(राजेश बैरागी)
( गौतम बुद्ध नगर)
प्राधिकरण को इस योजना से 3200 करोड़ से अधिक का होगा लाभ: डॉ अरुणवीर सिंह
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) अपने क्षेत्र के पहले फेज को तेजी से बसाने के लिए एक साथ पांच प्रकार के भूखंडों तथा निर्मित संपत्तियों की योजना लाने जा रहा है। इनमें होटल, ग्रुप हाउसिंग और औद्योगिक भूखंड शामिल हैं। प्राधिकरण को इन भूखंडों तथा निर्मित संपत्तियों की बिक्री से 3200 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि मिलने की संभावना है।
हाल ही में 84 वीं बोर्ड बैठक में वर्तमान वित्त वर्ष के लिए 9996 करोड़ रुपए का भारी भरकर बजट निर्धारित करने वाले यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बजट के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कदम बढ़ा दिए हैं। प्राधिकरण इन कदमों से न केवल बजट के सापेक्ष राजस्व की प्राप्ति करेगा बल्कि पहले चरण के क्षेत्र को तेजी से बसाने के लिए आवश्यक औद्योगिक व व्यवसायिक गतिविधियों को भी गति देगा। मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण एक साथ होटल, ग्रुप हाउसिंग, औद्योगिक, वाणिज्यिक, मिक्स लैंड यूज के भूखंडों व निर्मित संपत्तियों को नीलामी के जरिए बेचने की योजना ला रहा है । इनमें होटल के 11 भूखंड(सेक्टर 29 में 6 व सेक्टर 28 में 5) होंगे।ये भूखंड 3100 वर्गमीटर से लेकर 20 हजार वर्गमीटर तक होंगे। इनके लिए ₹84000/- प्रति वर्गमीटर आरक्षित मूल्य रखा गया है।इन भूखंडों के लिए बोलीदाताओं की हैसियत संबंधी मानक भी बनाए गए हैं। पांच निर्मित दुकानों (प्रत्येक का क्षेत्रफल 116 वर्गमीटर) की योजना भी लाई जा रही है।ये दुकानें भूतल पर तीन तथा प्रथम तल पर दो दुकानें हैं। 112 से 140 वर्गमीटर के कॉमर्शियल फुटप्रिंट सेक्टर 22 ए में हैं जिन्हें नीलामी के जरिए बेचने की तैयारी है। ग्रुप हाउसिंग के 17 भूखंडों की योजना भी तैयार है।ये 5 भूखंड सेक्टर 17 में, 6 सेक्टर 18 में तथा 6 सेक्टर 22 डी में हैं।इनका क्षेत्रफल 16188 से लेकर 135574 वर्गमीटर तक है। मिक्स लैंड यूज के सेक्टर 24 में 19 भूखंडों की योजना लाई जाएगी जो 10 हजार वर्गमीटर से 43000 वर्गमीटर क्षेत्रफल के होंगे।8000 वर्गमीटर से कम क्षेत्रफल के 37 तथा इससे बड़े 5 औद्योगिक भूखंडों को भी आवंटित करने की तैयारी है। उल्लेखनीय है कि 8000 वर्गमीटर से कम औद्योगिक भूखंड नीलामी से तथा उससे बड़े भूखंड साक्षात्कार के माध्यम से आवंटित किए जाते हैं। डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि भिन्न प्रकार के इतने भूखंडों की योजना एक साथ लाने का उद्देश्य प्राधिकरण के राजस्व लक्ष्यों को शीघ्रता से पूरा करने के साथ क्षेत्र में निवेश आमंत्रित करना तथा रोजगार की दृष्टि से भी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इन भूखंडों की नीलामी से प्राधिकरण को 3200 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि प्राप्त होने का अनुमान है।