लेखक~सुभाष चन्द्र
ये “मोहब्बत की दुकान” है या “नफरत का बाजार”,सुप्रीम कोर्ट में बैठे जज क्या बने रहेंगे“धृतराष्ट्र”!
♂÷लगातार विपक्षी नेताओं से “नफरत” भरे जहरीले बयान आ रहे हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस SVN Bhatti बेंच विगत में केवल हिंदुओं द्वारा दिए गए कथित बयानों को ध्यान में रख कर ही सुनवाई कर रही है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछेक दिन पहले हिन्दू धर्म के खिलाफ जहर उगला था और कल एक तरफ काँग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि “झूठ और नफ़रत फैला रही है भाजपा”।
उसी दिन कांग्रेस के सहयोगी दल DMK के (जो विपक्षी गठबंधन के भी सदस्य है) मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे कैबिनेट मंत्री उदयनिधि ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू की तरह ख़त्म करने की धमकी दे दी।
अब सुप्रीम कोर्ट के 2018 के निर्देशों को देखें तो राज्य सरकार को तुरंत उदयनिधि पर कार्रवाई करनी चाहिए परंतु वहां तमिलनाडु में तो उनके फ़ादर की सरकार है जिसमें वह खुद एक मंत्री है, तो फिर कार्रवाई कौन करेगा।
इसी तरह केरल में मुस्लिम लीग ने हिंदुओं को मंदिरों के बाहर काट कर लटकाने की धमकी दी लेकिन वहां भी वामपंथी सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। जबकि उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार होते हुए भी धर्म संसद में दिए गए बयानों के लिए हिन्दुओं को जेल में डलवा दिया गया था। याद रहे केरल की सत्ताधारी CPM और मुस्लिम लीग दोनों विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के सदस्य हैं।
उदयनिधि के खिलाफ यदि तमिलनाडु के बाहर Criminal Case दर्ज होगा तो सुप्रीम कोर्ट सबसे पहले उसकी गिरफ़्तारी पर रोक लगा देगा।
मुंबई जाने से पहले लालू ने प्रधानमंत्री मोदी को “गला दबाकर” मारने की धमकी दी और परसों ISRO वैज्ञानिकों से कहा कि आप लोग अगर मोदी को सूर्य पर छोड़ आएंगे तो देश का बहुत नाम होगा।
ये घटिया बयान कोई मज़ाक में दिया बयान नहीं है, यह मोदी के प्रति “नफरत” की पराकाष्ठा है जिनके खिलाफ “गठबंधन” का कोई नेता नहीं बोला है जैसे सबको लालू की यह बात मंजूर है।
अभिनेता से नेता बने उदयनिधि को अपने “ईसाई” होने पर गर्व है और इससे आप समझ सकते हैं कि इस्लामिक ताकतों के साथ साथ “ईसाई” कौम ही किस तरह हिंदुत्व को ख़त्म करने के लिए हाथ मिलाए हुए है और इन सबके ऊपर राहुल गांधी “हिंदूवादियों” को देश से निकालने के जुगत लगा रहे हैं,मणिपुर हिंसा भी “ईसाई” नफरत का ही परिणाम था।
G20 की बैठक से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य, लालू यादव के बयान, जालना में हिंसा और अब उदयनिधि की जहर भरी जुबान से निकले शब्द कहीं इशारा तो नहीं है कि सरकार दिल्ली में प्रबंध करती रहे, दंगे दिल्ली के बाहर किए जाएंगे और हिंदुओं को जमकर निशाना बनाया जाएगा उन राज्यों में,जो विपक्षी दलों के हाथों में हैं।
उदयनिधि के पिता स्टालिन और उनके पिता करुणानिधि स्वयं को “नास्तिक” कहते थे जबकि वे “ईसाई” ही थे लेकिन ऐसे “नास्तिक” थे जो केवल हिन्दू धर्म के खिलाफ बोलते थे, कभी इस्लाम या ईसाई धर्म के खिलाफ नहीं बोले
तमिलनाडु में जब से स्टालिन सत्ता में आये हैं, तब से ही हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, अनेक मंदिर तोड़ दिए गए हैं और आज इसका कारण उनके बेटे कैबिनेट मिनिस्टर उदयनिधि ने बता दिया।
काँग्रेस अध्यक्ष व सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे तो बहुत पहले ही कह चुके हैं कि सनातन धर्म और RSS के राज को रोकने के लिए मोदी को रोकना होगा।
अगर ठीक यही मार्ग पर हिन्दू चल पड़े तो वह भी सनातन व हिन्दू विरोधी विपक्षी गठबंधन दलों को वोट न देने की कसमें खा सकता हैं और यह क्रिया की प्रतिक्रिया ही होगी।

(लेखक सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हैं)