★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{वरिष्ठ पत्रकार मुकेश शर्मा ने मध्यप्रदेश के डीजीपी से मिलकर आवेदन देते हुए मांगी जान माल की सुरक्षा,कहा रेत माफ़िया को सरकार के दो मंत्रियों का है संरक्षण}
[पत्रकार शर्मा ने कहा कि उनके पास इन लोंगो के विरुद्ध है पुख़्ता सबूत जल्द ही पेश करूंगा हाईकोर्ट में,मुझे झूठे मुकदमे में फंसाने की हो रही साज़िश]
♂÷मध्यप्रदेश के ग्वालियर में स्थित दीनदयाल नगर निवासी वरिष्ठ पत्रकार एवं समाज सेवी मुकेश शर्मा ने पुलिस महानिदेशक से मिलकर माफिया से अपनी जानको खतरा बताया है और उन्होंने प्रदेश पुलिस के मुखिया से अपनी जानमाल की सुरक्षा की मांग की है।
श्री शर्मा मूल रूपसे भिण्ड जिले के थाना मौ के अन्तर्ग आनेवाले सिनोर के निवासी हैं।शर्मा ने मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक को आवेदन देकर अपनी सुरक्षा की मांग की है और रेत माफिया से अपनी जान को खतरा बताया है । वरिष्ठ पत्रकार ने पुलिस महानिदेशक को दिए गए पत्र में बताया है कि वह लगातार रेतमाफ़िया के खिलाफ खबरें लिखते आ रहे हैं जिससे बौखलाए रेत माफिया व उनके संरक्षक राजनेताओं से मुझे जान, माल का खतरा है ।

मामला भिण्ड जिले का है प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार मुकेश शर्मा ने भोपाल में प्रदेश के डीजीपी को आवेदन पत्र देकर पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाने की मांग की है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश शर्मा द्वारा रेतमाफ़िया सहित अन्य कई भ्रष्टाचार के मामलों का लगातार खुलासा अपनी कलम और भ्रष्टाचार विरोधी संगठनों के माध्यम से विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में तथा शिकायती आवेदनों के माध्यम से किया जाता रहा है । विगत कुछ माह में भिंड जिले के रेतमाफ़िया और उनके संरक्षक के खिलाफ लगातार अपनी क़लम से खुलासा करने वाले पत्रकार को जान का खतरा बना हुआ है।
भिण्ड जिले के दो वरिष्ठ राजनेता लहार विधायक गोविंद सिंह व मेहगांव विधायक ओपीएस भदौरिया जो कि वर्तमान में मध्यप्रदेश शासन में मंत्री है के माफिया से गठजोड पर खबरों से बौखलाए नेता व उनके द्वारा संरक्षित माफिया से जान माल की सुरक्षा के लिये मांग की है।

पत्रकार मुकेश शर्मा ने शासन से कहा है यदि मुझे जल्दी ही सुरक्षा मुहैया नही कराई तो कोई भी अनहोनी हो सकती है जिसके लिये पुलिस प्रशासन और रेत माफिया गोविंद सिंह (लहार) और मन्त्री ओपीएस भदौरिया स्वयं जिम्मेदार होंगे ।
अगर सरकार द्वरा जल्द सुरक्षा प्रदान नहीं कीगई तो मामला माननीय उच्च न्यायालय ओर सर्वोच्च न्यायालय भी जाएगा जहां स्वंय और परिवार की जानमाल की शुरक्षा की मांग की जायेगी ,इसके अलावा पत्रकार मुकेश शर्मा पत्रकारिता के साथ साथ देश की लगभग आधा दर्जन समाज सेवी संस्थाओं के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी हैं और भृष्टाचार के विरुद्ध कई जनहित याचिकायें न्यायालय में लड़ रहे हैं, जिनमें कुछ मामलों में निर्णय आ चुका है और कुछ में बाकी है।

संपूर्ण भारत में एवम् मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली आदि के साथ साथ भिण्ड जिले में पहले भी हत्या और मारपीट की कई घटनाएं पत्रकारों के साथ हो चुकी हैं ।
ज्ञात हो कि करीब डेढ़ वर्ष पहले भी रेत माफिया गोविंद सिंह (लहार) के गुर्गों द्वारा एक पत्रकार पर जान लेवा हमला हुआ था लेकिन तत्कालीन कमलनाथ सरकार में सहकारिता मंत्री रहने से, पुलिस ने दबाववश मामले को रफा दफा कर दिया था। आवेदक वरिष्ठ पत्रकार मुकेश शर्मा ने बताया कि रेत माफिया स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर मुझे झूंठे केस में फंसाने की भी कोशिश कर सकते हैं । मेरे पास इनके खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद हैं जो बहुत जल्द माननीय उच्च न्यायालय में पेश किए जाएंगे । ये लोग मेरे साथ कभी भी कोई भी अनहोनी घटना घटित कर सकते हैं । इसलिए मैने मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक से अपनी जान माल की रक्षा सुरक्षा की मांग की है । उपयुक्त समय में सुरक्षा न मिलने की स्थिति में मुझे न्यायालय की शरण लेनी पड़ेगी ।
वरिष्ठ पत्रकार शर्मा ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि ये केवल एक पत्रकार की बात नहीं है अपितु समूचे पत्रकार जगत पर हो रहे हमलों और हत्याओं में बड़े बड़े कद्दावर नेता, पुलिस तथा माफिया शामिल होते है । जांच के नाम पर नेताओं के दबाव में कार्यवाही ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है । अत: न्याय और सुरक्षा मिलने तक जंग जारी रहेगी ।
अब देखना यह है कि प्रदेश में कानून के सिंहासन पर विराजमान पुलिस महानिदेशक अपनी नेतिक जिम्मेदारी का निर्वाह करते हैं या फ़िर सत्ता के दबाव में………?