★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
पार्टी नेतृत्व ने जिस विश्वास से जौनपुर सीट के मतदाताओं पर मोदी जी को तीसरी बार भी PM बनाये रखने का भरोसा जताते हुए मुझे टिकट दिया है जनता उसको अवश्य अंजाम तक पहुंचाएगी: कृपाशंकर
कांग्रेस की नीतियों से क्षुब्ध होकर कमल थामने वाले कृपाशंकर सिंह ने जल्द ही अपनी लोकप्रिय कार्यशैली से प्रदेश नेतृत्व,फडनवीस से लेकर मोदी शाह नड्डा की गुडबुक में हुए शामिल
महाराष्ट्र के पूर्व गृहराज्यमंत्री व आदमकद उत्तर भारतीय नेताओं में शुमार वरिष्ठ बीजेपी नेता महाराष्ट्र में पार्टी की तरफ़ से कई जिम्मेदारियों का कर रहे हैं निर्वहन
लम्बे वक्त से समाजसेवा कर बीजेपी से उम्मीदवारी की आस लिए धनपति, पूर्व सांसद,विधायक, रिटायर्ड IAS समेत दर्जनों की उम्मीदों के नही खिले कमल
मुम्बई व कई उपनगरो में उत्तरभारतीयों के द्वारा लोकसभा,विधानसभा चुनाव में प्रभावी भूमिका निभाते हैं तो वहीं BMC के इलेक्शन में रहते हैं किंगमेकर,बीजेपी कृपाशंकर के ज़रिए उत्तरभारतीयों को लाना चाहेगी पाले में
♂÷ प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी, गृहमंत्री अमित भाई शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह,भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा और 2019 के लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों को जीत में बदलने के लिए ख़ूब मंथन किया।
जिसमें हारी हुई 125 से ऊपर की सीटों को जीत दिलाने के प्रभारी बनाए गए राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, सह प्रभारी सुनील बंसल समेत पार्टी दिग्गजों ने शुक्रवार को देर रात नई दिल्ली के केंद्रीय कार्यालय में ख़ूब गुणा गणित किया परिणाम स्वरूप मोदी शाह की जोड़ी और नेतृत्व ने पिछले लोकसभा में हाथी से हारी सीट पर अबकी बार कमल छाप के लिए आदमकद उत्तर भारतीय नेता व पूर्व गृहराज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह को चुनावी योद्धा बनाया है।
मालुम हो कि वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े ज़िले जौनपुर की सदर लोकसभा सीट सपा बसपा गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी पूर्व नौकरशाह श्याम सिंह यादव से निवर्तमान सांसद डॉ. केपी सिंह परास्त हो गए थे।
इस बार बसपा अकेले चुनाव लड़ने के लिए मैदान में हैं किन्तु अभी तक उसने प्रत्याशी नही घोषित किए हुए है तो वहीं इस बार सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ गलबहियां कर चुनावी मैदान में उतरी है। समझौते के तहत जौनपुर सीट कांग्रेस के खाते में चली गई है और राहुल प्रियंका वाड्रा गांधी के करीबी माने जाने वाले पूर्व विधायक नदीम जावेद सक्रिय दिख रहे हैं किन्तु चर्चा तो यह भी है कि कांग्रेस और सपा गठबंधन के चलते यादव और मुस्लिम आसानी से इस गठबंधन के प्रत्याशी को वोट देंगे। ऐसे में कांग्रेस मुस्लिम और यादव प्रत्याशी के बजाय शायद किसी दमदार सवर्ण जाति के चेहरे पर दाव लगा सकती है।
बसपा पुराने सांसद की जगह संभवत किसी मुस्लिम या फिर ऐसे चेहरे को लाकर चौंका सकती है कि जिससे लड़ाई को त्रिकोणीय बनाया जा सके।
मालुम हो कि महाराष्ट्र के सियासी सँसार में जनप्रियता हासिल करने वाले कृपाशंकर सिंह एक ऐसी शख्सियत हैं कि चाहे वह सत्तापक्ष हो या विपक्ष सभी उनकी राजनीतिक अहमियत व उपयोगिता से वाकिफ़ है।वर्तमान में वह बीजेपी के उत्तर भारतीय नेताओं में आदमक़द नाम हैं।
महाराष्ट्र बीजेपी के उत्तर भारतीय मोर्चा के प्रदेश प्रभारी,मोदी@2024 के महाराष्ट्र जनसंपर्क सह प्रभारी के साथ बीजेपी ने सर्वाधिक महत्वपूर्ण दायित्व महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के विस्तारक की जिम्मेदारी देकर कृपाशंकर सिंह की जन लोकप्रियता,राजनीतिक अहमियत व उपयोगिता दर्शायी है।
महाराष्ट्र के गृहराज्य मन्त्री रहते अंडरवर्ल्ड व आतंकवाद पर ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर चलकर क़मर तोड़ने का काम करने वाले कृपाशंकर सिंह उत्तरप्रदेश के जौनपुर जनपद के सहोदरपुर गाँव निवासी हैं।
