(राजेश बैरागी)
(गौतम बुद्ध नगर)
अमिताभ कांत समिति की सेटलमेंट पॉलिसी को धता बताने वाले तीन बिल्डरों ने यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की चार टाउनशिप प्रोजेक्ट के लगभग चार हजार दो सौ फ्लैट बायर्स की एक अदद घर पाने की उम्मीदों पर ग्रहण लगा दिया है।
रियल एस्टेट की दुनिया में कभी बड़ा नाम रहे और अब बदनाम सुपरटेक के इनमें से दो प्रोजेक्ट हैं।यीडा का भी इन तीन बिल्डरों पर चारों प्रोजेक्ट का तीन हजार करोड़ रुपया बकाया है।
नोएडा ग्रेटर नोएडा के साथ साथ यीडा क्षेत्र में भी बेईमान बिल्डरों के सताए जा रहे फ्लैट बायर्स की कमी नहीं है। फ्लैट बायर्स और बिल्डरों के बीच अटकी आवासीय परियोजनाओं को अंजाम तक पहुंचाने के लिए मार्च 2023 में केंद्र सरकार द्वारा एक वरिष्ठ नौकरशाह अमिताभ कांत के नेतृत्व में गठित समिति की सहज सरल सिफारिशें भी बेईमान बिल्डरों से पार नहीं पा सकी हैं।इन सिफारिशों को लागू कराने में नोएडा ग्रेटर नोएडा और यीडा ने बिल्डरों की मान मनौव्वल से लेकर धमकी देने तक की तरकीबें आजमाईं, परंतु ढीठ बिल्डरों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।यीडा में ऐसे 11 मामले थे जिनमें ग्यारह हजार से अधिक फ्लैट बायर्स वर्षों से अपने आशियाने के मिलने की राह देख रहे थे। अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू होने के बाद मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह के प्रयासों से प्रथम चरण में सात बिल्डर प्रोजेक्ट में 25 प्रतिशत धनराशि जमा हुई तो उनके 6879 घर खरीदारों में से 3890 की रजिस्ट्री हो गई।
अगले चरण में इन बिल्डरों से यीडा को 621 करोड़ रुपए और मिलेंगे जबकि प्रथम चरण में 407.90 करोड़ रुपए मिले थे।शेष चार टाउनशिप प्रोजेक्ट क्रमशः औरिस डेवलेपर्स प्राइवेट लिमिटेड के टी एस 02 सेक्टर 22 डी,सुपरटेक के टी एस 05 सेक्टर 22 डी व टी एस 01 सेक्टर 17 ए तथा एसडीएस इंफ्रा कॉन प्राइवेट लिमिटेड के टी एस 01 सेक्टर 26 ए के घर खरीदारों को अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों से भी कोई राहत नहीं मिल पाई।कारण,इन प्रोजेक्ट के बिल्डरों ने मुड़कर प्राधिकरण और अपने फ्लैट बायर्स की ओर देखा भी नहीं है।यीडा का इन प्रोजेक्ट पर तीन हजार करोड़ रुपया बकाया है जबकि चार हजार दो सौ फ्लैट बायर्स की किस्मत दांव पर लगी है। हालांकि यीडा सीईओ फ्लैट बायर्स के हित में कुछ बड़े और ठोस निर्णय लेने की योजना बना रहे हैं।