★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
पूर्व घोषणा अनुसार 10 बजे से लेकर सायं 5 बजे तक गेट बन्द कर किसानों ने प्राधिकरण को चेताया कि समाधान नही हुआ तो एक हफ़्ते बाद करेंगे प्राधिकरण जाम
किसान नेताओं ने कहा कि 50 गाँवो के किसानों की समस्याओं की अनदेखी करने से आगामी चुनाव में सरकार को पड़ेगा भारी
♂÷उत्तरप्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के नोयडा प्राधिकरण पर आज किसानों ने हजारों की सँख्या में एकत्र होकर पूर्व घोषणा के अनुसार प्राधिकरण के दोनों गेट को सुबह से लेकर सायं 5 बजे तक बंद रखा।
किसानों नेताओं ने प्राधिकरण को चेतावनी दी कि अगर एक हफ़्ते में किसानों की समस्याओं का समाधान नही किया गया तो प्राधिकरण को जाम कर दिया जाएगा।
शाम 5:00 बजे गेट नंबर 1 को इस चेतावनी के साथ स्वयं ही किसानों ने खोल दिया कि यदि किसानों की समस्याएं एक हफ्ते में दूर नहीं हुई तो प्राधिकरण को पूरी तरह जाम कर दिया जाएगा। विदित हो कि सोमवार को प्राधिकरण अधिकारियों के साथ वार्ता के विफल होने और पूर्व घोषणा के मुताबिक किसान सभा के हजारों कार्यकर्ता मंगलवार को दोपहर 12:00 बजे तक प्राधिकरण गोल चक्कर पर इकट्ठा हुए।
वहां से जुलूस के रूप में आगे बढ़े तो प्राधिकरण के गेट नंबर 1 पर डीसीपी रामबदन के नेतृत्व में भारी पुलिस फोर्स ने किसानों को रोकने की कोशिश की लेकिन वह रोक नही पाए और हजारों किसानों ने गेट नंबर 1 पर कब्जा कर लिया।

गौरतलब है कि गेट नंबर 2 पर भारी सँख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर पहले से ही धरना प्रदर्शन कर कब्जा किए हुए हैं जिसका आज 43 वां दिन है। इस तरह हजारों की संख्या में किसानों ने दोनों गेटों पर अपनी सभा शुरू कर दी ,दोनों गेटों पर भारी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रही।
जो भी लोग प्राधिकरण में अंदर थे वह अंदर ही रहे और जो बाहर थे वह बाहर ही रह गए।
किसान सभा के प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राधिकरण सीईओ बेहद कमजोर अधिकारी है, किसान विरोधी है ,किसानों की समस्याओं का हल नहीं करना चाहती,जबकि 50 गांवों के हजारों किसान धरना दे रहे हैं। लोकतंत्र में इस तरह की संवेदनहीनता ना काबिले बर्दाश्त है।
उन्होंने आगे कहा लोक सेवक को, लोक सेवक की तरह व्यवहार करना चाहिए और किसानों की वाजिब समस्याओं का तुरंत समाधान करना चाहिए। अबकी बार किसान किसी आश्वासन अथवा लिखित आश्वासन के लिए नहीं आया बल्कि ठोस नतीजे प्राप्त करने के लिए आया हैं। किसानों ने पूरे 1 साल का मन बना कर आंदोलन की शुरुआत की है यहां पर पक्का मोर्चा लगा दिया है मोर्चा तब तक चलेगा जब तक कि किसानों की समस्याएं हल नहीं होती।
प्रवक्ता ने कहा “डेरा डालो घेरा डालो” के तहत सैकड़ों किसान प्राधिकरण पर ही घर बनाकर आज से रहना शुरू करेंगे।

किसान सभा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र भाटी ने कहा किसान विरोधी प्राधिकरण अधिकारियों को या तो किसानों की समस्याएं हल करनी होंगी या यहां से जाना पड़ेगा। उपाध्यक्ष सूबेदार ब्रह्मपाल ने कहा कि यदि प्राधिकरण ने किसानों की समस्याएं हल नहीं की तो यह आंदोलन सत्ताधारी पार्टी को आने वाले चुनाव में भारी पड़ सकता है, 50 गांव के किसान आक्रोशित हैं और बिना समस्याओं को हल कराए बिना घर जाने वाले नहीं हैं। संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि हम सभी विपक्षी पार्टियों पूर्व चेयरमैन गजराज सिंह सपा के जिला अध्यक्ष, सुधीर पूर्व अध्यक्ष, इंद्र प्रधान ,किसान यूनियन अंबावता के नेता कृष्ण बृजेश, किसान परिषद के नेता सुखबीर खलीफा और कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष कर रहे जय जवान जय किसान संगठन के नेता सुनील फौजी समर्थन में, सहयोग में शामिल रहे है।आंदोलन का हिस्सा रहे गवरी मुखिया ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम अपने पूर्वजों की जमीन पर कोई हमला नहीं होने देंगे जब तक आबादियों की लीज बैक 10% आबादी प्लाट 40 वर्ग मीटर का भूमिहीनों का प्लाट रोजगार 17.5 पर्सेंट का किसान कोटा, 120 वर्ग मीटर का न्यूनतम प्लाट और अन्य मुद्दे हल नहीं हो जाते तब तक किसान प्राधिकरण को घेरने का काम करते रहेंगे।
आंदोलनकारियों को किसान सभा के राष्ट्रीय नेता कॉमरेड हनान मौला, इंद्रजीत सिंह, पुष्पेंद्र त्यागी, मनोज कुमार सहित कई किसान संगठनों एवं राजनीतिक दलों के नेताओं ने संबोधित किया।
किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए सीटू नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा, राम सागर, भरत डेंजर, लता सिंह, मुकेश राघव, अमीचंद के नेतृत्व में सैकड़ों मजदूरों ने हिस्सा लिया इसी तरह किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए जनवादी महिला समिति कि नेता आशा यादव, चंदा बेगम, रेखा चौहान, गुड़िया देवी के नेतृत्व में दर्जनों महिला समिति की कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। प्रदर्शन में माकपा नेता भीखू प्रसाद, धर्मपाल सिंह चौहान, पथ विक्रेता कर्मकार यूनियन के नेता पूनम देवी, अमित रस्तोगी, भारती, सतीश, नेहा मिश्रा, अरुण, हरी गुप्ता, किसान नेता अमित, मोहित, शशांक, मोनू, सुरेंद्र यादव, सुरेश यादव, राजू, हरेंद्र खारी एवं हजारों महिला पुरुष किसान उपस्थित रहे।