उक्त गांव निवासी श्री रामनिरंजन सिंह के सुपुत्र के रूप में 31 जुलाई वर्ष 1950 को जन्मने वाले कृपाशंकर सिंह का विवाह श्रीमती मालती देवी के साथ हुआ है और सुनीता सिंह व नरेन्द्र सिंह(संजय) के रूप में सुपुत्री और सुपुत्र हैं।
वर्ष 1971 में 21 वर्ष की आयु में जौनपुर से तत्कालीन बम्बई नगरिया अपने ख्वाबों को पूरे करने के लिए आये।
कुछ वर्ष नौकरी के पश्चात इनका रुझान राजनीतिक क्षेत्र में हुआ और वर्ष 1977 में काँग्रेस पार्टी से जुड़कर सियासी जगत के आसमां नापने निकल पड़े।जल्द ही अपनी प्रतिपद्ध कार्यशैली से जहाँ यह बड़े नेताओं की निग़ाहों में बसते चले गए तो हर आने वाले जरूरतमन्दों के लिए भी वक़्त ज़रूरत उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतरते रहे।
जिसके चलते तेजी से उत्तर भारतीयों के नेता के रूप में आदमक़द हो रहे कृपाशंकर सिंह को काँग्रेस ने वर्ष 1994 में विधान परिषद सदस्य के रूप में उच्च सदन में उत्तर भारतीयों की आवाज के रूप में भेजा।इसके बाद सांताक्रुज विधानसभा से लगातार तीन बार मतददाताओं ने कृपाशंकर सिंह पर भरपूर प्यार आशीर्वाद लुटाते हुए वर्ष 1999-2004-2009 में विधायक चुनकर विधानसभा में भेजा।
वर्ष 1999 से 2004 तक के काँग्रेस एनसीपी गठबंधनी सरकार में कृपाशंकर सिंह को विलास राव देशमुख व फ़िर सुशील कुमार शिंदे ने मुख्यमंत्री रहने के दौरान गृहराज्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी रखी।
गृहराज्यमंत्री रहते मुंबई पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए केन्द्र सरकार की मदद से बहुत काम किये।
गृहराज्यमंत्री रहने के दौरान श्री सिंह ने अंडरवर्ल्ड व आतंकवाद से पीड़ित रहती मुम्बई में से इन समाज व राष्ट्रविरोधी तत्वों की कमर तोड़ने में कोई कोर कसर नही शेष रखी थी।
वर्ष 2014 में देशभर में मोदी लहर अपने उरूज़ पर जा रही थी इसी दरमियान महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव हुए जिनमें काँग्रेस ने पुनः कालीना विधानसभा क्षेत्र से कृपाशंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया किन्तु इस बार वह सदन नही पहुँच पाए।
कृपाशंकर सिंह पहले ऐसे नेता कहे जा सकते हैं कि जिन्हें महाराष्ट्र काँग्रेस ने 1992 से 1996 तक लगातार चार साल तक इकलौते महासचिव बनाये रखा,ऐसा अब तक काँग्रेस के इतिहास में किसी भी नेता को सन्गठन में इस पद पर मात्र एक महासचिव के रूप में लगातार दायित्व नही मिला है।
यू तो कृपाशंकर सिंह नें सूबाई काँग्रेस के सभी बड़े नाम के साथ पार्टी के हितार्थ कार्य किये और उन लोंगो का मार्गदर्शन भी प्राप्त किया,जिनमें सबसे पहला और महत्वपूर्ण नाम है पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा ताई पाटिल का जिनके बारे में कहा जाता है कि इनके राजनीतिक मज़बूती में श्रीमती पाटिल का महती योगदान रहा है।
श्री सिंह नें श्रीमती प्रतिभा ताई पाटिल,नरेन्द्र काम्बले,सुशील कुमार शिन्दे,शिवाजी राव पाटिल,शिवाजी राव देशमुख, रंजीत देशमुख, प्रताप राव भोंसले, गोविंद राव आदिक के प्रदेश अध्यक्ष रहने के दौरान उपाध्यक्ष,सन्गठन मन्त्री व महासचिव जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को निभाते रहे।
2004 से 2009 में विधायक रहते कृपाशंकर सिंह को काँग्रेस नेतृत्व ने जहाँ पर्यवेक्षक के रूप में भेजा तो वहीं झारखण्ड, उत्तराखंड,मध्यप्रदेश व झारखण्ड में चुनाव के दौरान पीआरओ बनाकर भेजा था जहाँ वह दो वर्ष तक रहे।श्री सिंह महाराष्ट्र काँग्रेस के उपाध्यक्ष,महासचिव, सन्गठन मन्त्री व अति महत्वपूर्ण माने जाने वाले मुंबई प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी कुशलता पूर्वक काम कर चुके हैं।
2008 से 2012 तक मुम्बई प्रदेश अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान इनकी सटीक राजनीतिक रणनीति ने काँग्रेस पार्टी को सीटों की कमी खलने नही दी।
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में काँग्रेस ने सभी 6 सीट पर जीत हासिल की।
