(मुकेश सेठ)
(मुम्बई)
सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने वर्ष 1975 में इन्दिरा गांधी सरकार द्वारा आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस को घेरा
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान समाजवादी व जनसंघ के नेताओं सहित देश भर से लाखों लोगों को जेल में ठूस दिया गया
आपातकाल में 253 पत्रकारों को भी भेजा गया जेल जबकि 60 लाख लोगों की कर दी गई जबरन नसबंदी बताया बीजेपी नेता ने
आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर जेल की सजा भुगतने वाले वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का रविशंकर प्रसाद ने किया सम्मान
कांग्रेस सरकार द्वारा आज से ठीक 50 वर्ष पूर्व 1975 में आपातकाल थोप कर संविधान में अनेक संशोधन करके संविधान का गला घोंटा गया था ,क्या कांग्रेस इस अपराध के लिए देश से माफ़ी मांगेगी।
कांग्रेस से उक्त सवाल दागने वाले सांसद व पुर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मुंबई में आयोजित प्रेस वार्ता में आगे कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा आपातकाल के दौरान पूरे देश को जेलखाना बनाने, विपक्षी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने, लाखों पुरुषों की जबरन नसबंदी और अत्याचार देश कि लोकतांत्रिक जनता कभी नहीं भूल सकती।
आज बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर मुंबई भाजपा कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन मेंबोल रहे थे।
प्रसाद ने आगे कहा कि आपातकाल के दौरान पूरे देश में डेढ़ लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिनमें जनसंघ और समाजवादी पार्टी जैसे प्रमुख विपक्षी दलों के सभी नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। लोकनायक जयप्रकाश नारायण और मोरारजी भाई देसाई को हरियाणा की जेल में रखा गया था, किन्तु इन दोनों नेताओं को मिलने की अनुमति नहीं दी गई थी।
जेल में आरएसएस के स्वयंसेवकों और जनसंघ कार्यकर्ताओं को शारीरिक यातनाएं दी गईं।
पुर्व केन्द्रीय क़ानून मंत्री प्रसाद ने बताया कि आपातकाल के दौरान 253 पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया था, इनमें से 110 पत्रकारों को मीसा कानून और 110 को सूचना संरक्षण कानून के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था तथा 33 पत्रकारों को अन्य गंभीर अपराधों के तहत गिरफ्तार किया गया था। कई वरिष्ठ संपादकों को भी गिरफ्तार किया गया जबकि 52 विदेशी पत्रकारों की मान्यता रद्द कर दी गई।

उन्होंने बताया कि इमरजेंसी में BBC के प्रसिद्ध पत्रकार मार्क टुली समेत 29 विदेशी पत्रकारों को भारत में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और अखबारों पर प्री-सेंसरशिप लगा दी गई थी।
सरकार द्वारा सरकारी अधिकारियों को नसबंदी का लक्ष्य दिया गया था जिसमें 60 लाख लोगों की जबरन नसबंदी कर दी गई। कई लोगों की तो शादी भी नहीं हुई थी, फिर भी उनकी नसबंदी कर दी गई।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने आज तक इस अत्याचार के लिए माफी नहीं मांगी है, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।