(मुकेश सेठ)
(मुम्बई)
CM योगी के चहेते ऑफीसर प्रशांत कुमार ने वर्किंग डीजीपी विजय कुमार से लिया चार्ज, वर्तमान में इनके पास डीजी लॉ एंड ऑर्डर, ईओडब्ल्यू का भी है महत्वपूर्ण पद
2017,2020,2021,2022,2023 में राष्ट्रपति के द्धारा सिंघम के नाम से प्रसिद्ध प्रशांत कुमार को वीरता पुरस्कार से किया गया है सम्मानित
1990 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार को शासन ने उत्तर प्रदेश का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक बनाया है।
कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक के पद से कार्यमुक्त हुए विजय कुमार से नए कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक के तौर पर प्रशान्त कुमार ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
उनको शासन में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद के द्वारा पत्र के माध्यम से डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को पर उत्तर प्रदेश का अगला कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक बनाए जाने का शासनादेश भेजा गया था।
वर्किंग डीजीपी प्रशान्त कुमार ने कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार से कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात पांच कालिदास मार्ग चीफ़ मिनिस्टर हाउस पर पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उनका आभार प्रकट किया तो मुख्यमंत्री ने प्रशांत कुमार को नए पद संभालने पर बधाई देते हुए शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चहेते अफसरों में शुमार प्रशान्त कुमार कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक, ईओडब्ल्यू और महानिदेशक कानून व्यवस्था के महत्वपूर्ण पद को भी संभाले हुए हैं।
मालूम हो कि वर्ष 1990 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईपीएस प्रशांत कुमार बिहार राज्य के सिवान जनपद के हथौड़ी ग्राम निवासी ललन प्रसाद के सुपुत्र हैं। शुरुआती दौर से ही पढ़ने hai में मेधावी प्रशान्त कुमार ने शुरुआती शिक्षा स्थानीय स्तर पर प्राप्त करने के बाद कई अन्य बड़े महानगरों में रहकर उच्च शिक्षा हासिल की,जिसमें एमबीए,एमएससी और एमफिल की डिग्री लेने के बाद उन्होंने देश की दूसरे नंबर के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी सेवा आईपीएस को क्रैक किया।
वह वर्ष 1990 के तमिलनाडु कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। वर्ष 1994 में उन्होंने यूपी कैडर की आईएएस अधिकारी डिंपल वर्मा से सात फेरे लेकर जीवनसाथी बनाया।
डिम्पल वर्मा से शादी के पश्चात प्रशांत कुमार के अनुरोध पर वर्ष 1994 में केन्द्र सरकार द्वारा उनको यूपी कैडर प्रदान किया गया।
वर्तमान में उनकी आइएएस पत्नी डिम्पल वर्मा उत्तर प्रदेश रेरा में सदस्य के तौर पर कार्यरत हैं।

वर्किंग डीजीपी प्रशांत कुमार जौनपुर, अयोध्या ,सोनभद्र, बाराबंकी ,गाजियाबाद और सहारनपुर जनपद में एसपी व एसएसपी के पद पर रह चुके हैं।मेरठ जोन के एडीजी के पद पर रहते हुए उन्होंने कई कुख्यात अपराधियों का सफाया करने में बड़ी भूमिका निभाई जिसमें उस समय डीआईजी मंज़िल सैनी जो एक वक्त में जौनपुर की भी पुलिस अधीक्षक रहते हुए काफ़ी चर्चित थी ने उनके निर्देशन में मेरठ जोन में बदमाशो का सफ़ाया करने और अपराध को न्यूनतम करने में प्रमुख भूमिका निभाई थी।
प्रशान्त कुमार को राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 2017,2020-21,22 और 23 में वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार को पुलिस विभाग में सिंघम के नाम से भी जाना जाता है, वह जिन जिलों में या परिक्षेत्र में बड़े पद पर रहे उन्होंने अपराधियों के सफाए और कानून व्यवस्था बनाए रखने का बेहतरीन कार्य किया है।
उनके द्वारा अब तक लगभग 300 एनकाउंटर और उनके देखरेख में 1 हज़ार एनकाउंटर किए जाने की बात कही जाती है।अब तक उन्हें कुल 109 कमेंडेशन/प्रशस्ति पत्र मिला हुआ है उनका सेवानिवृत्ति लाल 2025 में है।
उधर उनके जन्मस्थान बिहार राज्य के हथौड़ी ग्राम निवासी प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश का कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक बनाए जाने पर हर्षोल्लास से गदगद हैं हालाकि प्रशान्त कुमार के परिवार के लोग वर्षो से गांव में नही रहते हैं।

प्रदेश में एक बार फिर से कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक बनाए जाने पर राजनीति भी शुरू हो गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस नियुक्ति पर योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार द्वारा एक बार फिर से प्रदेश को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक दिए जाने से यह दिखाता है कि कानून व्यवस्था को लेकर वह गंभीर नहीं है।