर को राष्ट्रीय पहचान मिलने के साथ ही श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने अपने पत्र में लिख है कि रांची के धुर्वा स्थित प्रभु जगन्नाथ का मंदिर झारखंड के प्राचीन और ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है,इस मंदिर की स्थापना को लगभग 450 वर्ष होने वाले हैं।
यह मंदिर आध्यात्मिक केंद्र के साथ ही ऐतिहासिक महत्व रखता है। नागवंशी राजाओं द्वारा स्थापित यह मंदिर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े नायकों की प्रमुख गतिविधियों का केंद्र रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि वर्तमान समय में इस मंदिर के समग्र विकास की आवश्यकता है ताकि राष्ट्रीय पटल पर इस परिसर को एक नई पहचान मिल सके।
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि जगन्नाथ मंदिर परिसर के पास अपनी पर्याप्त जमीन है, इसलिए यहां पुरी की तर्ज पर भगवान जगन्नाथ कॉरिडोर के साथ भव्य पार्क और योग केंद्र की स्थापना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इसके निर्माण से मंदिर परिसर में आध्यात्मिकता का भी विकास होगा और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भी सुविधा मिल सकेगी।विकास के क्रम में हम यह भी ध्यान रखें कि यहां पर होने वाली विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर आधारित हो।
रांची सांसद व केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने पत्र लिखकर कहा है कि पुरी की तर्ज पर भगवान जगन्नाथ कॉरिडोर और इस मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए सीसीएल के सीएसआर मद से आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए सूचित करें।
कुल मिलाकर मन्दिर कारिडोर बनने से दर्शनार्थ हेतु आने वाले लोगो से रांची ही नहीं बल्कि अन्य जिलों को भी आर्थिक लाभ होने के साथ विकास का पहिया तेजी से घूमेगा।