उसके छह माह बाद हुए विधानसभा चुनाव में काँग्रेस ने 17 तो गठबंधनी साथी एनसीपी ने 3 सीट जीते।
2012 में हुए बीएमसी के चुनाव में कुल 227 सीट में से काँग्रेस को 52 सीट आने पर इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए कृपाशंकर सिंह नें मुम्बई प्रदेश अध्यक्ष पद से नैतिकता के नाते राजीनामा दे दिया।
इसके बाद देश मे जहाँ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी अपने विकास कार्यो व नीतियों से जनमानस में लोकप्रिय होते जा रहे थे तो काँग्रेस अलोकप्रिय।
पूर्व गृहराज्य मन्त्री कृपाशंकर सिंह कहते हैं कि वर्ष 2019 में कश्मीर में आत्मघाती आतंकवादियों द्वारा पुलवामा में CRPF के 40 जवानों को शहीद कर देने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को फ्रीहैंड कर पाकिस्तान को कीमत चुकाने की बात कही थी।
सेना के द्वारा साहसिक सर्जिकल स्ट्राइक पर जहाँ देश सेना के शौर्य व मोदी सरकार के दमदार निर्णय की जमकर तारीफ़ कर रहा था तो काँग्रेस सेना और पीएम से सबूत मांग कर जनमानस के विपरीत जा रही थी।
उसके बाद 5 अगस्त वर्ष 2019 में मोदी सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर से धारा 370 व आर्टिकल 35 ए को हटाने पर भी काँग्रेस सरकार का विरोध कर रही थी।
ऐसी परिस्थितियों के चलते कृपाशंकर सिंह ने 5 जुलाई वर्ष 2021 में नेता विपक्ष व बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेन्द्र फडणवीस व प्रदेश चंद्रकांत दादा पाटिल के हाथों बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।
बीजेपी नेता कृपाशंकर सिंह कहते हैं कि जहाँ आने वाले वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व व गृहमंत्री अमित शाह की चुनावी रणनीति और बीजेपी अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा के निर्देशन में पार्टी अपने सहयोगियों के साथ ऐतिहासिक रूप से 400 से अधिक लोकसभा की सीट जीतकर पुनः मोदी जी की अगुवाई में केंद्र में सरकार बनायेगी।
श्री सिंह ने दावा किया कि महाराष्ट्र की बी.जेपी,शिवसेना, एनसीपी की सरकार है जिसके मुख्यमंत्री एकनाथ शिन्दे,उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस अजित पवार की अगुवाई में प्रदेश तीव्र गति से विकासोन्मुख है।
उत्तर भारतीय बीजेपी नेता ने दावा किया कि इस बार बीएमसी के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में आएगी।
उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में सभी वर्ग,समाज,सम्प्रदाय के साथ ही समूचा उत्तर भारतीयों का आशीर्वाद भारतीय जनता पार्टी के साथ है।
उत्तर भारतीय बीजेपी नेता ने दावा किया कि उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले की अगुवाई में उत्साहित बीजेपी कार्यकर्ता अपने परिश्रम से आगामी लोकसभा-विधानसभा और बीएमसी के चुनाव में ऐतिहासिक विजय दिलाने के लिए तैयार हैं।
वहीं अब शनिवार को बीजेपी के द्वारा ज़ारी पहली ही लिस्ट में जौनपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाए गए पूर्व गृहराज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह कहते हैं कि पार्टी ने जौनपुर लोकसभा क्षेत्र की जनता जो विकास के साथ ताकतवर राष्ट्र के रूप में भारत देश को देखना चाहती है उन पर अटूट भरोसा कर मुझ कार्यकर्ता को चुनावी मैदान में उतारा है।
ऐसे में देश दुनियां में शिक्षा के मरकज के रूप में मशहूर, सभी धर्मो के लोगों में आपसी प्रेम, सहयोग भाईचारे,यमदग्नि ऋषि की तपोस्थली और मां शीतला माता की पावन भूमि से अपार जनसमर्थन के बूते जौनपुर की जनता मोदी जी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए कमल का बटन दबाकर मुझे अपना प्रतिनिधि बनाकर देश की सबसे बड़ी पंचायत में अवश्य भेजेंगी।
परिश्रम का कोई विकल्प नही को जीवन का मूलमन्त्र बनाने और मानने वाले पूर्व गृहराज्य मन्त्री का सिर्फ़ सियासी चेहरा व कार्य के साथ वह अपने एनजीओ “परिश्रम” के जरिये समाजसेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय रहकर गरीबों, जरूरतमन्दों के जीवन में खुशियां बिखेरने का कार्य भी करते हैं।