(मुकेश सेठ)
(मुंबई)
√ माह में दो बार सभी को पानी बचाने और पौधारोपण के लिए निकालना चाहिए समय कहा पद्मश्री उमाशंकर पांडेय नें
√ अमर क्रांतिकारी मंगल पांडे के जन्मदिवस के अवसर पर पनवाड़ी ब्लाक संसाधन केन्द्र मे पानी की पाठशाला का शुभारंभ किया जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय ने
आज भारत मे दिनों दिन जलसंकट गहराता जा रहा है ऐसे में हम सभी लोगों को जल संरक्षण के लिए अपना प्रत्येक स्तर पर योगदान देना होगा तो सरकार से हमारी मांग है कि K.G से लेकर P.G तक जल संरक्षण की शिक्षा अनिवार्य करे।

युक्त विचार जलयोद्धा के रूप में प्रसिद्ध पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ने अटल भूजल योजना तथा राज्य भूगर्भ जल विभाग के सहयोग से आयोजित पनवाणी ब्लाक संसाधन केन्द्र अंतर्गत पानी की पाठशाला का शुभारंभ करते हुए रखा।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने अपनी चार दिन की जल कोष यात्रा में कबरई विकासखंड के पसवारा ग्राम पंचायत, जैतपुर विकासखंड का अंतिम गांव धवररा तथा पनवाड़ी विकासखंड की देवगनपुरा ग्राम पंचायत तथा चरखारी विकासखंड की सुपा ग्राम पंचायत में बच्चों, किसानों तथा पानी के पहरेदारों के साथ पानी बचाने के उपायों पर चर्चा की।
जलयोद्धा ने बताया कि महोबा में आज से 1000 वर्ष पहले बुंदेलो और चंदेलों ने समुदाय के आधार पर जल संरक्षण किया था, हम तो ना जल स्रोत बचा पाए और ना ही जल संरक्षण कर पाए।जल के मामले में हमें गंभीर होना चाहिए छोटे-छोटे उपाय बड़े परिणाम लाते हैं।
पद्मश्री ने अपील की कि प्रत्येक सरकारी, गैर सरकारी, अर्ध सरकारी, सामाजिक संस्थायें लोगों में जल ज्ञान के लिए पानी की पाठशालाएं शुरू करें तथा प्रत्येक देशवासी माह में दो बार आधे घंटे जल संरक्षण व पौधारोपण के लिए समय दान दें।
उन्होंने कहा कि आज का दिन शुभ है क्योंकि देश के 1857 की क्रांति के महानायक मंगल पांडे का जन्म दिवस है और बुंदेलखंड में ही आचार्य विनोबा को भूदान के दौरान पहला ग्रामदान आज के दिन ही मिला था और यहीं पर आज पहली चलती फिरती पानी की पाठशाला का शुभारंभ किया गया है।
इस अवसर पर जल शक्ति विद्यापीठ के सचिव अंकित पांडे ने कहा कि जल बनाया नहीं जा सकता यह सभी लोगों के द्वारा मिलकर ही पानी को बचाया सकता है।
सहायक अभियंता भूगर्भ जल विभाग अक्षय कुमार ने कहा कि जल कोष यात्रा का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है, पानी की पाठशाला का अच्छे परिणाम लाएगा यह छोटी किन्तु महत्वपूर्ण शुरुआत है जल संचयन के क्षेत्र में,यह प्रयास मील का पत्थर साबित होगा।
कार्यक्रम में खंड शिक्षा अधिकारी राजेश तिवारी,थाना प्रभारी पनबडी मनीष पांडे,आईजीसी एक्सपर्ट सुमित श्रीवास्तव, एग्रीकल्चर एक्सपर्ट सौरभ श्रीवास्तव, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर डीआईपी का सराहनीय सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन आईजीसी एक्सपर्ट अखिलेश पांडे ने किया।
इस यात्रा के दौरान जल विशेषकों ने कीरत सागर, मदन सागर, विजय सागर, कल्याण सागर के दर्शन किए जहाँ हजारों साल पहले महोबा में बुंदेलखंड का सबसे अच्छा जल प्रबंधन था।