दालमंडी की तरह शिवदासपुर में न तबलों की थाप सुनाई देती है, न ही घुंघुरुओं की झनकार। यहां औरतें खुद देह बेचने का धंधा छोड़ना चाहती हैं, लेकिन अतीत पीछा नहीं छोड़ता। दरअसल इनकी जिंदगी ऐसी है जिसमें ‘एंट्री पॉइंट’ तो है, लेकिन ‘एक्जिट पॉइंट’ नहीं…। शिवदासपुर की बदनाम बस्ती अब काफी बदल गई है। दुनिया में यह देह की इकलौती ऐसी मंडी है जहां बेटियां धंधा नहीं करतीं। इसे बदला है गुड़िया ने।
