लेखक~मुकेश सेठ
पहले भी पद्मभूषण से पुरस्कृत श्रीमती सुधा मूर्ति हैं ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक की सास और दुनियां की टॉप टेन कम्पनी इंफोसिस को पति के नारायणमूर्ति के साथ कि थी स्थापना
♂÷जिनके परिवार की आर्थिक हैसियत 3.5 खरब रुपये से अधिक हो,जिन्होंने कभी अपने पति के साथ बेहद दुश्वारियों भरे दिन भी सहे हो,जिन्होंने अपने क़ाबिल पति की योग्यता पर पूर्ण विश्वास कर उनको इंफोसिस कम्पनी की शुरुआत करने के लिए मुफ़लिसी के दिनों के बावजूद भी अपने आभूषण बेचकर कम्पनी की स्थापना करवाने में पति के साथ दो लाख की रक़म जुटा कर दी हो,वह मातृशक्ति स्वरूपा श्रीमती सुधा मूर्ति को बुधवार को भारत सरकार ने पदम् पुरस्कार से सम्मानित किया।
इसके पहले भी उनको भारत सरकार द्वारा पदम् भूषण से सम्मानित किया जा चुका है।

जानना दिलचस्प व प्रेरणादायक रहेगा कि जहां देश के ही कई बड़े धनाढ़्य लोग के परिवार की महिलाएँ लाखों, करोड़ो कीमत की हैंडबैग, वस्त्र,डेढ़-डेढ़ लाख रुपये लीटर के विदेशी ड्रिंकिंग वाटर,3.5 लाख रुपये प्रति कप की दो टाइम की चाय,समेत करोड़ो खर्च कर बहुचर्चित पार्टियों में धन उड़ाते हैं तो वहीं खरबपति श्रीमती सुधा मूर्ति बेहद ही सादगी भरा जीवन जीती हैं।
श्रीमती सुधा मूर्ति शिक्षाविद, सुप्रसिद्ध लेखक,निष्णात कम्प्यूटर इंजीनियर होने के साथ ही अपने पति के.नारायणमूर्ति जो कि ख़ुद भी योग्यतम कम्प्यूटर इंजीनियर के साथ अन्य क्षेत्रों में भी काबिलियत रखते हैं के साथ इंफोसिस कम्पनी की संस्थापक हैं।
श्रीमती सुधा मूर्ति हालांकि कुछ वर्षों पूर्व अपने पति के साथ अब अपनी मल्टीनेशनल कंपनी इंफोसिस में सक्रिय भागीदारी नही निभाती हैं बल्कि समाजसेवा व लेखन में अपने को खपाया हुआ है।
वह प्रतिवर्ष पड़ने वाले पोंगल त्योहार में एक हज़ार महिलाओं के साथ लोगों का भोजन पारम्परिक रूप से मिलकर बनाती हैं और श्रद्धालुओं को खिलाती हैं।
पहले पदम् भूषण व अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के हाथों से पदम् श्री लेने वाली श्रीमती सुधा मूर्ति ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सासू माँ हैं,उनकी बेटी अक्षता मूर्ति ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर सुनक की धर्मपत्नी हैं और दोनों पति पत्नी की दो बेटियां भी हैं।

ब्रिटिश पीएम की धर्मपत्नी व श्री के नारायण मूर्ति व श्रीमती सुधा मूर्ति की सुपुत्री राष्ट्रपति द्वारा श्रीमती सुधा मूर्ति को पदम् श्री पुरस्कार से नवाज़ा जा रहा था तब वह अगली पंक्ति में भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर के बगल में विराजमान होकर इस गौरवशाली पल की गवाह बनी।
मालूम हो कि ऋषि सुनक जहां ब्रिटेन के सर्वाधिक धनाढ़्य वर्ग में शामिल बैंकर हैं तो उनकी धर्मपत्नी अक्षता मूर्ति उनसे भी ज्यादे अमीर है, अमीरी में ब्रिटेन की महारानी की हैसियत उनसे कम आंकी गयी है।
इंफोसिस कम्पनी दुनियां की सर्वाधिक महत्वपूर्ण कम्पनियों में से एक गिनी जाती है और वह दुनियां की टॉप टेन कम्पनियों में से एक है।भारत ही नही बल्कि अमेरिकी शेयर मार्केट नैस्डैक में लिस्टेड इंफोसिस की स्थापना जब 80-90 के दशक में हुई तो इंडियन शेयर मार्केट के जरिये इसने दस रुपये प्रति शेयर के जरिये लोगों से पैसा जुटाया।जानकर आश्चर्य होगा कि जो लोग उस दौरान एक लाख के शेयर इंफोसिस के लिए थे आज उनकी वैल्यू करोड़ो में है।श्रीमति सुधा मूर्ति के महती योगदान से अस्तित्व में आने वाली इंफोसिस कम्पनी देश विदेश में लाखों-लाख लोगो को उच्च वेतनमान पर नौकरी दी हुई है।