लेखक- सुभाष चन्द्र
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत करिश्मा है क्योंकि भारत की तरह वहां भी एक नरेटिव गढ़ा गया था ट्रंप के खिलाफ कि वो सत्ता में आया तो संविधान को ख़त्म कर देगा और फिर कभी चुनाव नहीं होंगे, वो तानाशाह बन जाएगा.
एक और प्रचार किया गया था कि ट्रंप की हार निश्चित है और कमला हैर्रिस की जीत पक्की है ,सब कुछ ढह गया और डोनाल्ड ट्रंप लगभग सभी Swing States में बाज़ी मार कर इतिहास रच दिया है.
जो बाइडेन प्रशासन ने बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार को उखाड़ कर इसी प्रकार के मंसूबे मोदी सरकार के विरुद्ध भी बनाए हुए थे भारत में.
राहुल गांधी और उनके पार्टी के बड़े नेताओं समेत उनके खतरनाक खेल में शामिल लोग देश में माहौल बना रहे थे कि 6 महीने में भारत में भी बांग्लादेश दोहराया जाएगा,मोदी को उखाड़ फेंका जाएगा ,जनता मोदी के घर में वैसे ही घुस जाएगी जैसे शेख हसीना के घर में घुसी थी.
राहुल गांधी पर यह आरोप भी बंग्लादेश बांग्लादेश के पत्रकार नें लगाया था कि वह शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट में शामिल शक्तियों से विदेश में मिले थे, उनके फोटोग्राफ भी मीडिया और सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे.
राहुल गाँधी अमेरिकी के कुछ ताकतों पर भरोसा किए बैठे थे कि वो भारत में मोदी सरकार को हटाने में उनकी मदद करेंगे.उसके लिए बड़े बड़े अमेरिकी अधिकारियों के साथ गुप्त मंत्रणा भी कर आये थे George Soros तो मुख्य किरदार था राहुल गांधी के लिए.
बांग्लादेश में सत्ता पलट करने में अमेरिका के डोनाल्ड लू ने बड़ी भूमिका अदा की थी जो विशेषज्ञ है किसी भी चुनी हुई सरकार को गिराने में. वो अमेरिका के Bureau Of South And Central Asian Affairs का Assistant Secretary है और लगता है उसने राहुल गांधी एवं कांग्रेस को पूरा मार्गदर्शन दिया था कि कैसे मोदी को उखाड़ना है लेकिन राहुल गांधी उसके षड़यंत्र को पूरा नहीं कर सका, यानी मोदी को उखाड़ फेंकने की तमन्ना रखने वालों को डोनाल्ड ट्रंप की जीत ने उखाड़ फेंका.
अमेरिका का यह चुनाव नतीजा राहुल गांधी और उनके साथियों के लिए जिसमें उसके पाकिस्तानी साथी भी शामिल हैं, के लिए बहुत बड़ा झटका है क्योंकि उनका सबसे बड़ा सहारा टूट कर छिन्न भिन्न हो गया और हो सकता है अब राहुल गांधी की अमेरिकी अधिकारियों से गुप्त बैठकों की जानकारी भी सामने आ जाएं जो उन्हे संकट में डाल सकती हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को दिल से बधाई दी है, जाहिर है वो बहुत खुश हैं और ट्रंप की जीत से वैश्विक स्तर पर हर देश में असर पड़ेगा.सबसे बड़ी बात तो ट्रंप ने कही कि वो यूक्रेन को तुरंत सभी मदद बंद कर देगा और इसका मतलब है कि कभी अमेरिका में कामेडी करने वाले युक्रेनि राष्ट्रपति जेलेंस्की घुटनों पर आ जाएगा.
डोनाल्ड ट्रंप से ऐसी उम्मीद की जा सकती है कि वो गुरपतवंत सिंह पन्नू जैसे भारत के wanted आतंकवादी पर लगाम लगाएं,यदि वह ऐसा करते हैं तो कनाडा को भी एक कड़ा संदेश जाएगा.
अमेरिका में भारत के एक पत्रकार नरेंद्र जोशी को मैं सुन रहा था आज, वो कह रहे थे कि कमला आए या ट्रंप, भारत के दोनों हाथों में लड्डू हैं क्योंकि भारत के संबंध दोनों के साथ ठीक रहेंगे, मैं उनकी बात से सहमत नहीं हूं ,Democrats भारत के साथ सही नहीं कर रहे.
बाइडेन प्रशासन में तेजस विमानों के लिए उनकी कंपनी GE ने Engines की supply रोकी हुई है.
चुनाव से एक हफ्ता पहले भारत की 19 defence companies को बैन कर दिया जो कुछ हथियार रूस को दे रही थी; भारत पर पूरा दबाव बनाया कि रूस से तेल लेना बंद करे; केजरीवाल के मामले में टांग अड़ा कर भारत के अंदरूनी मामलों में दखल दी और अब भारत में तख्तापलट की साजिश की जा रही थी जिसका प्रमाण है कि अमेरिकी diplomats हमारे लोकसभा चुनाव के दौरान और उसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बेवजह मिलते रहे.
आशा की जानी चाहिए कि MTN (मोदी, ट्रंप, नेतन्याहू) की तिकड़ी नया वर्ल्ड आर्डर स्थापित करने में सफल होगी.

(लेखक उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और यह उनके निजी विचार हैं)