लेखक -सुभाषचंद्र
सरकार के UPSC के जरिए 45 पदों की सीधी भर्ती पर कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी और कांग्रेसियों ने आसमां सिर पर उठा लिया।
मालूम हो कि ये नियुक्तियां जो कि “संविदा नियुक्ति” कहलाती हैं यानी Contractual Appointments जिनके लिए आरक्षण लागू ही नहीं होता और वह केवल नियमित और स्थाई सेवाओं के लिए आरक्षण लागू होता है।
अगर इन 45 पदों में आरक्षण दे भी दिया जाए तो भी केवल 2-3 पदों के लिए ही आरक्षण होगा लेकिन राहुल गांधी ने देश भर में भ्रम फैला दिया कि जैसे करोड़ो SC/ST/OBC का आरक्षण मार दिया पीएम मोदी ने। कांग्रेस के एक नेता कुणाल शुक्ला की बात पर मेरा विशेष ध्यान गया है जिन्होंने कहा है कि“अनपढ़ संघियों को लेटरल एंट्री के जरिए बिना यूपीएसी का एक्ज़ाम दिलाये आईएएस बनाने की तैयारी है, तुम लोगों को शौचालय थमा कर अपने लोगों को सचिवालय थमा रहा है”।
इन लोगो को बस मोदी और संघ से “नफरत” है और कुछ नहीं जिसका एक सबूत और है कि ये महाशय कह रहे हैं कि “मोदी यूक्रेन कुछ अडानी का सामान बेचने गया होगा” लगता है कि इन लोगो को मति भ्रष्ट हो गयी है भारत के प्रधानमंत्री के बारे में बात करने की।
वैसे दोष इनका भी नही है जब इनकी नेता सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, प्रियंका वाड्रा आदि बड़े नेता आये दिन प्रधानमंत्री मोदी को अपमानित और अपशब्द कहते रहते हैं तो ऐसे लोग तो बोलते ही रहेंगे।
अब ऐसे अशालीन बोल बोलने वाले कांग्रेसियों को यह जानकारी होनी चाहिये कि जिस आरएसएस के लोगों को वह अनपढ़, गवार बोलते हैं उनकी शैक्षिक योग्यता पर एक नज़र जरुर डालनी चाहिए फ़िर उनसे अपनी योग्यता, विद्वता की तुलना करें।
-डॉ हेडगेवार MBBS ;
-एम एस गोलवलकर MSc (Biology);
-एम डी देवरस LLB
-राजेंद्र सिंह BSc, MSc, PhD;
-के एस सुदर्शन B Tech (Telecom);
-मोहन भागवत Graduate in Veterinary Science
और RSS की placement भी जान लेना चाहिए।
रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति;
भैरों सिंह शेखावत उपराष्ट्रपति;
Venkaiah Naidu उपराष्ट्रपति;
जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति;
अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री;
नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री;
राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री;
अमित शाह गृह मंत्री;
योगी जी मुख्यमंत्री
डॉ मोहन यादव मुख्यमंत्री,
मनोहर लाल खट्टर समेत तमाम लोग केंद्रीय मंत्री और विभिन्न पदों पर बैठकर राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं।
RSS का मूल मंत्र देश की निस्वार्थ सेवा करना है जबकि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के दौर से ही कांग्रेस की सरकारों ने देश में इतने घोटाले कर जमकर लूटा है कि उसकी गिनती भी नही की जा सकती है।
अब बात करते है कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के ज़माने से कैसे हलवा खाना शुरू हुआ लेकिन कांग्रेसियों ने देश को गुमराह कर मातम करना तब शुरू किया जब पीएम मोदी लेटरल एंट्री के तहत विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की नियुक्तियाँ करनी चाही।
कांग्रेस नेताओं ने अपनी सरकार रहने के दौरान किसको- किसको क्या बना डाला यह जानकर माथा ही चकरा जाता है कि यह एक संप्रभु देश है जो कि संविधान और योग्यता, विद्वता से चलना चाहिए कि अपनी मिल्कियत और रियासत समझकर।
प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अपनी सगी बहन विजयलक्ष्मी पंडित को बिना किसी योग्यता के उन्हें मास्को, लंदन, मेक्सिको, अमेरिका और UNO में भारत का राजदूत बना दिया था, नेहरू ने संतोष सोढ़ी और वी कृष्णमूर्ति को सरकार में सीधा पैदा किया, डी वी कपूर और IG पटेल भी सीधे आए थे।
मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री रहते इंदिरा गांधी दिल्ली यूनिवर्सिटी से उठाकर सरकार में ले आई थी, पीएम रहते राजीव गांधी ने केपी नाम्बियार को सचिव बनाया था, इनके अलावा ये भी तो आसमान से नही टपके थे।
-मोंटेक सिंह अहलूवालिया,
-सैम पित्रोदा,
-बिमल जालान,
-कौशिक बसु,
-NK सिंह,
-अरविन्द विरमानी,
-रघुराम राजन और
-नंदन नीलेकणि
इसके अलावा मनमोहन सिंह सरकार को रिमोट कंट्रोल से चलाने के लिए उस दस साल में सुपर पीएम के रुतबे वाली सोनिया गांधी की Super Authority NAC में 40 के करीब लोग जोड़ दिए गए, उन सभी लोगों को भारी भरकम तंख्वाह, सरकारी सुविधा टैक्स पेयर्स के पैसों से दी जाती रही।
वो किस UPSC से एग्ज़ाम पास करके आए थे और इन सभी भर्तियों में कितने SC/ST/OBC को आरक्षण दिया गया था, नेता विपक्ष राहुल गांधी को देश को बताना चाहिए।
वैसे राहुल गाँधी की ताकत और जलवा इतना था कि उन्होंने देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के द्वारा लाये गए अध्यादेश को सदन में ही फाड़ डाला था, तब वह क्या प्रधानमंत्री पद से भी उपर थे।
जबकि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठे लोग भी अध्यादेश में कमी देख केंद्र सरकार को वापस कर देते हैं टिप्पणी के साथ लेकिन फाड़ते नही हैं क्योंकि यह लोकतंत्र और संवैधानिक पद का अपमान माना है।
दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 223 लोग दिल्ली महिला आयोग में भर दिए, सैंड़कों Civil Defence volunteers की भर्ती कर दी और 437 specialist भर्ती कर लिए मोटी सैलरी पर, किसको आरक्षण दिया, किसी को नहीं, केवल अपने सगे संबंधियों को लेकिन राहुल या कांग्रेस ने कभी कुछ नहीं कहा जैसे इन लोगों की भर्ती में कांग्रेस के लोग भी शामिल किये थे केजरीवाल ने।
(लेखक उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और यह उनके निजी विचार हैं)