★मुकेश शर्मा★
★ग्वालियर★
तत्कालीन कलेक्टर /आयुक्य अग्रवाल को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिलाई भाजपा की सदस्यता मुरैना विधानसभा से लड़ सकते हैं चुनाव
♂÷ विगत दिवस ग्वालियर में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दौरान तीन रिटायर्ड आईएएस भी भाजपा की वाशिंग मशीन में शामिल हो गये। इन तीन में से दो पूर्व आईएएस के चुनाव लड़ने की भी संभावना हैं।
सबसे पहले ग्वालियर, जबलपुर के निगम कमिश्नर व छिंदवाडा, नरसिंहपुर के कलेक्टर रहे वेदप्रकाश ने भाजपा का हाथ थामा। उसके बाद पन्ना के पूर्व कलेक्टर रहे आरके मिश्रा ने भाजपा की सदस्यता ली। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय व जबलपुर सांसद ने उनको भाजपा का केसरिया पटटा डालकर सदस्यता दिलाई। वहीं सायंकाल खंडवा, मुरैना व देवास के पूर्व कलेक्टर चंबल कमिश्नर ओर आयुक्त सहकारिता रहे एमके अग्रवाल ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है और उम्मीद जताई जा रही है कि वे मुरैना विधानसभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं ।
वेदप्रकाश व एमके अग्रवाल भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले रिटायर्ड आईएएस वेदप्रकाश जबलपुर से व एमके अग्रवाल मुरैना सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ सकते है। वैसे यह काफी दिनों से अपने-अपने क्षेत्रों में विभिन्न मंचों के माध्यम से जनता के बीच सक्रिय भी हैं। बता दें कि इस साल के अंत में प्रदेश में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में रिटायर्ड अफसर भी राजनीति में किस्मत अजमा रहे हैं। इससे पहले सेवानिवृत्त आईएएस कवीन्द्र कियावत और रघुवीर श्रीवास्तव बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनको भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई थी। इसके अलावा तीन आईपीएस अधिकारी भी राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जिनमे रिटायर्ड आईपीएस पवन जैन भाजपा के टिकिट पर राजाखेड़ा राजस्थान से चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। इससे पहले भी कई रिटायर अफसर राजनीति में अपनी किस्मत पर दांव लगा चुके हैं ।
एमके अग्रवाल पर लगे गम्भीर आरोपों पर बंट चुकी है बुकलेट
मुरैना कलेक्टर रहते हुए अग्रवाल की तानाशाही के विरोध में विक्रम नगर मुरेना निवासी श्री सिकरवार द्वारा दिनांक 31/8/2009 को भ्रष्टाचार का तांडव नाम से बुकलेट छाप कर बांटी गई जिसमें एमके अग्रवाल के साथ जिला पंचायत, महिला बाल विकास अधिकारी, सरपंच आदि पर गंभीर आरोप लगाए गए लेकिन प्रदेश की सत्ता में बैठे प्रदेश अध्यक्ष और बाद मे सांसद बने केंद्रीय मंत्री के दवाब में सारे मामले दबा दिए गए। 2010 में दूसरे बुकलेट में शासन के पी जी में लगाई गई शिकायतों की प्रति के अलावा सत्ताधारी मुरैना सांसद के वरदहस्त का उल्लेख भी स्पष्ट रूप से किया गया था । इसके अलावा मुरेना गुरुकृपा प्रकाशन पर मेहरबानी, वकीलों से विरोध, भू अभिलेख अधिकारी रहे आर के सिन्हा के साथ पटवारी घोटाला, अनेतिक रूप से स्वयं सेवी संस्थाओं को करोड़ों का अनुदान, राजस्व कमिश्नर रहते हुए जमीनी घोटाले आदि मामलों में आरोपी रहते हुए कई जांचें अभी भी ठंडे बस्ते में पड़ी हैं । भोपाल निवासी आरटीआई कार्यकर्ता जेके दलाल ने एमके अग्रवाल द्वारा सहकारिता विभाग में किए गए घपले घोटालों एवं आयुष विभाग में अवेध नियुक्तियों को लेकर प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय सहकारिता एवं ग्रह मंत्री अमित शाह के कार्यालय तक शिकायत भेजी थी लेकिन सारी शिकायतों को केवल नोटिसी कार्यवाही तक सीमित कर दबा दिया गया।
अब देखना यह है कि केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर कितने और कदाचारियों को भाजपा की वाशिंग मशीन में ड़ालकर साफ़ सफ़ाई कर सकते हैं?