(मुकेश सेठ)
(मुंबई)
√ पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने पुलिस मुख्यालय से लैंड लाइन टेलीफोन के जरिये एडीजी,आईजी,डीआईजी समेत कई एसपी ऑफ़िस में किया फोन
√ बलिया के नरही पुलिस वसूली कांड के बाद विपक्ष के निशाने पर आई योगी सरकार ने तेवर किये कड़े
√ अनेक एसपी ऑफ़िस से निराश होकर मुख्यमंत्री के दर न्याय की गुहार लगाने वाले फरियादियों की बढ़ती संख्या से सीएम खासे नाराज़
योगी सरकार भले ही दावा करे कि पुलिस चाक चौबंद और कानून लॉ एण्ड ऑर्डर सूबे में चुस्त दुरुस्त है किन्तु यह भी उतना ही सच है कि पिछले कुछेक माह में अधिकतर जिलों में क्राइम रेट उड़ान भरता दिख रहा है।
तो वहीं एसपी ऑफ़िस के दफ्तरों में फरियादियों की भीड़ पुलिस अधीक्षक के समय से न आने के कारण मायूस होकर वापस चली जा रही है या तो दोपहर तक इंतेजार करना पड़ रहा है।
वहीं थाना, कोतवाली और एसपी ऑफ़िस से त्वरित निस्तारण न होने से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में फरियादियों की भीड़ न्याय की गुहार लगाने के लिए बढ़ती जा रही है जिससे कि मुख्यमंत्री नाराज़ बताये जा रहे हैं।
तमाम जिलों के आला अधिकारियों की कार्यशैली की शिकायतें मुख्यमंत्री के यहाँ पहुँचने से नाराज़ पुलिस विभाग के कील काँटे दुरुस्त करने के क्रम में आज बुधवार को पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने आला अफसरों की ड्यूटी टाइम चेक करने के क्रम में जुट गए।
प्रदेश पुलिस के मुखिया नें पुलिस मुख्यालय से लैंड लाइन टेलीफोन के जरिये सुबह १० बजे से लेकर ११-३० बजे तक बात कर कानून व्यवस्था की जानकारी लेनी चाही तो कई जनपदों के एसपी अपने ऑफ़िस में मौजूद ही नही मिले।
डीजीपी ने कुछेक एडीजी, आईजी, डीआईजी से बात कर उनको आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
आज डाइरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस प्रशांत कुमार ने लखनउ पुलिस मुख्यालय से दस बजे के पश्चात तमाम जिलों के एसपी ऑफ़िस के लैंड लाइन फोन पर काल कर बात करके जिले के कानुन व्यवस्था के बाबत पूछताछ करनी चाही तो पुलिस अधीक्षक ११-३० बजे तक ऑफ़िस में नही पहुँचे थे।
डीजीपी ने कुछेक एडीजी, आईजी,डीआईजी से बात कर उनको कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने और सभी अफसरों को समय से दफ्तर पहुंचकर जन सुनवाई कर फरियादियों की शिकायतों पर न्यायोचित कार्यवाई कर निस्तारण पर तेजी लाने के निर्देश दिये।
डीजीपी के जीएसओ एन. रविंदर ने कहा कि पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार कुछ अधिकारियों से फोन पर बात करना चाह रहे थे लेकिन अधिकारी साढ़े 11 बजे तक अपने ऑफिस नहीं पहुंचे थे। इन अधिकारियों और कर्मचारियों के समय से ऑफिस में मौजूद ना होने पर राजकीय कार्यों व फरियादियों के शिकायतों के निस्तारण में विलंब होता है ऐसे में जनसमस्याओं के निराकरण के लिए समय से ऑफिस में उपलब्धता आवश्यक है।
इस संबंध में पुलिस महानिदेशक द्वारा पहले भी निर्देश दिए गए थे, बावजुद सुधार नही हो पा रहा है जो कि यह दर्शाने के लिए पर्याप्त है कि अभी भी पुलिस विभाग के अनेक आला अधिकारियों समेत जिला पुलिस अधीक्षक मुख्यमंत्री व डीजीपी के आदेश निर्देश को गंभीरता से लेने के लिए तैयार नही हैं।
ट्रकों से भारी वसूली की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जिस तरह से एडीजी, डीआईजी ने सादी वर्दी में रंगे हाथ बलिया के नरही पुलिस इंचार्ज समेत सभी पुलिसकर्मियों को लिप्त पाया और केस दर्ज कराया उससे योगी आदित्यनाथ सरकार पर विपक्ष को हमलावर होने का मौका दे दिया है।
कुल मिलाकर डीजीपी की अपने अधिनस्थो की टेलीफोनिक क्लास लेना उन जिलों के एसपी के लेट लतीफ कार्यशैली पर कितना टाइट कर पाते हैं यह तो आने वाले दिनों में उन जिलों के क्राइम रेट और एसपी ऑफ़ीसों में फरियादियों की घटती संख्या ही बता पायेंगे।