(मुकेश सेठ)
(मुंबई)
√ NCPCR अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो नें कहा सरकारी फंडिंग से चलने वाले मदरसो में तालिमुल इस्लाम और अन्य किताबों से बच्चों को पढ़ाया जा रहा कि गैर इस्लामिक लोग है काफ़िर
√ X पर एक यूजर ने लिखा कि UNICEF INDIA भारत में इस्लामी काट्रपंथियो को काफ़िरो की ह्त्या करने और गजवा-ए-हिंद को अंजाम देने की ट्रेनिंग दे रहा है क्या मोदी सरकार इनके अधिकारियों के खिलाफ़ आतंकवादी धाराओ में दर्ज करेंगे मामला
बिहार मदरसा बोर्ड के तहत चलने वाले मदरसों में पाकिस्तान में छपी जेहादी सामग्री वाली किताबों से बच्चो को तालीम दिये जाने के खुलासे से हड़कंप मच गया है।
जिसको लेकर NCPCR (National Commission for Protection of Child Rights) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बिहार के मदरसों में पाकिस्तान में छपी किताबों से कट्टरपंथी बातें पढ़ाए जाने पर चिंता जताई है। इन मदरसों को बिहार सरकार से वित्तीय मदद मिल रही है, लेकिन यह नहीं देखा जा रहा कि वे बच्चों को क्या सिखा रहे हैं।
प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट किया, “बिहार राज्य में सरकारी फंडिंग से चलने वाले मदरसों में तालिमुल इस्लाम व ऐसी ही अन्य किताबें पढ़ाई जा रहीं हैं। इस किताब में गैर इस्लाम लोगों को काफिर बताया गया है। इन मदरसों में हिंदू बच्चों को भी पढ़ाने की सूचना दी गई है, लेकिन बिहार सरकार यह नहीं बता रही है कि उनकी संख्या क्या है।”
उन्होंने लिखा, “बिहार मदरसा बोर्ड ने बताया है कि मदरसे का पाठ्यक्रम UNICEF India ने तैयार किया है। यह UNICEF और मदरसा बोर्ड द्वारा किए जा रहे तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है। बच्चों के संरक्षण के नाम पर दान में मिले और सरकारों से ग्रांट मिले पैसे से कट्टरवादी पाठ्यक्रम बनाना यूनिसेफ का काम नहीं है। RTE के इतर गतिविधि में फंड का दुरुपयोग भारत के संविधान व UNCRC का प्रत्यक्ष उल्लंघन है। संयुक्त राष्ट्र की भारत शाखा को इसकी जांच करनी चाहिए। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र को निगरानी करनी चाहिए।”
कानूनगो ने बताया, “UNICEF द्वारा तय किए गए पाठ्यक्रम में शामिल अनेक किताबें पाकिस्तान में छपवाई जाती हैं। इनकी सामग्री की जांच होनी चाहिए। मदरसा किसी भी रूप में बच्चों की बुनियादी शिक्षा का स्थान नहीं है। बच्चों को स्कूल में पढ़ना चाहिए। हिंदू बच्चों को तो मदरसों में होना ही नहीं चाहिए। मदरसा बोर्ड भंग कर दी जानी चाहिए।
राज्य शिक्षा विभाग के सूत्रों के हवाले से संकेत मिला है कि बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अनुरोध पर यूनिसेफ पाठ्यक्रम तैयार करने में शामिल था। कानूनगो के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद मदरसों में क्या पढ़ाया जा रहा है इसको लेकर बहस छिड़ गई है।
एक्स पर एक यूजर ने लिखा, “इसका मतलब है कि UNICEF India भारत में इस्लामी कट्टरपंथियों को काफिरों की हत्या करने और गजवा-ए-हिंद को अंजाम देने की ट्रेनिंग दे रहा है। क्या नरेंद्र मोदी सरकार भारत में काम कर रहे संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के खिलाफ आतंकवादी धाराओं के तहत मामला दर्ज करेगी?”
कुल मिलाकर बिहार ही नहीं देश के तमाम राज्यों में चल रहे मदरसों में कट्टरपंथ की तालीम देने और गैर इस्लामिक लोगों को काफ़िर बताने के मामले आये दिन सामने आते रहते हैं और राष्ट्र सुरक्षा से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर सियासी दलों द्वारा अपनी अपनी सियासी बढ़त हेतु बयानबाजी शुरू कर दी जाती है।