लेखक-ओम लवानिया
विजय राज बॉलीवुड के बेहतरीन कलाकार है अच्छे लिखे गये किरदारों में अभिनय कौशल भरपूर दिखलाया है, कोई भी भाव हो, बढ़िया पेश करते है।उनके सामने कितना भी नामी स्टार हो अपनी दमदार अभिनय क्षमता से उस पर भी हावी हो जाते हैं।
किन्तु इस समय चर्चा गरम है कि उन्होंने बड़े स्टार अजय देवगन को फिल्म “सन ऑफ़ सरदार २” के सेट पर सलामी नही ठोकी तो हीरो के इगो हर्ट होने के चलते फिल्म निर्माता कुमार मंगत ने विजय राज को यह कहते हुए फिल्म से आउट कर दिया कि इनकी डिमांड बड़े स्टार वाले हैं।
विजय राज के अभिनय परिचय में देखें तो डेल्ही बेली फ़िल्म के काऊबॉय को देख लें, कॉमिक व गंभीर दोनों भाव नमूना दिख जाएगा।
10-12 साल पहले ऑफ स्क्रीन विविध भारती पर इनका इंटरव्यू सुना था, कतई बोरिंग था। अभिनय यात्रा में बारे में पूछा गया तो कहते है कि, “सब हो गया”।
दरअसल, सन ऑफ़ सरदार-2 से विजय राज को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अजय देवगन से बात नहीं की तो मिसबिहेवियर के टैग के साथ फ़िल्म से निकाल दिया।
तो वही, निर्माताओं की तरफ से विजय राज की डिमांड की लिस्ट जारी की। स्पॉट बॉय की अच्छी सैलरी, वेनिटी वैन, बड़े कमरा आदि माँगे गये।
कौन सही कह रहा है।
इसका डिटेल तो क्लियर नहीं होगी। किंतु विजय राज एटीट्यूड वाले है ढाई दशक से फ़िल्म इंडस्ट्री में है तो ऐसा होना स्वाभाविक है। उधर, अजय देवगन हीरो है तो ईगो प्रॉब्लम रहता है। सेट पर लीड है तो सलाम ठोकना आवश्यक है तिस पर सामने पड़ जाये तो कतई जरुरी है।
निर्माता ने इतनी बड़ी डिमांड लिस्ट दी है जो की मजाक है। विजय राज सरीखे चरित्र कलाकार की इतनी डिमांड सुनी जाएगी, बल्कि हीरो वाला ट्रीटमेंट थोड़े रखेंगे।
बॉलीवुड की कड़वी सच्चाई है।
अगर कोई बड़ा हीरो आपको काम दे रहा है तो उसका जिक्र अपने हर वक्तव्य में आना चाहिए। उदाहरण में बॉबी देओल के इंटरव्यूज देख लें और सुनें। उनकी दूसरी पारी का गॉड फादर कौन है।
ऐसा इसलिए होता है कि ऐसे कृत्य इन हीरो की छवि प्रोफाइल में लगते है।
कपिल शर्मा के शो पर फिल्म रईस के प्रमोशन के लिए शाहरुख खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी आये थे। तब कपिल ने सवाल पूछा, आपको शाहरुख खान और सलमान खान दोनों में से किसके साथ काम करके मजा आया।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, सलमान।
इस जवाब पर शाहरुख खान के फेशियल एक्सप्रेशन देखने वाले थे चेहरे से कुढ़न झलक रही थी। कई रिल्स में देखेंगे तो एक साथ कई कलाकारों के जवाब मिक्स करके चलाए जाते है। उसमें ऐक्टर्स को अपने को-स्टार्स के साथ कितना हम्बल बतलाया जाता है।
राघव जुयाल ने एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे फ़िल्म रिलीज के दौरान प्रोडक्शन हाउसेस की टीम ऐक्टर्स के पीछे जुट जाती है और उन्हें हाईअप देती है अर्थात् पीआर साया बन जाती है।
कमर्शियल सिने फील्ड में हीरो-हिरोइन की जिंदगी में एक्टिंग स्किल्स हो या न हो, पीआर बहुत बहुत लगती है।
फ़िल्हाल विजय राज नप गये,वैसे कलाकार उम्दा है तो काम की कमी न होगी।
(लेखक फ़िल्मी समीक्षक हैं)