★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★

{मोदी के कमबैक करने के रुझान से ही दुनिया के बड़े तेल उत्पादक देश सऊदी अरब ने की घोषणा कि वह पेट्रोल-डीज़ल के मूल्यों को करेंगे थामने के प्रयास}
[सऊदी अरब ने दिए अहम बयान कि खाड़ी देशों में चल रहे तनाव को दूर कराने के प्रयास के साथ हो बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम में लाएगा सन्तुलन]
(कुछ माह पूर्व भारत दौरे पर आए सऊदी क्राउन प्रिन्स के मंत्री ने दौरे के पश्चात की थी घोषणा की महाराष्ट्र में लगाएंगे दुनिया की सबसे बड़ी रिफायनरी)
♂÷देश के सारे एग्जिट पोल पीएम नरेंद्र मोदी को एक बार फिर से शीर्षसत्ता में लौटने की बात कह रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर दुनियां के प्रमुख तेल उत्पादक खाड़ी मुल्क़ सऊदी अरब ने एक अहम बयान दिया कि वह आगामी दिनों पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी करके बाज़ार में चल रहे मूल्यों के असंतुलन को दूर करने का प्रयास करेगा।
जिसकी वजह से देश में अगला प्रधानमंत्री बनने के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती देखने को मिलेंगी।

हकीकत में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में आई गिरावट से बुधवार को घरेलू वायदा बाजार में भी कच्चे तेल के वायदा सौदों में करीब एक फीसदी की गिरावट दर्ज की गई हैं। कच्चे तेल के भाव में नरमी आने से भारत में पेट्रोल और डीजल के दामों में राहत मिलने की उम्मीद जगती है। हालिया नरमी से उम्मीद इसलिए जगी है, क्योंकि दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देश सऊदी अरब ने कहा है कि वह बाजार में संतुलन लाने की कोशिश करेगा।
वहीँ तेल बाजार के जानकार बताते हैं कि बहरहाल तेल निर्यात देशों का समूह ओपेक ने इस संबंध में अभी कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है कि वह तेल के उत्पादन में कटौती के अपने फैसले को वापस लेने जा रहा है, लेकिन ओपेक के प्रमुख सदस्य सऊदी अरब का यह बड़ा बयान है कि वह खाड़ी क्षेत्र में तनाव कम करने की दिशा में प्रयास करने के साथ-साथ तेल बाजार में मांग और पूर्ति के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करेगा।
उधर, अमरीकी पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट की ओर से मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि अमरीका में बीते सप्ताह तेल के भंडार में 24 लाख बैरल का इजाफा हुआ है। अमरीका में तेल का भंडार बढऩे से तेल के दाम पर दबाव आया है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर पूर्वाह्न् 10.17 बजे कच्चे तेल का जून अनुबंध 41 रुपए यानी 0.93 फीसदी की कमजोरी के साथ 4,374 रुपए प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

वहीं, अंतर्राष्ट्रीय बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर बेंट्र क्रूड का जुलाई सौदा पिछले सत्र से 0.64 फीसदी फिसलकर 71.72 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था जबकि अमेरिकी लाइट क्रूड डब्ल्यूटीआई का जुलाई अनुबंध नायमैक्स पर 0.87 फीसदी की कमजोरी के साथ 62.58 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
कुल मिलाकर ये देश व नए पीएम के लिए शुभ संकेत होने के साथ ही खुश होने वाली ख़बर है क्योंकि आयातित पेट्रोल-डीज़ल के लिए बेहद भारी मुद्रा निर्यातक देशो को चुकाई जाती है ऐसे में दामो में कटौती से भारत सरकार को प्रतिमाह एक मोटी रकम बचेगी जिससे देश की आर्थिक सेहत दुरुस्त भी होगी तो उस धनराशि से आधारभूत ढाँचे को खड़ा करने में मदद मिलेगी।
ज्ञात हो कि कुछ माह पूर्व ही भारत के दौरे पर आए सऊदी अरब के क्राउन प्रिन्स के साथ उनके पेट्रोलियम मन्त्री ने दौरे के पश्चात ये घोषणा कर दुनियाभर भर को चौका दिया था कि वो भारत की मदद से महाराष्ट्र में दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफायनरी लगाने जा रहा है,जिसे व्यापारिक जगत में पीएम मोदी की बहुत बड़ी उपलब्धि के तौर पर भी तेल उत्पादक देश देख रहे है क्योंकि धीरे-धीरे हिंदुस्तान तेल के मामले में आत्मनिर्भर होने की दिशा में क़दम बढ़ाना शुरू कर दिया है।